
हिन्द-युग्म ने २८ दिसम्बर २००८ को
विगत् वर्ष का अपना वार्षिकोत्सव मनाया। हिन्द-युग्म इंटरनेट से इतर भी आयोजन की वक़ालत इसलिए भी करता रहा है ताकि इंटरनेट की दुनिया और बाहर की दुनिया के बीच एक सेतु बन सके।
इसी क्रम में एक कार्यक्रम का आयोजन
१५ जनवरी २००९ को करने जा रहा है। हिन्द-युग्म साहित्य को तकनीक की आधुनिक विधाओं से और प्रस्तुतिकरण के नये तरीकों से जोड़ने का पक्षधर रहा है। इसीलिए 'आवाज़' के माध्यम से नये से लेकर पुराने साहित्य को दृश्य-श्रव्य माध्यमों से जोड़ता रहा है।
जिसमें प्रेमचंद की कहानियों के पॉडकास्ट का प्रसारण 'सुनो कहानी' स्तम्भ के माध्यम से, पॉडकास्ट कवि सम्मेलन का आयोजन, हर सप्ताह नये गीतों का लोकार्पण, पुस्तकों की पॉडकास्ट समीक्षा, कविताओं के एल्बम का प्रसारण, बाल-साहित्य की पॉडकास्टिंग, ऑडियो डाक्यूमेंट्री का प्रसारण, महान लेखकों-कलाकारों से मुलाक़ात का प्रसारण इत्यादि शामिल है।
इसी क्रम में लेखक की कहानी का लेखक के ही द्वारा पाठ और उसको इंटरनेट तक पहुँचाने का पहला प्रयास १५ जनवरी के कार्यक्रम में करने जा रहा है, जिसमें वरिष्ठ और युवा कथाकार का कहानीपाठ तो होगा, साथ ही उस पर युवा तथा अनुभवी कथाकारों की समीक्षा/टिप्पणी भी होगी।
कार्यक्रम का विवरण का निम्नलिखित है-
कथापाठः एक विमर्श
कथाकार-
१॰ तेजेन्द्र शर्मा- अंतर्राष्ट्रीय सम्मान 'कथा यू॰के॰ सम्मान' प्रदान करनेवाली संस्था 'कथा यू. के.' के सचिव, समकालीन हिन्दी कहानी के प्रमुख हस्ताक्षरों में से एक, अनेकों सम्मान (यथा महाराष्ट्र राज्य साहित्य अकादमी पुरस्कार, युवा साहित्यकार पुरस्कार, सुपथगा सम्मान, प्रथम संकल्प साहित्य सम्मान, तितली बाल पत्रिका का साहित्य सम्मान, डॉ. हरिवंशराय बच्चन सम्मान इत्यादि) से सम्मानित, इंग्लैंड से प्रकाशित होने वाली पत्रिका पुरवाई के संपादक।
२॰ गौरव सोलंकी- उभरते कथाकारों में सशक्त नाम, हिन्द-युग्म के चर्चित कवि तथा कहानीकार, कहानी-कलश के संपादन मंडल से जुड़े।
मुख्य वक्ता
असग़र वजाहत- कथा यू॰के॰ २००६ से सम्मानित कथाकार, तीन कहानी संग्रह, चार उपन्यास, छः नाटकों के सृजक।छह नाटकों का देश भर में मंचन और प्रदर्शन हुआ, 'जिन लाहौर नईं वेख्या, ते जन्म्या नईं' ने देश की सरहद के बाहर भी खूब तारीफें बटोरी हैं। बुदापैस्त, हंगरी में आपकी दो एकल चित्र प्रदर्शनियाँ भी हो चुकी हैं। टेलीविज़न व फ़िल्म लेखन और निर्देशन से भी जुड़े रहे हैं। कई वृत्ताचित्रों, धारावाहिकों और कुछ फीचर फ़िल्मों के लिए पटकथा लेखन भी किया।
सप्रंति- हिंदी विभाग, जामिया मिल्लिया इस्लामिया (नई दिल्ली) में अध्यापन।
अजय नावरिया- चर्चित दलित लेखक, जामिया मिलिया इस्लामिया, दिल्ली में धर्मशास्त्र के प्राध्यापक, चर्चित उपन्यास 'उधर के लोग' के लेखक।
टिप्पणीकार
अभिषेक कश्यप- युवा कहानीकार तथा राजनैतिक पत्रिका 'राज-सरोकार' के उप संपादक।
अभिषेक 'युवा कहानी और नये प्रयोग' पर अपने विचार रखेंगे।
संचालक
डॉ॰ श्याम सखा 'श्याम'- हरियाणा के वरिष्ठ हिन्दी साहित्यकार और हिन्दी साहित्यिक त्रैमासिक 'मसि-कागद' के संपादक।
स्थानः गाँधी शांति फाउँडेशन (प्रतिष्ठान) सभागार (221/223, दीन दयाल उपाध्याय मार्ग, आई टी ओ के पास), नई दिल्ली
दिन व समयः १५ जनवरी २००९, शाम ५ से ८ बजे तक
चाय का समयः शाम ५ से ६ बजे तक
हमने इस कार्यक्रम में एक आकर्षण और जोड़ रहे हैं। आप कथापाठ करने वाले कहानीकारों से उस कहानी से जुड़े अपने सवाल भी पूछ सकते हैं।
इसके अतिरिक्त हिन्दी ब्लॉगिंग से जुड़े आपकी किसी भी तरह की परेशानी के निदान के लिए हिन्द-युग्म के संस्थापक-नियंत्रक शैलेश भारतवासी उपस्थित होंगे। आप अपने सवाल लिखकर ले आयें और कार्यक्रम के शुरू होने
से पहले जमा कर दें। आपकी हर एक जिज्ञासा को शांत करने का प्रयास किया जायेगा।
भाग अवश्य लें और हमारा प्रोत्साहन करें।
कृपया इस कार्यक्रम की सूचना का पोस्टर अपने ब्लॉग/वेबसाइट/ऑरकुट स्क्रैपबुक में लगाकर हमारी मदद करें। लगाने के लिए निम्न कोड कॉपी करें।