फटाफट (25 नई पोस्ट):

Saturday, January 24, 2009

अज्ञात कन्या का मर्म (राष्ट्रीय कन्या दिवस विशेष)


कन्या भ्रूण हत्या, घरेलू हिंसा और कुपोषण को हतोत्साहित करने के लिए भारत सरकार २४ जनवरी २००९ को राष्ट्रीय बालिका दिवस के रूप में मना रही है। यह उद्घोषणा महिला एवं बाल विकास मंत्री रेणुका चौधरी ने १९ जनवरी २००९ को की थी। कन्या दिवस पूरी दुनिया में मनाया जाता है। कन्या भ्रूण हत्या की वह वजह है जो भारत के लिंगानुपात को ९२५ से भी नीचे रखे हुए है। यूनिसेफ इस दिवस को २४ सितम्बर को मनाता है। १५ अक्टूबर को यह दिवस हमारे पड़ोसी देश बांग्लादेश में भी मनाया जाता है, जहाँ महिलाओं की हालत भारत से भी अधिक खराब है। दुनिया में जितने भी दिवस रखे गये हैं वो इसलिए ताकि हम उससे जुड़ी चीजों का महत्व समझ सकें। कन्या दिवस भी उसी कन्या का महत्व का समझाने के लिए है, जिसकी हालत पर मनु बेतखल्लुस ने कार्टून बनाया है और सीमा सचदेव ने कविता लिखी है।

अज्ञात कन्या का मर्म

भिनभिनाती मखियाँ
कुलबुलाते कीडे
सूँघते कुत्ते
कचरादान के गर्भ मे
कीचड़ से लथपथ
फिर से पनपी
एक नासमझ जिन्दा लाश
छोटे-छोटे हाथों से
मृत्यु देवी को धकेलती
न जाने कहाँ से आया
दुबले-पतले हाथों में इतना बल
कि हो गए इतने सबल
जो रखते है साहस
मौत से भी जूझने का
शायद यह बल
वह अहसास है
माँ के पहले स्पर्श का
वह अहसास है
माँ की उस धड़कन का
जो कोख मे सुनी थी
चीख-चीख कर कहती है
नन्ही सी कोमल काया....
मैं जानती हूँ माँ
मैं पहचानती हूँ
तुम्हारी ममता की गहराई को
तुम्हारे स्नेह को
तुम्हारे उस अनकहे प्यार को
महसूस कर सकती हूँ मैं
भले यह दुनिया कुछ भी कहे
मैं इस काबिल नहीं कि
सब को समझा सकूँ
तुम्हारी वो दर्द भरी आह बता सकूँ
जो निकली थी तेरे सीने की
अपार गहराई से
मुझे कूडादान में सबसे छुप-छुपा कर
अर्पण करते समय
यह तो सदियों से चलता आ रहा सिलसिला है
कभी कुन्ती भी रोई थी
बिल्कुल तुम्हारे ही तरह
मैं जानती हूँ माँ
तुम भी ममतामयी माँ हो
न होती
तो कैसे मिलता मुझे तुम्हारा स्पर्श
तुम तो मुझे कोख मे ही मार देती
नहीं माँ ! तुम मुझे मार न सकी
और आभारी हूँ माँ
जो एक बार तो
नसीब हुआ मुझे तुम्हारा स्पर्श
उसी स्पर्श को ढाल बना कर
मैं जी लूँगी
माथे पर लगे लाँछन का
जहर भी पी लूँगी
इससे जुड़ी प्रविष्टियाँ-

1. बालिका दिवस का नारा
2. एक महोदय बोले लड़कियों को कम फैशन करना चाहिए
3. मेरी बगिया की नन्ही कली
4. अपराधबोध!!!
5. कठपुतलियां तो नारी हैं
6. कन्या भ्रूण हत्या
7. दोषी कौन?
8. क्या नारी शक्ति आवाज़ उठा पायेगी?
तुम्हारे आँचल की
शीतल छाया न सही
तुम्हारे सीने से निकली
ठण्डी आह का तो अहसास है मुझे
धन्य हूँ मै माँ
जो तुमने मुझे इतना सबल बना दिया
आँख खुलने से पहले
दुनियादारी सिखा दिया
इतना क्या कम है माँ
कि तूने मुझे जन्मा
हे जननी!
अवश्य ही तुम्हारी लाचारी रही होगी
नहीं तो कौन चाहेगी
अपनी कोख में नौ माह तक पालना
कुत्तो के लिए भोजन
इसीलिए तो दर्द नहीं सहा तुमने
कि दानवीर बन कर
कुलबुलाते कीड़ों के भोजन का
प्रबन्ध कर सको
नहीं! माँ ऐसी नहीं होती
मुझे तुमसे कोई शिकायत नहीं
मैं ही अभागी
तुम्हारी कोख में न आती
आई थी तो
तुम्हें देखने की चाहत न करती
बस इसी स्वार्थ से
कि माँ का स्नेह मिलेगा
जीती रही, आँसू पीती रही
एक आस लिए मन में...
स्वार्थ न होता
तो गर्भ में ही मर जाती
तुम्हें लाँछन मुक्त कर जाती
किसी का भोजन भी बन जाती
पर यह तो मेरे ही स्वार्थ का परिणाम है
कि बोझ बन गई मैं दुनिया पर
कलंक बन गई तेरे माथे पर
कुत्तों, कीड़ों या चीलों का
भोजन न बन सकी
और बन गई एक अज्ञात कन्या
अज्ञात कन्या

