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Tuesday, March 15, 2011

वार्षिकोत्सव 2010 की रौनकें



सुशील कुमार की पुस्तक 'तुम्हारे शब्दों से अलग' का विमोचन करते अतिथिगण

विगत 5 मार्च 2011 को हिन्द-युग्म ने अपना 'वार्षिकोत्सव 2010' मनाया। यह आयोजन नई दिल्ली के राजेन्द्र भवन सभागार में सुबह 11‍ः45 से दोपहर 3 बजे तक वरिष्ठ साहित्यकार वीरेन्द्र कुमार बरनवाल, वरिष्ठ कवयित्री अनामिका, प्रसिद्ध बाल साहित्यकार और लेखक प्रकाश मनु, वरिष्ठ कथाकार पंकज बिष्ट, युवा कवि सुशील कुमार, वरिष्ठ कवयित्री डॉ. मधु चतुर्वेदी इत्यादि के सानिध्य में संपन्न हुआ। संचालन हरियाणा के वरिष्ठ साहित्यकार श्याम सखा श्याम ने किया।

कार्यक्रम कई चरणों में विभाजित था। कार्यक्रम की शुरूआत एक लघु फिल्म 'इट्स रिंगिंग' के प्रदर्शन से हुई। गौरतलब है कि इस फिल्म का निर्माण हिन्द-युग्मी दिव्य प्रकाश दुबे और इनके साथी मित्रों की कम्पनी मास्टर-स्ट्रोक प्रोडक्शन ने किया है। यह लघु फिल्म फरवरी 2011 में भुवनेश्वर में आयोजित हुए एक अंतरराष्ट्रीय लघु फिल्म महोत्सव में निर्णायकों का ध्यान खींच चुकी है। हिन्द-युग्म ने इस फिल्म का पहला सार्वजनिक प्रदर्शन किया।


प्रदर्शित फिल्म 'इट्स रिन्गिंग' का एक दृश्य'

इसी कार्यक्रम में वर्ष 2010 के 12 यूनिकवियों को सम्मानित किया गया। यूनिकवि सम्मान 2010 से सम्मानित कवियों में एम॰ वर्मा, कृष्णकांत, विमल चंद्र पाण्डेय, संजीव कुमार सिंह, मृत्युंजय साधक, आलोक उपाध्याय 'नज़र', अनिल कार्की, सुभाष राय, महेन्द्र वर्मा, अपर्णा भटनागर, वसीम अकरम और स्वप्निल तिवारी आतिश शामिल हैं। इस उत्सव में समय-समय पर सम्मानित यूनिकवियों ने अपनी प्रतिनिधि कविता का पाठ भी किया। काव्यपाठ करने वाले कवियों में कृष्णकांत, अनिल कार्की, स्वप्निल तिवारी आतिश, आलोक उपाध्याय 'नज़र', एम॰ वर्मा, मृत्युंजय साधक और वसीम अकरम के नाम प्रमुख हैं।


यूनिकवि सम्मान ग्रहण करते कवि स्वप्निल तिवारी 'आतिश'

युवा कवि सुशील कुमार के कविता-संग्रह 'तुम्हारे शब्दों का विमोचन' मुख्य अतिथि वीरेन्द्र कुमार बरनवाल और अन्य उपस्थित अतिथियों के कर कमलों के द्वारा हुआ। सुशील कुमार हिन्दी के चर्चित युवा कवि हैं और अपने खास तेवर और शैली के लिए पहचाने जाते हैं।


काव्यपाठ करते यूनिकवि कृष्णकांत


पॉवर प्वाइंट पर 'हिन्द-युग्म'

हिन्द-युग्म ने अपने इस वार्षिकोत्सव से 3 नये तरह के सम्मान देने की शुरूआत की है। इस कड़ी में पहला सम्मान 'हिन्द-युग्म शमशेर अहमद खान बाल साहित्यकार सम्मान 2011' है। यह सम्मान हिन्दी के महत्वपूर्ण बाल साहित्यकार, पर्यावरणविद और लेखक शमशेर अहमद खान की स्मृति में शुरू हुआ है। उल्लेखनीय है कि शमशेर अहमद खान का पिछले महीने ब्लड कैंसर नामक भयंकर बीमारी से देहावसान हो गया था। शमशेर अहमद खान हिन्द-युग्म से भी जुड़े थे और हिन्द-युग्म के लिए दिल्ली और इसे आस-पास के स्थानों की साहित्यिक और सांस्कृतिक रिपोर्टिंग करते रहे थे। शमशेर अहमद खान के नाम का सम्मान हिन्द-युग्म ने दो वरिष्ठ सदस्यों श्रीमती सुनीता प्रेम यादव और श्रीमती रंजना भाटिया 'रंजू' को प्रदान किया गया। जहाँ श्रीमती सुनीता प्रेम यादव को यह सम्मान बाल-साहित्य के प्रचार-प्रसार के लिए प्रदान किया गया, वहीं श्रीमती रंजना भाटिया को यह सम्मान बाल-साहित्य के रचनाकर्म में लम्बे समय से योगदान करने के लिए दिया गया।


