मई 2009 में हमने उद्घोषणा की थी कि हम यूनिकवि को शिवना प्रकाशन की ओर से रु 1000 मूल्य की पुस्तकें देंगे। शिवना प्रकाशन के कर्ता-धर्ता पंकज सुबीर की मदद से अब यह तय हुआ है कि जनवरी 2010 के अंत में मई 2009 से दिसम्बर 2009 के यूनिकवियों को हिन्द-युग्म के वार्षिक समारोह में सम्मानित किया जाय। आज हम यह उद्घोषणा लेकर हाज़िर हैं कि हिन्द-युग्म के आने वाले वार्षिकोत्सव में यूनिकवियों को रु 1000 मूल्य की पुस्तकें, प्रशस्ति-पत्र इत्यादि किसी वरिष्ठ हिन्दी साहित्यकार के हाथों दिये जायेंगे।
उल्लेखनीय है कि हिन्द-युग्म वर्ष 2008 के वार्षिकोत्सव में 4 पाठकों को सम्मानित कर चुका है। इस वर्ष से यूनिकवियों (हर महीने की यूनिकवि प्रतियोगिता के प्रथम स्थान का विजेता) को भी समारोह में ही सम्मानित किया जायेगा।
हम समझते हैं कि हमारी यह उद्घोषणा नव कवियों और पाठकों में ऊर्जा भरेगी। अभी तक यदि आप इसके प्रतिभागी बनने से चूके हैं तो कोई बात नहीं, जब जागे तब सबेरा। आज से यह मौका अपने हाथ से जाने न दें। सितम्बर माह की इस प्रतियोगिता में बतौर कवि और बतौर पाठक अवश्य भाग लें।
सितम्बर 2009 का यूनिकवि बनने के लिए-
१) अपनी कोई मौलिक तथा अप्रकाशित कविता 18 सितम्बर 2009 की मध्यरात्रि तक hindyugm@gmail.com पर भेजें।
(महत्वपूर्ण- मुद्रित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित रचनाओं के अतिरिक्त गूगल, याहू समूहों में प्रकाशित रचनाएँ, ऑरकुट की विभिन्न कम्न्यूटियों में प्रकाशित रचनाएँ, निजी या सामूहिक ब्लॉगों पर प्रकाशित रचनाएँ भी प्रकाशित रचनाओं की श्रेणी में आती हैं।)
२) कोशिश कीजिए कि आपकी रचना यूनिकोड में टंकित हो।
यदि आप यूनिकोड-टाइपिंग में नये हैं तो आप हमारे निःशुल्क यूनिप्रशिक्षण का लाभ ले सकते हैं।
३) परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, इतना होने पर भी आप यूनिकोड-टंकण नहीं समझ पा रहे हैं तो अपनी रचना को रोमन-हिन्दी ( अंग्रेजी या इंग्लिश की लिपि या स्क्रिप्ट 'रोमन' है, और जब हिन्दी के अक्षर रोमन में लिखे जाते हैं तो उन्हें रोमन-हिन्दी की संज्ञा दी जाती है) में लिखकर या अपनी डायरी के रचना-पृष्ठों को स्कैन करके हमें भेज दें। यूनिकवि बनने पर हिन्दी-टंकण सिखाने की जिम्मेदारी हमारे टीम की।
४) एक माह में एक कवि केवल एक ही प्रविष्टि भेजे।
यूनिपाठक बनने के लिए
चूँकि हमारा सारा प्रयास इंटरनेट पर हिन्दी लिखने-पढ़ने को बढ़ावा देना है, इसलिए पाठकों से हम यूनिकोड ( हिन्दी टायपिंग) में टंकित टिप्पणियों की अपेक्षा रखते हैं। टायपिंग संबंधी सभी मदद यहाँ हैं।
१) 1 सितम्बर 2009 से 31 सितम्बर 2009 के बीच की हिन्द-युग्म पर प्रकाशित अधिकाधिक प्रविष्टियों पर हिन्दी में टिप्पणी (कमेंट) करें।
२) टिप्पणियों से पठनीयता परिलक्षित हो।
३) हमेशा कमेंट (टिप्पणी) करते वक़्त समान नाम या यूज़रनेम का प्रयोग करें।
