आज हिन्द-युग्म ने हिन्द-युग्म यूनिकवि एवम् यूनिपाठक प्रतियोगिता के आयोजन का १ वर्ष का पूरा कर लिया है विगत वर्ष में हमने इस प्रतियोगिता १२ अंकों का सफल आयोजन किया और यह हिन्द-युग्म के लिए यह गौरव की बात है कि हमने प्रतिभागियों की संख्या में चाहे वो कवियों की हो या पाठकों की , उत्तरोत्तर प्रगति की। जनवरी २००७ में हमें मात्र ६ प्रतिभागी कवियों से इसकी शुरूआत की थी और दिसम्बर २००७ में हमें ४८ प्रतिभागी मिले। अर्थात् ७००% की वृद्धि। निश्चित रूप से इसके लिए पूरी टीम, पाठकों का बड़ा वर्ग और जिन्हें भी प्रोत्साहित करके, आलोचना करके, मार्गदर्शन देकर हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा दी, बधाई के पात्र हैं।
जब इस प्रतियोगिता की शुरूआत हुई थी तो इंटरनेट पर हिन्दी के प्रयोग का प्रोत्साहन था, लेकिन आज हमने अपने लक्ष्यों को बहुत विस्तार दिया है। हमसे इंटरनेट के बाहर की दुनिया भी जुड़ रही है और हम भी बाहर तक जा रहे हैं।
इस बार हम नववर्ष में हिन्द-युग्म यूनिकवि एवम् यूनिपाठक प्रतियोगिता के नये अंक के लिए कविताओं की प्रविष्टियाँ आमंत्रित करते हैं। नये पाठकों को बता दें कि 'हिन्द-युग्म यूनिकवि एवम् यूनिपाठक प्रतियोगिता' का आयोजन प्रत्येक माह होता है। कविता प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए कवियों को अपनी मौलिक तथा अप्रकाशित रचनाएँ महीने की १५ वीं तारीख तक भेजनी होती है, तथा पाठकों को पहले दिन से महीने के आखिरी दिन तक यहाँ प्रकाशित सभी प्रविष्टियों पर टिप्पणियाँ करनी होती है।
यूनिकवि बनने के लिए-
१) अपनी कोई मौलिक तथा अप्रकाशित कविता १५ जनवरी २००८ की मध्यरात्रि तक hindyugm@gmail.com पर भेजें।
(महत्वपूर्ण- मुद्रित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित रचनाओं के अतिरिक्त गूगल, याहू समूहों में प्रकाशित रचनाएँ, ऑरकुट की विभिन्न कम्न्यूटियों में प्रकाशित रचनाएँ, निजी या सामूहिक ब्लॉगों पर प्रकाशित रचनाएँ भी प्रकाशित रचनाओं की श्रेणी में आती हैं।)
२) कोशिश कीजिए कि आपकी रचना यूनिकोड में टंकित हो।
यदि आप यूनिकोड-टाइपिंग में नये हैं तो आप हमारे निःशुल्क यूनिप्रशिक्षण का लाभ ले सकते हैं।
३) परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, इतना होने पर भी आप यूनिकोड-टंकण नहीं समझ पा रहे हैं तो अपनी रचना को रोमन-हिन्दी ( अंग्रेजी या इंग्लिश की लिपि या स्क्रिप्ट 'रोमन' है, और जब हिन्दी के अक्षर रोमन में लिखे जाते हैं तो उन्हें रोमन-हिन्दी की संज्ञा दी जाती है) में लिखकर या अपनी डायरी के रचना-पृष्ठों को स्कैन करके हमें भेज दें। यूनिकवि बनने पर हिन्दी-टंकण सीखाने की जिम्मेदारी हमारे टीम की।
४) एक माह में एक कवि केवल एक ही प्रविष्टि भेजे।
यूनिपाठक बनने के लिए
चूँकि हमारा सारा प्रयास इंटरनेट पर हिन्दी लिखने-पढ़ने को बढ़ावा देना है, इसलिए पाठकों से हम यूनिकोड ( हिन्दी टायपिंग) में टंकित टिप्पणियों की अपेक्षा रखते हैं। टायपिंग संबंधी सभी मदद यहाँ हैं।
१) १ जनवरी २००८ से ३१ जनवरी २००८ के बीच की हिन्द-युग्म पर प्रकाशित अधिकाधिक प्रविष्टियों पर हिन्दी में टिप्पणी (कमेंट) करे।
२) टिप्पणियों से पठनीयता परिलक्षित हो।
३) हमेशा कमेंट (टिप्पणी) करते वक़्त समान नाम या यूज़रनेम का प्रयोग करें।
४) हिन्द-युग्म पर टिप्पणी कैसे की जाय, इस पर सम्पूर्ण ट्यूटोरियल यहाँ उपलब्ध है।
कवियों और पाठकों को निम्न प्रकार से पुरस्कृत और सम्मानित किया जायेगा-
१) यूनिकवि को रु ६०० का नकद ईनाम, रु १०० की पुस्तकें और एक प्रशस्ति-पत्र।
२) यूनिपाठक को रु ३०० का नकद ईनाम, रु २०० की पुस्तकें और एक प्रशस्ति-पत्र।
३) क्रमशः दूसरे, तीसरे और चथे स्थान के पाठकों को प्रो॰ सी॰बी॰ श्रीवास्तव 'विदग्ध' की ओर से उनकी काव्य-पुस्तक 'वतन को नमन' की स्वहस्ताक्षरित प्रति।
४) टॉप १० कवियों को तथा शीर्ष दो पाठकों को वरिष्ठ कथाकार सूरज प्रकाश द्वारा सम्पादित कहानी की पुस्तक 'कथा दशक' की एक-एक प्रति।
५) यूनिकवि और यूनिपाठक को तत्वमीमांसक (मेटाफ़िजिस्ट) डॉ॰ गरिमा तिवारी से ध्यान (मेडिटेशन) पर किसी भी एक पैकेज़ की सम्पूर्ण ऑनलाइन शिक्षा पाने का अधिकार होगा। (लक पैकेज़ को छोड़कर)
प्रतिभागियों से भी निवेदन है कि वो समय निकालकर यदा-कदा या सदैव हिन्द-युग्म पर आयें और सक्रिय कवियों की रचनाओं को पढ़कर उन्हें सलाह दें, रास्ता दिखायें और प्रोत्साहित करें।
प्रतियोगिता में भाग लेने से पहले सभी 'नियमों और शर्तों' को पढ़ लें।
आप भाग लेंगे तो हमारे प्रयास को बल मिलेगा, तो आइए और हमारा प्रोत्साहन कीजिए।
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कविताप्रेमी का कहना है :
नए साल के यूनी कवि प्रतियोगिता में आप सभी मित्रों का हार्दिक स्वागत है. आशा ही नहीं वरन पूर्ण विश्वास है की इस बार की प्रतियोगिता में आप सभी नए आत्मविश्वास और उर्जा के साथ होंगे.
नव वर्ष की शुभकामनाओं समेत
आलोक सिंह "साहिल"
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