सम्मान ग्रहण करतीं श्रीमती रंजना भाटिया 'रंजू'


श्रीमती सुनीता प्रेम यादव के लिए सम्मान ग्रहण करतीं श्रीमती नीलम मिश्रा

हिन्द-युग्म ने दूसरा सम्मान असम राज्य के प्रमुख गांधीवादी नेता लोकप्रिय गोपीनाथ बारदोलोई के नाम पर आरम्भ किया है। गोपीनाथ बारदोलोई पूर्वोत्तर में हिन्दी के प्रचार-प्रसार और राष्ट्रीय एकता का पक्ष लेने वालों में अग्रणी थे। भारत रत्न लोकप्रिय गोपीनाथ बारदोलोई असम के पहले मु्ख्य मंत्री थे और इनकी अध्यक्षता में असम हिन्दी प्रचार समिति की स्थापना हुई थी। 'हिन्द-युग्म लोकप्रिय गोपीनाथ बारदोलोई हिन्दी सेवी सम्मान 2011' हिन्द-युग्म के सबसे चर्चित स्तम्भ 'ओल्ड इज़ गोल्ड' के स्तम्भकार श्री सुजॉय चटर्जी को दिया गया है। सुजॉय चटर्जी मूलरूप से असम के हैं, इनकी मातृभाषा बंगाली है, लेकिन विगत 2 वर्षों से 'ओल्ड इज़ गोल्ड' के माध्यम से रोज़ाना सदाबहार हिन्दी फिल्मी गीतों की चर्चा हिन्दी में कर रहे हैं। 'ओल्ड इज़ गोल्ड' के अभी तक 610 से भी अधिक एपिसोड प्रकाशित हो चुके हैं। सुजॉय ने एक और नया कॉलम 'सुर-संगम' आरम्भ किया है, जिसमें वे उन गीतों की बात करते हैं जो शास्त्रीय-संगीत से ओत-प्रोत या प्रभावित हैं। यह सम्मान एक गैर हिन्दीभाषी द्वारा हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान के लिए निर्धारित किया गया है।


सम्मान ग्रहण करते सुजॉय चटर्जी

तीसरा महत्वपूर्ण सम्मान संगीत निर्माण में उल्लेखनीय योगदान तथा योगदान के लिए ऋषि एस को प्रदान किया। यह सम्मान हिन्दी फिल्मी संगीत के बेहद मशहूर और प्रतिभावान संगीतकार सी. रामचंद्र (चितलकर) के नाम पर 'हिन्द-युग्म अन्ना साहब संगीत सम्मान' के रूप में शुरू किया गया है। हम सभी जानते हैं कि अन्ना साहब संगीत में बदलावों के पक्षधर थे और इन्होंने पारम्परिक संगीत निर्माण से बहुत अलग जाकर लोकप्रिय धुनों की रचना की। ऋषि एस हिन्द-युग्म के आदि संगीतकार हैं। आज हिन्द-युग्म ने 70 से अधिक गीतों को संगीतबद्ध किया है, जिसमें 10 से अधिक कविताओं को संगीतबद्ध करना भी शामिल है। ऋषि एस एक ऐसे युवा संगीतकार हैं जिन्होंने उस समय कविताओं को संगीतबद्ध करने की चुनौती स्वीकारी जब हिन्द-युग्म ने ऐसा करने का केवल विचार ही रखा था। ऋषि एस की ओर से यह सम्मान पुणे से पधारे महफिल-ए-गज़ल के स्तम्भकार और कवि विश्व दीपक ने ग्रहण किया।


संगीता स्वरूप की पुस्तक 'उजला आसमाँ' का लोकार्पण

इसी कार्यक्रम में युवा कवयित्री श्रीमती संगीता स्वरूप के कविता-संग्रह 'उजला आसमाँ' का विमोचन भी वरिष्ठ कवयित्री डॉ. मधु चतुर्वेदी के हाथों हुआ।

