छोटे से बच्चे को चलना सिखाता है पिता..अपने काँधे पर बैठा कर घुमाता है एक पिता..बाज़ार से मनपसंद खिलौने दिलवाता है पिता। बच्चे के बड़े होने में जितना योगदान एक माँ होता है उतना ही एक पिता का भी। न हम माँ को भुला सकते हैं और न ही पिता को। माता-पिता अपने बच्चे के सबसे बड़े शिक्षक होते हैं। परन्तु आज के समय में जब एक पिता अपने बच्चे को चलना सिखाते हुए, साइकिल चलाना सिखा कर जितना गर्व महसूस करता है वृद्धावस्था में वही बेटा अपने बूढ़े बाप के साथ दो कदम चलने में भी शरमाता है। पिछले वर्ष 8 जून को हिन्द-युग्म ने इस अवसर पर एक विशेष अंक का प्रकाशन किया था। उस अंक में 25 कवियों की पिता-विषयक कविताओं को तो संकलित किया ही गया था, साथ ही साथ 10 पुरानी कविताओं का भी संयोजन हुआ था।
इस वर्ष 21 जून को विश्व पिता दिवस है। विश्व के अधिकतर देश इसे मना रहे हैं। हिन्द-युग्म सभी पिताओं को इस बार का काव्यपल्लवन समर्पित कर रहा है। मुकेश सोनी द्वारा प्राप्त इस चित्र से पिता-पुत्र का वो रिश्ता झलकता है जिसे हम इस मंच के जरिये सम्मानित करना चाह रहे हैं।
आप सभी से निवेदन है कि इस रिश्ते को समर्पित अपनी एक मौलिक व अप्रकाशित रचना हमें 19 जून तक kavyapallavan@gmail.com पर अवश्य भेज दें। इस बार का काव्यपल्लवन आखिरी को गुरुवार को नहीं बल्कि 21 जून 2009 को प्रकाशित होगा। इस विशेषांक को और भी अधिक विशेष बनाने के लिये इसमें अवश्य भाग लें।
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11 कविताप्रेमियों का कहना है :
हिन्द-युग्म नियंत्रक,
स्वागत है, मातृ दिवस के बाद पितृ दिवस मनाना और काव्य पल्लवन को पितृ विशेषांक के रूप में समर्पित करने के लिये साधुवाद।
सादर,
मुकेश कुमार तिवारी
Jab se mein हिन्द-युग्म se judi hoon, usse phele se hi har divas aur her parv manane ka karva chal raha hai.काव्य पल्लवन को पितृ विशेषांक के रूप में समर्पित करने के लिये aur jagrukta ke liye badhayi.
Manju Gupta.
हिन्दयुग्म को पिता दिवस पर विशेष प्रस्तुति के लिए बधाई.
हिन्द का प्रयास निःसन्देह उपयोगी होगा
बेहद -बेहद सुंदर प्रयास,,,,
बल्कि कहना चाहूंगा के,,
शुक्र है,,,पिता का भी नम्बर आया,,,,,
::::::::)))))))))))
Sunder, soobhagshali photo hmein dekne ko milie.
पितृ दिवस ke liye badhayi.
ManjuGupta.
जब-जब महानता का प्रश्न उठा है
हम सभी ने माँ को ही चुना है
ये सही है कि माँ अतुलनीय है
लेकिन पिता का ओहदा भी कुछ कम नही है
एक बहुत ही अच्छा प्रयास है.इस बहाने पिता को भी नमन करने का मौका मिलेगा.
mai aapkee patarika se judna chahta hu. iske lie kaya prakriya hai shidhr batai. dhnyavad dr.pranav devendra shrotriya
mai aapkee patarika se judna chahta hu. iske lie kaya prakriya hai shidhr batai. dhnyavad dr.pranav devendra shrotriya
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