सज़ा होगी..
दर्द ने खुद कबूला है
अपना ज़ुर्म !
हां.. उसी ने मारी थी
खुशी को टक्कर
तब बड़ी स्पीड में थी
यादों की कार !
दर्द नशे में था
दिल की पुलिस ने
बरामद की है
उम्मीद की खाली बोतल !
बेशरम है दर्द..
कोई अफसोस नहीं उसे
मोहब्बत के जेल में बन्द
हंसता रहता है कम्बख्त !
तक़दीर के अस्पताल में
भर्ती है खुशी..
हसरतों का गुलदस्ता लेकर
मैं पहुंचा तो पाया
कोमा में है !
लड़ रही है मौत से..
वहीं पास में
कुर्सी पर बैठी मुस्कान
उदास थी
कहने लगी..
खुशी करती थी तुम्हे याद
पर तुम्हारा नम्बर
कहीं मिस हो गया था उससे !
उस दिन..
आंसुओं की दुकान पर
पूछ ही रही थी तुम्हारी पता
कि कमीने दर्द ने
मार दी टक्कर
और मुझसे लिपटकर
रो पड़ी मुस्कान !
तभी आया
वक़्त का डॉक्टर
देने लगा हिदायत
कि मत करो शोर..
फिर जांची
खुशी की धड़कन
और
अतीत का परहेज़ बता कर
लिख दी
ज़िन्दगी के परचे पर
समझौते की दवा !
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8 कविताप्रेमियों का कहना है :
kinhi rasto par smjhaouta hi ak rasta hota hai .
bahut sundar kavita .
badhai
कविता का संदेश समझोता सकारात्मक पक्ष को दर्शाता है .
सुन्दर सकारात्मक अभिव्यक्ति बधाइ
बहुत सुंदर कविता...बधाई।
आज
हर दुर्घटना के बाद
जिंदगी के पर्चे पर
वक्त का डाक्टर
समझौते की दवा ही लिखता है
खाना न खाना
दर्द की सहनशीलता पर
निर्भर करता है।
--अचछी लगी आपकी कविता।
है दर्द१ से दर्द ६ तक सफ़र "DElHI 6" के सफ़र से कम नहीं ...
अच्छा लिखा है .... बस अस्पताल वाला Expression थोडा लम्बा हो गया मुझे लगा ...क्यूंकि bich में कविता थोडी predictable हो गयी थी ..जबकि unpredictability .जो की पहले की कविताओं की खूबी थी ....
लेकिन ऐसा भी लिखना आसन नहीं ..ये expression भी लाना आसान नहीं ... बहुत बहुत बधाई
सदर
दिव्य प्रकाश दुबे
कविता में कही बात बहुत सुंदर है अन्त बहुत अच्छा है ये पंक्तिया बहुत खूब है
अतीत का परहेज़ बता कर
लिख दी
ज़िन्दगी के परचे पर
समझौते की दवा !
सादर
रचना
Puri kavita hi bahut achhi hai halanki maine pahle ke 5 part nahi pare par fir bhi isme dard, khusi, aur, muskan ka jo varnan kiya hai wo behad romanchak hai.........bahut bahut badhai
Praveen Kumar
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