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)

26 कविताप्रेमियों का कहना है :

संगीता पुरी का कहना है कि -

राष्ट्रीय बालिका दिवस पर बहुत अच्‍छी कतवता प्रस्‍तुत की है आपने....;आभार....सभी कन्‍याओं को उनके बेहतर भविष्‍य के लिए बहुत बहुत शुभकामनाएं।

Divya Prakash का कहना है कि -

कार्टून बहुत अच्छा लगा मुझे और कविता की ही तेरह बहुत मार्मिक है.....
वास्तव में अभी भी बहुत लोगो की मानसिकता लड़कियों को लेकर,दकियानूसी ही है ..
एक फिल्म आई थी "मात्रभूमि - A Nation without women "
मैं सभी को कहूँगा की एक बार ये फिल्म भी जरुर देखें ....बहुत दिनों तक ये फिल्म आपको परेशान करती रहेगी ...

anuradha srivastav का कहना है कि -

बेहद मार्मिक व संवेदित करती कविता। चित्र भी कविता की तरह ही प्रभावी है।

Anonymous का कहना है कि -

कविता और कार्टून के सहारे भ्रूण ह्त्या और कन्या पर मार्मिक प्रस्तुतिकरण, लेखिका और चित्रकार दोनों को बधाई, और सिर्फ़ शब्द नही जरुरत एक दृढनिश्चय की और उस पर अमल की. आगे हमें ही तो आना है.
धन्यवाद

चारु का कहना है कि -

आँखों में आँसू ला दिया आपकी कविता ने....
और मनु जी आपके कार्टून ने तो दिल दहला दिया।

manu का कहना है कि -

Hindi Tamil Telugu Kannada Malayalam Toggle between English and Hindi using Ctrl + g
कविता वाकई हौलनाक है...रोंगटे खड़े कर देने वाली.....
एक अपील नियंत्रक जी से...की इस तरह के काम के लिए कुछ समय अधिक दिया करें ...क्यूंकि समय की कमी...बिजली की किल्लत के कारण रात रात जागना पड़ता है...और अगर इस काम को किसी वजह से नहीं कर paataa to khud se bahut sharmindaa hotaa.... maaf kijiye translation me dikkat hai

Dilsher Khan का कहना है कि -

बेहतरीन , वाकई, लाजवाब, कमाल कर दिया आपने... बेहद मार्मिक...!
दिलशेर "दिल"

सीमा सचदेव का कहना है कि -

मनु जी आपका चित्र तो किसी की भी आँखों में आंसू ला दे |
मुझे नही मालूम था कि मेरी कविता पर आपको चित्र
बनाने का कार्य सौंपा जाएगा वरना मै कविता कुछ दिन पहले ही
भेज देती | मैंने कल ही यह कविता भेजी थी और मै समझ
सकती हूँ कि आपके लिए कितना मुश्किल रहा होगा यह
कार्य | उस पर भी जो मार्मिक चित्र आपने बनाया उसके लिए
आप काबिले तारीफ़ है | आपका बहुत बहुत धन्यवाद .....सीमा सचदेव

आलोक साहिल का कहना है कि -

गजब का मर्म छुपा है,सीमा जी....
बेहतरीन कविता...
मनु भाई हमेशा की ही तरह इसबार भी बेतखल्लुस..
आलोक सिंह "साहिल"

अवनीश एस तिवारी का कहना है कि -

अफ़सोस की बात तो है लेकिन कोशिश से बदल जायेगा |
रचना के लिए बधाई |

अवनीश

हरकीरत ' हीर' का कहना है कि -

सीमा जी और मनु जी आपको ढेरों आशीष इतनी सुन्‍दर प्रस्‍तुती के लिए...

