सज़ा होगी..
दर्द ने खुद कबूला है
अपना ज़ुर्म !
हां.. उसी ने मारी थी
खुशी को टक्कर
तब बड़ी स्पीड में थी
यादों की कार !
दर्द नशे में था
दिल की पुलिस ने
बरामद की है
उम्मीद की खाली बोतल !
बेशरम है दर्द..
कोई अफसोस नहीं उसे
मोहब्बत के जेल में बन्द
हंसता रहता है कम्बख्त !
तक़दीर के अस्पताल में
भर्ती है खुशी..
हसरतों का गुलदस्ता लेकर
मैं पहुंचा तो पाया
कोमा में है !
लड़ रही है मौत से..
वहीं पास में
कुर्सी पर बैठी मुस्कान
उदास थी
कहने लगी..
खुशी करती थी तुम्हे याद
पर तुम्हारा नम्बर
कहीं मिस हो गया था उससे !
उस दिन..
आंसुओं की दुकान पर
पूछ ही रही थी तुम्हारी पता
कि कमीने दर्द ने
मार दी टक्कर
और मुझसे लिपटकर
रो पड़ी मुस्कान !
तभी आया
वक़्त का डॉक्टर
देने लगा हिदायत
कि मत करो शोर..
फिर जांची
खुशी की धड़कन
और
अतीत का परहेज़ बता कर
लिख दी
ज़िन्दगी के परचे पर
समझौते की दवा !