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Saturday, March 20, 2010

वरना कौन धारण करेगा तुम्हारे बेटों के भ्रूण


संगीता सेठी बहुत लम्बे समय से हिन्द-युग्म पर सक्रिय हैं और यूनिकवि प्रतियोगिता में लगातार हिस्सा लेती रहती है। फरवरी माह की यूनिकवि प्रतियोगिता में इनकी कविता ने सातवाँ स्थान बनाया। संगीता सेठी एक सफल कहानीकार भी हैं। हाल ही में इनकी एक कहानी ने 'मेरी सहेली' पत्रिका की वार्षिक कहानी लेखन प्रतियोगिता में पहला स्थान बनाया है।

पुरस्कृत कविता: आने दो बेटियों को धरती पर

आने दो बेटियों को धरती पर
मत बजाना थाली चाहे
वरना कौन बजाएगा
थालियाँ कांसे की
अपने भाई-भतीजों के जन्म पर

आने दो बेटियों को धरती पर
मत गाना मंगल गीत चाहे
वरना कौन गाएगा गीत
अपने वीरों की शादी में

आने दो बेटियों को धरती पर
मत देना कोई विश्वास उन्हें
वरना कैसे होंगे दर्ज अदालत में
घरेलू हिंसा के मामले

आने दो बेटियों को धरती पर
मत देना कोई आशीर्वाद उन्हें
वरना कौन देगा गालियाँ
माँ-बहन के नाम पर

आने दो बेटियों को धरती पर
मत देना दान-दहेज़ उन्हें
वरना कैसे जलाई जाएँगी बेटियाँ
पराए लोगों के बीच

आने दो बेटियों को धरती पर
पनपने दो भ्रूण उनके
वरना कौन धारण करेगा
तुम्हारे बेटों के भ्रूण
अपनी कोख में


पुरस्कार- विचार और संस्कृति की मासिक पत्रिका 'समयांतर' की ओर से पुस्तक/पुस्तकें।

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9 कविताप्रेमियों का कहना है :

रवीन्द्र शर्मा का कहना है कि -

सीधे दिल को चीर कर निकल जाने वाली रचना .एक बेबाक सन्देश देने वाली और स्त्री को युगों युगों से प्रताड़ित करते पुरुष प्रधान समाज के मुंह पर तमाचे जैसी . साधुवाद , बधाई . (कृपया लेखक की रचना के साथ उसका चित्र अवश्य दें )

rachana का कहना है कि -

kitna sahi kaha .karara vyang hai
jitni bhi tarif ki jaye kam hai .bahut sunder chitran hai aur baat jo aap ne kahi hai lakhon ki hain
bahut bahut badhai
rachana

neeti sagar का कहना है कि -

बिलकुल ज्वलंत समस्या,,
लड़कों की तुलना में लड़कियों का प्रतिशत
bahut kam hota ja raha hai,,achchhi rachna,
bahut-bahut badhai!

neeti sagar का कहना है कि -

बिलकुल ज्वलंत समस्या,,
लड़कों की तुलना में लड़कियों का प्रतिशत
bahut kam hota ja raha hai,,achchhi rachna,
bahut-bahut badhai!

रचना प्रवेश का कहना है कि -

आने दो बेटियों को धरती पर
पनपने दो भ्रूण उनके
वरना कौन धारण करेगा
तुम्हारे बेटों के भ्रूण
अपनी कोख में
ek aag hai is kavita mai bujhi hui chingari ki tarh jo kabhi jwala ban jayegi ,or shayad jala de un thothi dharnao ko ,ki beta hi sab kuch hai is jamane mai betiya to bas bojh hi hoti hai............bahut achhi rachana hai sangeeta ji badhai

Tarun K Thakur का कहना है कि -

Badhaai aur aabhaar chintan ke liye!

पुरुषों को 67% आरक्षण की बधाई !
स्त्री को पुरुष ने
एक बार फिर छला है
तैतीस का झांसा देकर
सड़सठ का दाव चला है

आरी ओ माया
शक्तिरूपा
तेरी प्रतिनिधि
नायिकाएं भी
कर रही थी
हाथ ऊपर
जब
अहसान जताकर
तेरी
भावी सत्ता को
बता दिया गया
धत्ता


तेरी तरफदारी
मैं क्यों करू
क्यों तेरी फ़िक्र में
मरू
तेरी तकदीर में रोना है
अब मान भी ले
शोषिता !
तू पुरुषों के हाथ का खिलौना है ...
Tarun K Thakur http://whoistarun.blogspot.com

Bhawna का कहना है कि -

आने दो बेटियों को धरती पर
पनपने दो भ्रूण उनके
वरना कौन धारण करेगा
तुम्हारे बेटों के भ्रूण
अपनी कोख में
very touching and thought provoking

amita का कहना है कि -

आने दो बेटियों को धरती पर
पनपने दो भ्रूण उनके
वरना कौन धारण करेगा
तुम्हारे बेटों के भ्रूण
अपनी कोख में
is kadve satay ko bakhubi likha hai aapne badhai

अपूर्व का कहना है कि -

कविता किसी अजन्मी, अनचाही बेटी की करुण पुकार सी हृदय को वेधती जाती है..आशा है कि आज के वक्त की यह सबसे जरूरी बात सही कानों मे पड़ेगी

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