Sushil Kumar का कहना है कि -

सीमा सचदेव की कविता“अज्ञात कन्या..” हृ-तंत्र को झंकृत करती हुई संवेदना की गहराई में धँसकर मानव के उस घिनौने कर्म को कायल करती है जहाँ स्त्री-जाति के प्रति घृणा और उपेक्षा का निमर्म भाव वर्तमान हो।कविता में लय और संगति पूर्णत: ‘इनटैक्ट’ है जो कविता को समकालीन कविता का दर्जा देती है।इस कविता की बड़ी विशेषता यह है कि इसकी भाषा की सरलता,भाव की संश्लिष्टता और भावपराणयता कविता को पठनीय बनाती है जो कविता-पाठ के क्रम में पाठक को कविता के अंत तक बाँधे रखती है।

सुशील छौक्कर का कहना है कि -

बालिका दिवस पर एक अच्छी रचना की प्रस्तुति।

Vinaykant Joshi का कहना है कि -

सीमा जी
मन की गहराई से लिखी गई कविता जो किसी भी संवेदनशील को झकझोरने का माद्दा रखती है ---बधाई
मनुजी
एक चित्र किसी कहानी से अधिक वजन रख सकता है, आपने दर्शाया है --- बधाई
सादर,
विनय के जोशी

Anonymous का कहना है कि -

सीमा जी
इस कविता का एक एक शब्द बहुत दिनों तक दिल पर दस्तक देता रहेगा .कई बार आप की कविता सोच आंख नम करता रहेगा
उफ़ ये शब्द ये भाव मर्म की सीमा है
सीमा जी बहुत सुंदर लिखा है आप ने
मनु जी आप का चित्र इतना कुछ कहता है की उस पर किताब लिखी जा सकती है .जो जितना चाहे पढ़ ले एसा है
सादर
रचना

Vivek Gupta का कहना है कि -

बेहतरीन

Prakash Badal का कहना है कि -

वाह वाह मनु भाई का कार्टून तो अपने आप में एक सटीक और ज़बर्दस्त कविता कह रहा है। भाई मनु! कहाँ से ऐसे ख्याल आजाते हैँ वाह वाह क्या ज़बर्दस्त है। आप एक दिन चमकेंगे। और सब आपकी चमक के आगे फीके होंगे।


कविता भी बहुत अच्छी और सटीक है। कवियत्रि को भी मेरी बधाई।

एक शेर मैं भी बेटियों के कातिलोँ पर ठोंक ही देता हूँ मुझे उम्मीद है कि ये मेरी बददुआ उन सब को लगेगी जिनको मैं चाहता हूँ।


" कोख़ को जो, 'बेटियोँ की कब्र' बना देते हैं।

उन सभी लोगों को हम बददुआ देते हैं।
"

Divya Narmada का कहना है कि -

माम्र्स्पर्शी रचना,
सटीक प्रभावी चित्र.
कवयित्री और चित्रकार दोनों को साधुवाद.
कविता में शब्दचित्र.
रेखाचित्र में कविता.

dschauhan का कहना है कि -

उनके प्रति अपना भी कुछ फर्ज़ है!
हम पर भी तो उनका भारी कर्ज़ है!!
इसमे फ़र्ज के कर्ज में भी अपनी ही गर्ज है!
आओ मुमकिन कर लें यह भी कोई मर्ज है!!

सीमा सचदेव का कहना है कि -

आप सब के स्नेह और कविता पर अपनी टिपण्णी देने के लिए हार्दिक धन्यवाद | यह कविता कन्या दिवस पर आई तो उसे आप सब लोगों की इतनी सराहना मिली , वरना पहले मई यह कविता एक बार यूनिकवि प्रतियोगिता हेतु भेज चुकी हूँ और इसे दसवां स्थान भी हासिल नही हुआ था | सच्च कहते हैं न हर चीज अनुकूल समय पर ही
शोभा देती है |

कविता प्रकाशित करने के लिए हिन्दयुग्म को धन्यवाद

KAVI का कहना है कि -

SACH MEIN KAVITA INSAAN K ANTRMAN KO JGA DENE VALI HAI.KAASH HR KOI IS KAVITA KO PDHE OR JAAG JAYE K BETIYA HMARE SUNDER BHAVISHYE K LIYE HI JANAM LETI HAIN.KUKI AGR BETIYA HI NAHI HONGI TO BETO KO JNM DENE VALI MAA KAHAN SE LAAOGE...

goldi tewari का कहना है कि -

अति उत्तम रचना !
भावापूर्ण शैली से कुछ नया सिखने को मिला !
धन्यवाद!

raybanoutlet001 का कहना है कि -

red valentino
ferragamo shoes
skechers shoes
under armour shoes
texans jerseys
michael kors handbags
pandora jewelry
nike trainers uk
seattle seahawks jerseys
nike air huarache

raybanoutlet001 का कहना है कि -

michael kors handbags clearance
nike blazer pas cher
michael kors handbags
patriots jerseys
yeezy boost 350 black
michael kors outlet store
red valentino
adidas nmd r1
longchamp bags
nike air huarache

Unknown का कहना है कि -

polo ralph lauren outlet
jordan 8
mbt shoes
michael kors handbags
49ers jersey
ugg boots
mont blanc pens outlet
cheap ray bans
michael kors uk
fitflops sale
20170429alice0589

Anonymous का कहना है कि -

!! जन्म - जन्म के रिश्ते नाते
माँ के पावन आँचल से ही आते !!
माँ ही आज ममता के
अस्तित्व को तलाश रही है ?
वो देखो दूर कही कूड़ेदान में
किसी मासूम की आत्मा झाँक रही है ��
������������������������

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)