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Monday, September 24, 2007

'मुसाफ़िर' होंगे काव्य-पल्लवन के केन्द्र में


काव्य-प्रेमियो,

अक्टूबर माह के सामूहिक कविता-लेखन 'काव्य-पल्लवन' के विषय को लेकर हम प्रस्तुत हो चुके हैं। हमने पिछले सोमवार को अगले काव्य-पल्लवन के लिए विषय आमंत्रित किये थे। कुल १९ विषय प्राप्त हुए। चयनकर्ता दो विषयों को लेकर असमंजस में था क्योंकि दोनों ऐसे विषय थे जिसपर कोई लिख सकता है और बहुत कुछ लिख सकता है। विषय थे 'सपने' (अनिता कुमार द्वारा प्रेषित) और 'मुसाफ़िर' (रविकांत पाण्डेय द्वारा प्रेषित)। अंत में चयनकर्ता ने अपने साथियों की सलाह से 'मुसाफ़िर' को चुना। किसी मुद्दे जैसे विषय को न चुनने के पिछे चयनकर्ता का यह मत है कि उस विषय पर सभी लगभग एक जैसा लिखते हैं और उस विषय को नज़रअंदाज करने वाला कवि उस पर कुछ नहीं भेजता, इस तरह के व्यापक विषयों पर सभी लिख सकेंगे और विशेष मुद्दों को इन्हीं के माध्यम से रख सकेंगे।

कृपया आप 'मुसाफ़िर' विषय पर अपनी कविता लिखकर १२ अक्टूबर, २००७ तक kavyapallavan@gmail.com पर ईमेल करें। याद रखें कि आपकी कविता कहीं प्रकाशित न हों।

हर सम्भव कोशिश करें कि आपकी कविता यूनिकोड में टंकित हो। यदि आप हिन्दी-टाइपिंग नहीं जानते तो हिन्द-युग्म के यूनिप्रशिक्षण की मदद ले सकते हैं। पूरी जानकारी यहाँ है।

काव्य-पल्लवन का यह अंक २५ अक्टूबर २००७ को प्रकाशित होगा।

जो पाठक नये हैं वो काव्य-पल्लवन के बारे में और काव्य-पल्लवन के पुराने अंकों को नीचे की कड़ियों पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं।

काव्य-पल्लवन क्या है?

अंक-१
अंक-२
अंक-३
अंक-४
अंक-५
अंक-६
अंक-७

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