मुहब्बत की वापिस निशानी करें।
शुरू फिर जो चाहें कहानी करें।।
है घाटे का सौदा मुहब्बत सदा।
हिसाब अब लिखें या जुबानी करें।।
चलो नागफनियाँ उखाड़ें सभी।
वहाँ फिर खड़ी रात-रानी करें।।
है रुत पर भला बस किसी का चला।
चलो बातें ही हम सुहानी करें।।
खरीदे बुढापे को कोई नहीं।
सभी तो पसन्द अब जवानी करें।।
बहुत जी लिये और मर भी लिये।
बता क्या तेरा जिन्दगानी करें।।
रवायत नहीं ‘श्याम’ जब ये भली।
तो फिर बातें क्यों हम पुरानी करें।।
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)
12 कविताप्रेमियों का कहना है :
सोने जा रहा था श्याम जी, जाते जाते देखा हिंदयुग्म पर कविता पोस्ट हुई है...
आपकी ये दो पंक्तियाँ बहुत अच्छी लगी... और मैंने चोरी करके अपने चैट स्टेटस में लगा ली..
चलो नागफनियाँ उखाड़ें सभी।
वहाँ फिर खड़ी रात-रानी करें।।
बहुत सुंदर...
धन्यवाद...
क्या कविता लिखी है श्याम jee....
आपतो बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति है.apki हर rachana चाहे vo kahani हो,कविता हो या कोई sansmaran....दिल को chu jata है.
मुहब्बत की वापिस निशानी करें।
शुरू फिर जो चाहें कहानी करें।।
है घाटे का सौदा मुहब्बत सदा।
हिसाब अब लिखें या जुबानी करें।।
चलो नागफनियाँ उखाड़ें सभी।
वहाँ फिर खड़ी रात-रानी करें।।
रवायत नहीं ‘श्याम’ जब ये भली।
तो फिर बातें क्यों हम पुरानी करें।।
उम्दा ग़ज़ल
बहुत पसंद आई
आज आपने रुक्न नही लिखे ?
आपका वीनस केसरी
बहुत ही अच्छी ग़ज़ल है क्या बात है आप की ग़ज़ल की दिल की गहराइयों में उतर गई
सादर
रचना
बहुत पसन्द आई गज़ल श्याम जी
है घाटे का सौदा मुहब्बत सदा।
हिसाब अब लिखें या जुबानी करें।।
आप सभी की नज़र एक मित्र का शे`र
बीनाई मेरी आंखों में थी न थी /तू नज़र में था नज़र आता रहा [आप सभी मेरी राकानाओं को पसंद करते हैं ,शुक्रिया यह आपकी नजर है जो इन राकानाओं को पसंद कराती है और एक लेखक के लिए यह बहुत बड़ी बात है |पुन: शुक्रिया
वीनस जी ग़ज़ल अग्रिम पोस्ट करने हेतु दल दी थी ,रुक्न है फऊलुन फऊलुन फऊलुन फऊ
१२२,१२२,१२२,१२.श्यामसखा`श्याम
बहुत ही बढिया गजल
काफी समय बाद ऐसी गजल पढने को मिली जिसके सारे शे'र ही बढिया लगे
सुमित भारद्वाज
चलो नागफनियाँ उखाड़ें सभी।
वहाँ फिर खड़ी रात-रानी करें।।
है रुत पर भला बस किसी का चला।
चलो बातें ही हम सुहानी करें।।
waah!waah!bhot khub!aap agli khani suru karen hum intjar kr rahe hain.
लोकलुभावन ग़ज़ल। ग़ज़ल का हर शे'र तो वैसा होना ही चाहिए जिसे हर पाठक चुरा ले। कहीं कुछ कहना तो शे'रों के मार्फत कहे।
ग़ज़ल में मुझे शेरों में चौकाने वाला, भौचक्क करने देने वाला भाव (लेकिन सुखद) बेहद पसंद है। मैं आपकी कलम से वैसी भी कोई ग़ज़ल पढ़ना चाहूँगा।
shayam ji
bahut achi lagi aapki ghazal. har sher dilke kareeb laga. khas kar yeh sher
है घाटे का सौदा मुहब्बत सदा।
हिसाब अब लिखें या जुबानी करें।।
चलो नागफनियाँ उखाड़ें सभी।
वहाँ फिर खड़ी रात-रानी करें।।
shubkamnayon ke saath
आप सभी को धन्यवादबुधवार १७ सितम्बर को पढें एक गीत यारो मैंने खूब ठगा है श्यामसखा
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