४) हिन्द-युग्म पर टिप्पणी कैसे की जाय, इस पर सम्पूर्ण ट्यूटोरियल यहाँ उपलब्ध है।
कवियों और पाठकों को निम्न प्रकार से पुरस्कृत और सम्मानित किया जायेगा-
१) यूनिकवि को शिवना प्रकाशन की ओर से रु 1000 की मूल्य तक की पुस्तकें तथा प्रशस्ति-पत्र।
२) यूनिपाठक को श्याम सखा की ओर से रु 200 मूल्य की पुस्तकें तथा प्रशस्ति-पत्र।
३) दूसरे से दसवें स्थान के कवियों को तथा दूसरे से चौथे स्थान के पाठकों को श्याम सखा की ओर से रु 200 मूल्य की पुस्तकें।
कवि-लेखक प्रतिभागियों से भी निवेदन है कि वो समय निकालकर यदा-कदा या सदैव हिन्द-युग्म पर आयें और सक्रिय लेखकों की प्रविष्टियों को पढ़कर उन्हें सलाह दें, रास्ता दिखायें और प्रोत्साहित करें।
प्रतियोगिता में भाग लेने से पहले सभी 'नियमों और शर्तों' को पढ़ लें।
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9 कविताप्रेमियों का कहना है :
निश्चित रूप से यह हिंद युग्म का एक सराहनीय प्रयास है..हम सब इसे और सार्थक बनाने का पूरा प्रयास करेंगे और निरंतर ऐसी उत्साह वर्धक प्रतियोगिता मे भाग लेते रहेंगे और कविता तथा अन्य हिन्दी साहित्य को पढ़ कर ज्ञान अर्जित करते रहेंगे..
बधाई हिंद युग्म!!!
आपका प्रयास बहुत ही सराहनीय है, इससे नई नई कविताये लिखने की प्रेरणा मिलती है ,
हिन्दि युग्म को बहुत बहुत बधाई
धन्याद
विमल कुमार हेडा
आपका यह प्रयास बेहद ही प्रशंसनीय एवं सराहनीय है, नये कवियों के लिये बेहद प्रेरणात्मक पहल के लिये आभार्
बेहद सराहनीय प्रयास....आभार
regards
इस तरह की स्पर्धा लेखन को प्रोत्साहित करती है .सराहनीय प्रयास के लिए हिंद युग्म को बधाई
despite some controversies the effort is laudable and encourages readers to read and write.
however instead of ' yunikavi ', it should be something like 'poet of the month' voted by readers.
नियन्त्रक जी ध्यान दें ,मैने जुलाई प्रतियोगिता के अन्तिम चरण में आये सभी २०-२२ प्रतिभागियों की कविताएं पढ़कर कहा था कि इस बार सभी प्रतिभागियों की कविता न केवल उम्दा हैं बल्कि हरेक प्रथम स्थान्के काबिल है अत: मैं अपनी ओर से जुलाई के इन कवि-गणों को २०० रू की पुस्त्कें भेंट करना चाहूंगा,तब मैं योरोपिय यात्रा पर था अब भारत आ गया हूं आप मुझसे पुस्तकें प्राप्त कर उन सब को भेज दें
श्याम सखा श्याम
पुनश्च
यूनिकवि को भी २०१० तक इन्त्जार करवाना मुझे ठीक नहीं लगता ,पुस्तकें डाक से भिजवा दें शिवना प्रकाशन इनाम और मजदूरी दोनो क देर से मिलना दुखदायी होता है
श्याम जी आपने तो पाठकों और कवियों में नई जान डाल दी. आपने हिन्दयुग्म की इस प्रतियोगिता में चार चाँद लगा दिए. बधाई.
नई कविताये लिखने की प्रेरणा मिलती है ,
हिन्दि युग्म को बहुत बहुत बधाई
धन्याद
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