काव्य-पल्लवन (सामूहिक कविता-लेखन) को आयोजित होते ११ महीने बीत चुके हैं। आज हम इसके वार्षिकांक के लिए विषय आमंत्रित कर रहे हैं।
चूँकि हिन्द-युग्म अभी विश्व पुस्तक मेला में अपना स्टैंड लगाया है तो चाहेगा कि मेले में आये आगंतुक भी काव्य-पल्लवन के लिए अपने विषय जमा करें।
याद रखिए विषय समसामयिक हो, जिस पर सार्थक चर्चा हो, हर कोई लिख सके, अधिकतम ४-५ शब्दों का हों। कोई एक विषय सोचकर १० फरवरी २००८ की मध्यरात्रि तक kavyapallavan@gmail.com पर भेजें।
११ फरवरी २००८ को हमारी टीम द्वारा चुना गया विषय www.hindyugm.com पर प्रकाशित कर दिया जायेगा। चूँकि काव्य-पल्लवन प्रत्येक माह के अंतिम वृहस्पतिवार को प्रकाशित किया जाता है, इसलिए वार्षिकांक २८ फरवरी २००८ को प्रकाशित कर दिया जायेगा।
जो पाठक नये हैं वो काव्य-पल्लवन के बारे में और काव्य-पल्लवन के पुराने अंकों को नीचे की कड़ियों पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं।
काव्य-पल्लवन क्या है?
अंक-१
अंक-२
अंक-३
अंक-४
अंक-५
अंक-६
अंक-७
अंक-८
अंक-९
अंक-१०
अंक-११
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कविताप्रेमी का कहना है :
prerna, shirshak upyukt hona chahiye, kyunki prerna se hi hum kuchh likhne aur sochne per majboor hote hain PRERNA, VARSHIKANK VISHAY CHUNE, BAKI SAB KAVI MITRO PER NIRBHAR HAI, ISSAY KOI ACHCHA VISHAY HO TO BATAYEN. SURINDER RATTI, MUMBAI
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