स्मिता मिश्रा को आप पहले भी पढ़ चुके हैं। बारिश के इस मौसम में पढ़िए इनकी एक कविता जो पंद्रहवें स्थान पर है।
कविता- मेरी बारिश
मेरी बारिश में मेरे उनींदे सपनो का पानी है
मेरी बारिश ओढ़ती है अपने चारो ओर
सागर सा अथाह विस्तार,
मेरी बारिश की बूंदे सक्षम है
तृप्त करने में
मेरी अतृप्त कामनाओ को,
मेरे अधूरे सपनों को
मेरी कुँठाओं को
मरे उलझावों को
और भविष्य की आशंकाओं को
मेरी बारिश का पानी सींचता है मेरे अंतर्मन को,
उकसाता है मेरी कामनाओं को
सराबोर करता है मेरे उत्सवों को,
जगाता है मेरे अंदर के नन्हे हरे पौधे को
जो उदग्र है अपनी जड़ों के विस्तार के लिए
प्रथम चरण मिला स्थान- तेइसवाँ
द्वितीय चरण मिला स्थान- पंद्रहवाँ
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11 कविताप्रेमियों का कहना है :
बहुत सुन्दर बहुत छोटी सी कविता में बहुत कुछ कहा आपने.
मेरी बारिश में मेरे उनींदे सपनो का पानी है
मेरी बारिश ओढ़ती है अपने चारो ओर
सागर सा अथाह विस्तार,
मेरी बारिश की बूंदे सक्षम है
तृप्त करने में
मेरी अतृप्त कामनाओ को,
मेरे अधूरे सपनों को
मेरी कुँठाओं को
मरे उलझावों को
और भविष्य की आशंकाओं को
मेरी बारिश का पानी सींचता है मेरे अंतर्मन को,
उकसाता है मेरी कामनाओं को
सराबोर करता है मेरे उत्सवों को,
जगाता है मेरे अंदर के नन्हे हरे पौधे को
जो उदग्र है अपनी जड़ों के विस्तार के लिए
बारिश और उसके पानी का कविता मे सुंदर समावेश.
भावपूर्ण कविता बहुत अच्छी लगी..
हार्दिक बधाई..इस सुंदर कविता के लिए..
एवम् हिंदयुग्म को गणेश चतुर्थी की भी हार्दिक बधाई..
रमज़ान की बहुत बहुत बधाई..
हिंद युग्म और हिंदयुग्म के सभी सदस्यों को तहे दिल से बधाई.
भावों में सागर -सी गहराई है ,गणेश चतुर्थी -रमजान की मंगल कामनाएं .
सुंदर भाव से सजी रचना...
भावहीन.
मेरी समझ से बाहर रही येः रचना.
better luck next time
बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति ।
i liked this small compact poem.
बारिश दुनिया का सबसे भीगा सच है! मुझे हर्ष है आप अपनी बारिश में भीग पाती है!आपके बारिश का पानी आपके जीवन की हर धूप में आपके पास हो! सूखी संवेदनाओ वाले इस खारे समय में-द्रवित हो मन , बची रहे आपकी बारिश-यही कामना है!
मनीष
kavita achchhi hai smita likhti raho
rachana
aap sabhi ke protsahan ka shukriya.
rachna aapka protsahan paakar accha laga.mai prose jyada likhti hoo.
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