वरिष्ठ साहित्यकार और बाल-साहित्य-मीमांसक प्रकाश मनु ने बाल-साहित्य से जुड़ने के अपने अनुभव बाँटे, वहीं मुख्य अतिथि वीरेन्द्र कुमार बरनवाल ने कहा कि हिन्द-युग्म ने लोकप्रिय गोपीनाथ बारदोलोई के नाम पर सम्मान शुरू करके एक उल्लेखनीय काम किया है। यह बहुत खुशी की बात है कि गाँधी जी के समय के एक ऐसे नेता को हिन्द-युग्म याद कर रहा है, जिन्होंने हिन्दी भाषा को पूर्वोत्तर में रोपने का काम किया।


अपना वक्तव्य देते प्रकाश मनु


अपना वक्तव्य देते वीरेन्द्र कुमार बरनवाल

वरिष्ठ कवयित्री अनामिका ने कहा कि इंटरनेट हमारी विलम्बित और निलम्बित सपनों को पूरा करने का माध्यम है। इस वर्चुअल स्पेस में हर किसी के लिए स्पेस है, जहाँ आपके सपनीले आँगन में कोई ढेला नहीं फेंक सकता। बहुत से युवा बनना कुछ चाहते हैं और बन कुछ जाते हैं। इंटरनेट उन्हीं अधूरे सपनों को पूरा करने का मौका देती है। इसमें अनंत सम्भावनाएँ हैं, और मुझे खुशी है कि हिन्द-युग्म ने इस माध्यम का बहुत ही सकारात्मक इस्तेमाल किया है।


अपना वक्तव्य देतीं अनामिका

धन्यवाद ज्ञापन श्री प्रेमचंद सहजवाला ने किया।

कार्यक्रम के तस्वीरों की स्लाइड शो


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18 कविताप्रेमियों का कहना है :

प्रवीण पाण्डेय का कहना है कि -

सफल आयोजन की हार्दिक शुभकामनायें।

KAVITA का कहना है कि -

"वार्षिकोत्सव 2010 की bahut hi sundar prastuti.. aabhar

manu का कहना है कि -

behatreeen abhivyakti...


badhaaaayi...........

!!!

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M VERMA का कहना है कि -

सफल आयोजन की सुन्दर रिपोर्ट

निर्मला कपिला का कहना है कि -

सफल आयोजन पर सभी को हार्दिक बधाई।

Aruna Kapoor का कहना है कि -

इस कार्यक्रम का आयोजन बहुत ही सफल्र रहा!...यहां उपस्थित रहना एक अलौकिक आनंद प्राप्त करने के समान था!...बहुत से ब्लोगर मित्रों से मिलना भी आनंदप्रद रहा!...हिन्दयुग्म के संपादक श्री शैलेश भारतवासी और अन्य सभी सक्रिय कार्यकर्ताओं और यहां उपस्थित रहकर प्रेरणा प्रदान करने वाले मेहमानों का हार्दिक अभिनंदन!...मुझे गर्व है कि मै भी अपनी पुस्तक 'उनकी नजर है हम पर...' के माध्यम से हिंदयुग्म पब्लिकेशन के साथ हंमेशा के लिए जुड गई हूं!...विजेताओं को ढेरों बधाइयां!

deepak का कहना है कि -

शैलेश भारतवासी जी सफल वार्षिकोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं !!
इस वार्षिकोत्सव में उपस्थित होने की बहुत इच्छा थी पर संभव नहीं हो सका ...

rachana का कहना है कि -

safal aayojan ke liye badhai
rachana

संगीता स्वरुप ( गीत ) का कहना है कि -

सुव्यवस्थित आयोजन के लिए बधाई ....मेरी पुस्तक का विमोचन करवाने लिए आभार

RAKESH JAJVALYA राकेश जाज्वल्य का कहना है कि -

हिन्दयुग्म के वार्षिकोत्सव-2010 के सफल आयोजन पर ढेरों बधाइयां!

Shanno Aggarwal का कहना है कि -

आयोजन बढ़िया और सफल रहा.

Gangesh Kumar का कहना है कि -

सफल आयोजन किया गया इसके लिए हिन्द-युग्म परिवार को बहुत बधाई.................
गंगेश की तरफ से...............
काबिलेतारिफ.................

लक्ष्‍मीकांत त्रिपाठी का कहना है कि -

outstanding!

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