एम वर्मा कई बार हिन्द-युग्म की प्रतियोगिता में भाग ले चुके हैं और लगभग हर बार ही इनकी कविताओं ने शीर्ष 10 में स्थान बनाया है। जनवरी 2010 के यूनिकवि सम्मान से सम्मानित हैं। अप्रैल 2010 की यूनिकवि प्रतियोगिता में इनकी कविता ने दूसरा स्थान बनाया है।
पुरस्कृत कविताः कोखजने का दम तोड़ना
मैंने देखा है
अपने जवान पश्नों को
उन बज्र सरीखे दीवारों से टकराकर
सर फोड़ते हुए
जिसके पीछे अवयस्क बालाएँ
अट्टहासों की चहलकदमी के बीच
यंत्रवत वयस्क बना दी जाती है
और
बेशरम छतें भरभराकर ढहती भी नहीं हैं
मैनें देखा है
आक्सीजन की आपूर्ति बन्द कर देने के कारण
अपने नवजात, नाजुक और अबोध
प्रश्नों को दम तोड़ते हुए
अक्सर मैं इनके शवों को
कुँवारी की कोख से जन्मे शिशु-सा
कंटीली झाड़ियों के बीच से उठाता हूँ
बहुत त्रासद है
कोखजने को दम तोड़ते हुए देखना
और फिर खुद ही दफनाना
हिचकियाँ भी तो प्रश्नों का रूपांतरण ही हैं
तभी तो मैं इन्हें जन्म ही नहीं लेने देता
और आँसुओं की हर सम्भावना का
गला घोट देता हूँ
जी हाँ! यही सच है
अब मैं अपने तमाम प्रश्नों का गला
मानस कोख में ही घोट देता हूँ
मेरा अगला कदम
उस कोख को ही निकाल फेंकना है
जहाँ से इनका जन्म सम्भावित है
पुरस्कार- विचार और संस्कृति की मासिक पत्रिका 'समयांतर' की ओर से पुस्तक/पुस्तकें।
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9 कविताप्रेमियों का कहना है :
जी हाँ! यही सच है
अब मैं अपने तमाम प्रश्नों का गला
मानस कोख में ही घोट देता हूँ
मेरा अगला कदम
उस कोख को ही निकाल फेंकना है
जहाँ से इनका जन्म सम्भावित है
gazab ki prastuti.............lajawaab aur behad gahan.
बहुत त्रासद है
कोखजने को दम तोड़ते हुए देखना
बहुत मार्मिक रचना
सुन्दर प्रस्तुति
मेरा अगला कदम
उस कोख को ही निकाल फेंकना है
जहाँ से इनका जन्म सम्भावित है
असरदार रचना. बधाई
वाकई पुरस्कार के काबिल रचना है वर्मा जी की.. बधाई सर.
अब मैं अपने तमाम प्रश्नों का गला
मानस कोख में ही घोट देता हूँ
मेरा अगला कदम
उस कोख को ही निकाल फेंकना है
जहाँ से इनका जन्म सम्भावित है
बहुत मार्मिक अंदाज़ में कही है अपनी बात ...
सुन्दर रचना के लिये बहुत बहुत बधाई
धन्यवाद।
विमल कुमार हेडा़
हिचकियाँ भी तो प्रश्नों का रूपांतरण ही हैं
तभी तो मैं इन्हें जन्म ही नहीं लेने देता
और आँसुओं की हर सम्भावना का
गला घोट देता हूँ
जी हाँ! यही सच है
अब मैं अपने तमाम प्रश्नों का गला
मानस कोख में ही घोट देता हूँ
मेरा अगला कदम
उस कोख को ही निकाल फेंकना है
जहाँ से इनका जन्म सम्भावित है
behad shaandar rachna..khud b padh gaya aur apne dost ko b padhaya..hats off sir
bahut paripkav kavita...ek ek shabd me gambheerta or gahrai hai
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