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Saturday, September 19, 2009

छोटी-सी गुड़िया की ज़ुबानी


कवयित्री संगीता सेठी पिछले कई माहिनों से हिन्द-युग्म की यूनिकवि प्रतियोगिता में भाग ले रही है। अगस्त माह की प्रतियोगिता में इनकी एक कविता ने आठवाँ स्थान बनाया है।

पुरस्कृत कविता- छोटी-सी गुड़िया की ज़ुबानी

मैं छोटी-सी गुड़िया हूँ
मैं तो बस इतना जानूँ
माँ की बिंदी माँ का आँचल
माँ की खुशबू को पहचानूँ

धरती माँ की गोद में पलकर
हिंदी की माटी में खेली
तुतला-तुतला कर जब बोली
मैं हिंदी भाषा ही बोली

मैं हिंदी की बोली के
सारे शब्दों को पहचानूँ
माँ की बिंदी माँ का आँचल
माँ की खुशबू को पहचानूँ

अपनी संस्कृति को जानूं मैं
अंग्रेजी से उसे फैलाऊं
हिंदी वेदों की वाणी को
इस संसार के मुख पर लाऊं

अपनी संस्कृति पर मुझे गर्व है
हिंदी भाषा को अपनाऊं
माँ की बिंदी माँ का आँचल
माँ की खुशबू को पहचानूँ

मैं छोटी-सी गुड़िया हूँ

ख़ुर्शीद- सूर्य, सूरज


प्रथम चरण मिला स्थान- ग्यारहवाँ


द्वितीय चरण मिला स्थान- सातवाँ


पुरस्कार और सम्मान- मुहम्मद अहसन की ओर से इनके कविता-संग्रह 'नीम का पेड़' की एक प्रति।

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11 कविताप्रेमियों का कहना है :

Anonymous का कहना है कि -

अच्छी कविता है पर इतनी भी नहीं कि आठवे स्थान की अधिकारी हो ..

Anonymous का कहना है कि -

सच बात है हम हिन्दी में ही पलकर बडे होते हैं। दूसरी भाशाएं तो बाद में हमें थोपी जाती हैं...अच्छी रचना है।

विनोद कुमार पांडेय का कहना है कि -

मैं छोटी-सी गुड़िया हूँ
मैं तो बस इतना जानूँ
माँ की बिंदी माँ का आँचल
माँ की खुशबू को पहचानूँ

Sundar aur bhavpurn kavita..badhayi..

Manju Gupta का कहना है कि -

संगीता जी तो भावी कवियत्री हैं . हिंदी और माँ की महिमा बताती सुंदर कविता लगी . बधाई .

देवेन्द्र पाण्डेय का कहना है कि -

अपनी माटी अपनी भाषा के प्रति आपका यह प्रेम अनुकरणीय है।
-देवेन्द्र पाण्डेय।

शोभना चौरे का कहना है कि -

bahut sundar bhav
अपनी संस्कृति को जानूं मैं
अंग्रेजी से उसे फैलाऊं
हिंदी वेदों की वाणी को
इस संसार के मुख पर लाऊं

bilkul sach hai.
badhai
shubhkamnaye

Sandhya Garg का कहना है कि -

sangeeta, aakhir mene tumhe dhoondh liya jnha bhi sangeeta sethi naam pdti thi bas sochti thi ye tum to nhi. pahchaana me sandhya delhi se. aur rajeev kesa he ghr pr sb kese he? im soooooooo happy. please contact me. garg.sandhya@gmail.com

Shamikh Faraz का कहना है कि -

अच्छी कविता लेकिन कुछ sadharan सी लगी.

मैं छोटी-सी गुड़िया हूँ
मैं तो बस इतना जानूँ
माँ की बिंदी माँ का आँचल
माँ की खुशबू को पहचानूँ

sangeeta sethi का कहना है कि -

dear sandhya
tumhe bheja hua mail undelivered ho gaya hai . sucmuch baat karna chahti hain to sahi mail batayen

Admin का कहना है कि -

बहुत खूब.. बधाई

raybanoutlet001 का कहना है कि -

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