हिन्द-युग्म यूनिकवि एवं यूनिपाठक प्रतियोगिता का आयोजन प्रत्येक माह को करता है। जनवरी २००७ से शुरू हुए इस आयोजन के प्रमुख उद्देश्य देवनगारी हिन्दी के प्रयोग को प्रोत्साहित करना, रचनाधर्मिता का प्रोत्साहन करना तथा पठनीयता को बढ़ाना हैं। हम फरवरी माह की यूनिकवि एवम् यूनिपाठक प्रतियोगिता के लिए प्रविष्टियाँ आमंत्रित करते हैं-
यूनिकवि बनने के लिए-
१) अपनी कोई मौलिक तथा अप्रकाशित कविता १५ फरवरी २००९ की मध्यरात्रि तक hindyugm@gmail.com पर भेजें।
(महत्वपूर्ण- मुद्रित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित रचनाओं के अतिरिक्त गूगल, याहू समूहों में प्रकाशित रचनाएँ, ऑरकुट की विभिन्न कम्न्यूटियों में प्रकाशित रचनाएँ, निजी या सामूहिक ब्लॉगों पर प्रकाशित रचनाएँ भी प्रकाशित रचनाओं की श्रेणी में आती हैं।)
२) कोशिश कीजिए कि आपकी रचना यूनिकोड में टंकित हो।
यदि आप यूनिकोड-टाइपिंग में नये हैं तो आप हमारे निःशुल्क यूनिप्रशिक्षण का लाभ ले सकते हैं।
३) परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, इतना होने पर भी आप यूनिकोड-टंकण नहीं समझ पा रहे हैं तो अपनी रचना को रोमन-हिन्दी ( अंग्रेजी या इंग्लिश की लिपि या स्क्रिप्ट 'रोमन' है, और जब हिन्दी के अक्षर रोमन में लिखे जाते हैं तो उन्हें रोमन-हिन्दी की संज्ञा दी जाती है) में लिखकर या अपनी डायरी के रचना-पृष्ठों को स्कैन करके हमें भेज दें। यूनिकवि बनने पर हिन्दी-टंकण सिखाने की जिम्मेदारी हमारे टीम की।
४) एक माह में एक कवि केवल एक ही प्रविष्टि भेजे।
यूनिपाठक बनने के लिए
चूँकि हमारा सारा प्रयास इंटरनेट पर हिन्दी लिखने-पढ़ने को बढ़ावा देना है, इसलिए पाठकों से हम यूनिकोड ( हिन्दी टायपिंग) में टंकित टिप्पणियों की अपेक्षा रखते हैं। टायपिंग संबंधी सभी मदद यहाँ हैं।
१) १ फरवरी २००९ से २८ फरवरी २००९ के बीच की हिन्द-युग्म पर प्रकाशित अधिकाधिक प्रविष्टियों पर हिन्दी में टिप्पणी (कमेंट) करें।
२) टिप्पणियों से पठनीयता परिलक्षित हो।
३) हमेशा कमेंट (टिप्पणी) करते वक़्त समान नाम या यूज़रनेम का प्रयोग करें।
४) हिन्द-युग्म पर टिप्पणी कैसे की जाय, इस पर सम्पूर्ण ट्यूटोरियल यहाँ उपलब्ध है।
कवियों और पाठकों को निम्न प्रकार से पुरस्कृत और सम्मानित किया जायेगा-
१) यूनिकवि को रु ६०० का नकद ईनाम, रु १०० की पुस्तकें और एक प्रशस्ति-पत्र।
२) यूनिपाठक को रु ३०० का नकद ईनाम, रु २०० की पुस्तकें और एक प्रशस्ति-पत्र।
३) एक से चौथे स्थान के पाठकों को कवयित्री निर्मला कपिला के कविता-संग्रह 'सुबह से पहले' की एक-एक प्रति।
४) दूसरे से दसवें स्थान के कवियों को कवयित्री निर्मला कपिला के कविता-संग्रह 'सुबह से पहले' की एक-एक प्रति।
प्रतिभागियों से भी निवेदन है कि वो समय निकालकर यदा-कदा या सदैव हिन्द-युग्म पर आयें और सक्रिय लेखकों की प्रविष्टियों को पढ़कर उन्हें सलाह दें, रास्ता दिखायें और प्रोत्साहित करें।
प्रतियोगिता में भाग लेने से पहले सभी 'नियमों और शर्तों' को पढ़ लें।
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5 कविताप्रेमियों का कहना है :
तो स्वागत है कवि और पाठक साथियों...........इस गुलाबी सर्दी में अपनी कविताओं से इसबार के प्रेम दिवस को गुलाबी कर दीजिये......शुभकामनाओं सहित
आलोक सिंह "साहिल"
जानकारी के लिए शुक्रिया....
sabhi pratibhagiyo ko badhaiyan..alpana ji ko jaan kar acha laga...
jaankaari ke liye dhanyawaad
jankari ke liye dhnyvad..{kishor kumar,..mungeli,..c.g.}
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