पिछले सप्ताह हमने काव्य-पल्लवन के जनवरी माह के लिए पाठकों से विषय आमंत्रित किए थे। ८ पाठकों से कुल १२ विषय प्राप्त हुए। और हमें यह बताते बहुय बहुत खुशी हो रही है कि हमने काव्य-पल्लवन का नया अंक विवेक रंजन श्रीवास्तव के विषय 'बिजली' पर कराने का निर्णय लिया है। यह विषय बहुत व्यापक है। यह दुनिया की समस्या, आवश्यकता, सुंदरता आदि सबकुछ है। हिन्द-युग्म उम्मीद करता है कि इस विषय को पाठक जियेंगे और अपनी कविताओं से हमें नवाजेंगे।
ऐसे पाठक जो पेंटिंग का शौक रखते हैं, 'बिजली' विषय पर चित्र बनाकर भी भेजें।
कविता या चित्र kavyapallavan@gmail.com पर २९ जनवरी २००८ तक भेजें। काव्य-पल्लवन का यह अंक ३१ जनवरी २००८ को प्रकाशित किया जायेगा।
बिजली विषय के काव्य-पल्लवन की कविताओं व चित्रों को मध्य प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड की पत्रिका 'विद्युत ब्रम्हेति' में प्रकाशनार्थ विचार किया जायेगा।
तो कलम या ब्रुश या दोनों उठा लीजिए।
हमें दिवाकर मिश्र, सतीश वाघमरे, अवनीश तिवारी, शोभा महेन्द्रू, आलोक सिंह 'साहिल', महक और सीमा गुप्ता ने भी बहुत सुंदर-सुंदर विषय भेजें। आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद।
जो पाठक नये हैं, काव्य-पल्लवन के बारे में नहीं जानते वो निम्न कड़ियों पर पूरा विवरण प्राप्त करें।
काव्य-पल्लवन क्या है?
अंक-१
अंक-२
अंक-३
अंक-४
अंक-५
अंक-६
अंक-७
अंक-८
अंक-९
अंक-१०
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8 कविताप्रेमियों का कहना है :
Congrates to Mr Vivek whose topic had been selected. well it is a very competitive subject and hope that lots of poem will be written on the same. its going to be little tough for me to write ha ha ha . any how i will be going to enjoy writing on it. Thanks and Regards once again.
badhai vivekji,aap ka bijli vishay chun lene ke liye,hum tho abhi se kavita likh ne mein jut jayenge.behad sundar,wyapak vishay hai.koshish hogi kuch achha likh paye.
विवेक जी, बहुत ही बढिया विषय भेजा है आपने..
अब बिजली संग होगी देखो धुरन्धरों की गर्जन
और मिलेगा भाँति भाँति का प्यारा प्यारा सृजन..
आओ अपनी अपनी बिजली चमकानें लग जायें
खुद भी भीगें रस वर्षा में औरों को भी भिगायें..
विवेक जी सुंदर विषय सुझाने के लिए बहुत बहुत साधुवाद, उम्मीद है सर्द ऋतू में भी हमारे सभी कवि साथी बिजली चमकाने में कोताही नहीं बरते होंगे, वैसे भी बिजली को देखकर ठंड का एहसास कुछ कम हो जाता है.
आलोक सिंह "साहिल"
काफी सामयिक विषय चुना गया है । प्रतीक्षा है इस विषय पर आने वाली रचनाओं की ।
बहुत अच्छा विषय चुना है.इस विषय पर बहुत ही कम कवितायें पढी हैं .लेकिन आशा है काव्य पल्लवन में इस बार पिछली बार से ज्यादा कवितायें मिलेंगी-
मेरा विनम्र अनुरोध है कि स्वयं तो लिखें ही , जिन पाठकों ने किसी अन्य कवि की बिजली विषय पर रचना पढ़ी हो , वे उसे भी अवश्य ही प्रेषित करें , इससे एक ही स्थान पर , संबधित रचनाओं का गुलदस्ता हम सजा सकेंगे.
भगवान सूर्य के उत्तरायण होने के प्रकृति पर्व मकर संक्रांति पर समूचे विश्व को हार्दिक शुभकामनायें
बिजली के बहुआयामी विषय पर लेखन हेतु आपके चिंतन को एक दिशा बिजली चोरी की समस्या पर भी दीजीयेगा .
मेरे ब्लाग http://nomorepowertheft.blogspot.com एवं विभिन्न विद्युत विभागों के वेब पेजेज आपको आमंत्रित कर रहे हैं .
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