प्रतियोगिता की 14वीं कविता अनवर सुहैल की है। अनवर सुहैल की कविताएँ लगभग सभी बड़ी पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं। हिन्द-युग्म में भी इनकी कविताएँ प्रकाशित हुई हैं।
पुरस्कृत कविताः स्मार्ट बच्चे
हमें कुंद बच्चे पसंद नहीं
हमें चाहिए स्मार्ट बच्चे
जो हों सिर्फ अपने घर में
बाकी सारे बच्चे हों भोंदू
बच्चों को बना दिया हमने
अंक जुटाने की मशीन
सौ में सौ पाने के लिए
जुटे रहते हैं बच्चे
माँ-बाप के अधूरे सपनों को
पूरा करने के चक्कर में
बच्चे कहाँ रह पाते हैं बच्चे!
वज़नदार किताबों के
दस प्वाइंट के अक्षरों से जूझते बच्चों को
इसीलिए लग जाता चश्मा
होता अक्सर सिर-दर्द!
बच्चे नहीं जानते
उन्हें क्या बनना है
माँ-बाप, रिश्तेदार और पड़ोसी
दो ही विकल्प तो देते हैं
इंजीनियर या डॉक्टर
बच्चा सोचता है
सभी बन जाएँगे इंजीनियर और डॉक्टर
तो फिर कौन बनेगा शिक्षक,
गायक, चित्रकार या वैज्ञानिक
बच्चे चाहते ऊधम मचाना
लस्त हो जाने तक खेलना
चाहते कार्टून देखना
या फिर सुबह देर तक सोना
बच्चे नहीं चाहते जाना स्कूल
नहीं चाहते पढ़ना ट्यूशन
नहीं चाहते होमवर्क करना
तथाकथित स्मार्ट बच्चों ने
नहाया नहीं कभी झरने के नीचे
( इसमें रिस्क जो है )
तालाब किनारे कीचड़ में
लोटे नहीं स्मार्ट बच्चे
अमरूद चोरी कर खाने का
इन्हें अनुभव नहीं
स्मार्ट बच्चे सिर्फ पढ़ा करते हैं
स्मार्ट बच्चे गली-मुहल्ले में नहीं दिखा करते
स्मार्ट बच्चे टीचरों के दुलारे होते हैं
स्मार्ट बच्चों पर सभी गर्व करते हैं
शिक्षक, माता-पिता और नगरवासी!
बड़ी क़ीमत चुकानी पड़ती स्मार्ट बच्चों को
वही बच्चे जब बनते ओहदेदार
ओढ़ लेते लबादा देवत्व का
नहीं रह पाते आम आदमी
इस बाज़ारू-समाज में भला
कौन आम-आदमी बनने का विकल्प चुने?
कौन असुविधाओं को गले लगाए?
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6 कविताप्रेमियों का कहना है :
hmmmmm..... achhi hai ...
इस बाज़ारू-समाज में भला
कौन आम-आदमी बनने का विकल्प चुने?
कौन असुविधाओं को गले लगाए?
नीम नहीं,
आम नहीं,
उन्हें चाहिये सागौन
यह कौन तो
आजकल है मौन
बाजार-समाज में आदमी बनने का विकल्प...!
..स्मार्ट चिंतन।
बड़ी क़ीमत चुकानी पड़ती स्मार्ट बच्चों को
वही बच्चे जब बनते ओहदेदार
ओढ़ लेते लबादा देवत्व का
नहीं रह पाते आम आदमी ।
वाह बहुत खूब, हर शब्द एकदम सत्य, बेहतरीन अभिव्यक्ति के लिये बधाई ।
aam aadmi ka aajkal bahut bura haal ho raha hai,, isliye koi bhi apne bachchon ko aam aadmi banana nahi chahta,,,,,,,,achchhi rachna k liye badhai....
kaise sakte hain,aur apni kawitayen HIND YUGM par kaise prakashit karwayen(Hindi me padhe)
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