विगत वर्षों मे मासिक यूनिप्रतियोगिता का निर्बाध आयोजन हिंद-युग्म के लिये सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों मे से एक है। इसीलिये जनवरी माह मे प्रतियोगिता के 49 माहों का पड़ाव पार कर लेना हमारे लिये बेहद उत्साहजनक और भावनात्मक अवसर रहा। जैसा कि हमने पहले भी कहा था कि प्रतियोगिता के पचासवें संस्करण को हमने अलग और विशिष्ट तरीके से मनाने का निर्णय किया है। इसीलिये फ़रवरी माह की प्रतियोगिता के मासिक प्रारूप को स्थगित करते हुए हम इसे व्यापक और धमाकेदार तरीके से मनाना चाहते हैं। पचासवीं प्रतियोगिता की संशोधित विज्ञप्ति 1-2 दिनों के भीतर ही आपके समक्ष होगी और इसका फ़लक भी विस्तृत होगा। फ़िलहाल हम प्रतियोगिता के क्रम को बरकरार रखते हुए मार्च माह के मासिक प्रारूप मे चलते हैं जो हमारी प्रतियोगिता का इक्यावनवाँ संस्करण है। हम मार्च माह के संस्करण के यूनिकवि एवं यूनिपाठक सम्मान के लिये प्रविष्टियाँ आमंत्रित करते हैं। इस प्रतियोगिता के नियम व शर्तें आदि हमारी पिछली मासिक प्रतियोगिताओं से समान ही है। चूँकि प्रतियोगिता के अर्धशतक के अवसर को मनाने के मद्देनजर फ़रवरी माह मे आयोजित होने वाली प्रतियोगिता स्थगित की गयी है इसलिये फ़रवरी माह के लिये भेजी गयी कविताएं हम मार्च माह की प्रतियोगिता मे शामिल कर रहे हैं। अतः जिन प्रतिभागियों ने फ़रवरी माह मे अपनी प्रविष्टि भेजी है वे इस माह के लिये पुनः अपनी प्रविष्टि न भेजें, उनकी पिछली प्रविष्टि ही मान्य रहेंगी।
मार्च माह के यूनिकवि को हिंद-युग्म की ओर से पुस्तकें तथा प्रशस्तिपत्र भेंट किया जायेगा। यूनिकवि के पास अपनी कविता के ’समयांतर’ पत्रिका मे प्रकाशन का अवसर भी होगा। जबकि शीर्ष दस के अन्य कवियों को हिंद-युग्म प्रकाशन की ओर से पुस्तकें दी जायेंगी। प्रतियोगिता द्वारा चयनित यूनिकवि को हिंद-युग्म के वार्षिकोत्सव मे विख्यात साहित्यकार के द्वारा सम्मानित भी किया जायेगा। प्रतियोगिता की विज्ञप्ति के विलंब से आने की वजह से प्रविष्टियाँ भेजने की अंतिम तिथि भी बढ़ा कर 21 मार्च कर दी गयी है। प्रतियोगिता के परिणाम 10 अप्रैल तक अपेक्षित हैं।
मार्च 2011 का यूनिकवि बनने के लिए-
1) अपनी कोई मौलिक तथा अप्रकाशित कविता 21 मार्च 2011 की मध्यरात्रि तक hindyugm@gmail.com पर भेजें। यदि आप फ़रवरी माह मे अपनी प्रविष्टि भेज चुके हैं तो इस माह के लिये पुनः अपनी प्रविष्टि न भेजें, हम आपकी फ़रवरी माह की प्रविष्टि को ही इस प्रतियोगिता मे शामिल कर लेंगे।
(महत्वपूर्ण- मुद्रित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित रचनाओं के अतिरिक्त गूगल, याहू समूहों में प्रकाशित रचनाएँ, ऑरकुट की विभिन्न कम्न्यूटियों में प्रकाशित रचनाएँ, निजी या सामूहिक ब्लॉगों पर प्रकाशित रचनाएँ भी प्रकाशित रचनाओं की श्रेणी में आती हैं।)
2) कोशिश कीजिए कि आपकी रचना यूनिकोड में टंकित हो। यदि आप यूनिकोड-टाइपिंग में नये हैं तो आप हमारे निःशुल्क यूनिप्रशिक्षण का लाभ ले सकते हैं।
3) परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, इतना होने पर भी आप यूनिकोड-टंकण नहीं समझ पा रहे हैं तो अपनी रचना को रोमन-हिन्दी ( अंग्रेजी या इंग्लिश की लिपि या स्क्रिप्ट 'रोमन' है, और जब हिन्दी के अक्षर रोमन में लिखे जाते हैं तो उन्हें रोमन-हिन्दी की संज्ञा दी जाती है) में लिखकर या अपनी डायरी के रचना-पृष्ठों को स्कैन करके हमें भेज दें। यूनिकवि बनने पर हिन्दी-टंकण सिखाने की जिम्मेदारी हमारे टीम की। आप किसी अन्य फॉन्ट में भी अपनी कविता टंकित करके भेज सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि रचना word, wordpad या पेजमेकर में हो, पीडीएफ फाइल न भेजें, साथ में इस्तेमाल किये गये फॉन्ट को भी ज़रूर भेजें।
4) एक माह में एक कवि केवल एक ही प्रविष्टि भेजे।
यूनिपाठक बनने के लिए
चूँकि हमारा सारा प्रयास इंटरनेट पर हिन्दी लिखने-पढ़ने को बढ़ावा देना है, इसलिए पाठकों से हम यूनिकोड (हिन्दी टायपिंग) में टंकित टिप्पणियों की अपेक्षा रखते हैं। टाइपिंग संबंधी सभी मदद यहाँ हैं।
1) 1 मार्च 2011 से 31 मार्च 2011 के बीच की हिन्द-युग्म पर प्रकाशित अधिकाधिक प्रविष्टियों पर हिन्दी में टिप्पणी (कमेंट) करें।
2) टिप्पणियों से पठनीयता परिलक्षित हो।
3) हमेशा कमेंट (टिप्पणी) करते वक़्त एक समान नाम या यूज़रनेम का प्रयोग करें।
4) हिन्द-युग्म पर टिप्पणी कैसे की जाय, इस पर सम्पूर्ण ट्यूटोरियल यहाँ उपलब्ध है।
कवियों और पाठकों को निम्न प्रकार से पुरस्कृत और सम्मानित किया जायेगा-
1) यूनिकवि को हिंद-युग्म की ओर से पुस्तकें। हिन्द-युग्म की ओर से प्रशस्ति-पत्र। यूनिकवि को हिन्द-युग्म के वर्ष 2011 के वार्षिकोत्सव में प्रतिष्ठित साहित्यकारों के हाथों सम्मानित किया जायेगा।
2) यूनिपाठक को हिंद-युग्म की ओर से पुस्तकें और हिन्द-युग्म की ओर से प्रशस्ति-पत्र।
3) दूसरे से दसवें स्थान के कवियों हिंद-युग्म की ओर से पुस्तकें।
प्रतिभागियों से यह भी अनुरोध है कि पिछले महीनों मे भेजी गयी अपनी किसी प्रविष्टि को दोबारा प्रतियोगिता के लिये न भेजें। कवि-लेखक प्रतिभागियों से भी निवेदन है कि वो समय निकालकर यदा-कदा या सदैव हिन्द-युग्म पर आयें और सक्रिय लेखकों की प्रविष्टियों को पढ़कर उन्हें सलाह दें, रास्ता दिखायें और प्रोत्साहित करें।
प्रतियोगिता में भाग लेने से पहले सभी 'नियमों और शर्तों' को पढ़ लें।
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6 कविताप्रेमियों का कहना है :
मुझे तो बस इतना ही कहना है कि आपके कार्य का प्रशंसक हूं मैं.
हिन्द युग द्वारा मैंने अपनी रचनाओ को अभिव्यक्त करना सीखा । मन की धुटन और उल्लास को व्यक्त करना सीख पाई
mai aapke hindygam kii niymit pathk hnu sabhi kvitaye achhii hai mai bhii likhti hnu abhiyakti ka aachha manch hai
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