हिंद-युग्म पर जनवरी 2007 से आरंभ हुआ यूनिप्रतियोगिता का सफ़र अबाध गति से 41 सोपानों को पार करता हुआ अपने 42वें माह मे प्रवेश कर रहा है। इस प्रतियोगिता का मूल उद्देश्य दुनिया भर से काव्य प्रतिभाओं की तलाश करना तो है ही, साथ ही यूनिकोड-हिन्दी के प्रयोग को प्रोत्साहित करना भी रहा है। इस प्रतियोगिता के माध्यम से जहाँ अनेकों काव्य-कुसुमों को पल्लवित होने का अवसर मिला है, वहीं अंतर्जाल के पाठकों मे हिंदी-कविता के प्रति रुचि जाग्रत करने मे भी यह प्रतियोगिता महत्वपूर्ण साबित हुई है। हिंद-युग्म यूनिकवि एवं यूनिपाठक प्रतियोगिता के 42वें संस्करण मे जून 2010 माह के लिये प्रविष्टियाँ आमंत्रित करता है। प्रतियोगिता के विजेताओं को विचार एवं संस्कृति की चर्चित पत्रिका ’समयांतर’ की एक वर्ष की निःशुल्क सदस्यता दी जायेगी। प्रतियोगिता द्वारा चयनित यूनिकवि को हिंद-युग्म के वार्षिकोत्सव मे विख्यात साहित्यकार के द्वारा सम्मानित भी किया जायेगा।
जून 2010 का यूनिकवि बनने के लिए-
1) अपनी कोई मौलिक तथा अप्रकाशित कविता 17 जून 2010 की मध्यरात्रि तक hindyugm@gmail.com पर भेजें।
(महत्वपूर्ण- मुद्रित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित रचनाओं के अतिरिक्त गूगल, याहू समूहों में प्रकाशित रचनाएँ, ऑरकुट की विभिन्न कम्न्यूटियों में प्रकाशित रचनाएँ, निजी या सामूहिक ब्लॉगों पर प्रकाशित रचनाएँ भी प्रकाशित रचनाओं की श्रेणी में आती हैं।)
2) कोशिश कीजिए कि आपकी रचना यूनिकोड में टंकित हो। यदि आप यूनिकोड-टाइपिंग में नये हैं तो आप हमारे निःशुल्क यूनिप्रशिक्षण का लाभ ले सकते हैं।
3) परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, इतना होने पर भी आप यूनिकोड-टंकण नहीं समझ पा रहे हैं तो अपनी रचना को रोमन-हिन्दी ( अंग्रेजी या इंग्लिश की लिपि या स्क्रिप्ट 'रोमन' है, और जब हिन्दी के अक्षर रोमन में लिखे जाते हैं तो उन्हें रोमन-हिन्दी की संज्ञा दी जाती है) में लिखकर या अपनी डायरी के रचना-पृष्ठों को स्कैन करके हमें भेज दें। यूनिकवि बनने पर हिन्दी-टंकण सिखाने की जिम्मेदारी हमारे टीम की। आप किसी अन्य फॉन्ट में भी अपनी कविता टंकित करके भेज सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि रचना word, wordpad या पेजमेकर में हो, पीडीएफ फाइल न भेजें, साथ में इस्तेमाल किये गये फॉन्ट को भी ज़रूर भेजें।
4) एक माह में एक कवि केवल एक ही प्रविष्टि भेजे।
यूनिपाठक बनने के लिए
चूँकि हमारा सारा प्रयास इंटरनेट पर हिन्दी लिखने-पढ़ने को बढ़ावा देना है, इसलिए पाठकों से हम यूनिकोड (हिन्दी टायपिंग) में टंकित टिप्पणियों की अपेक्षा रखते हैं। टाइपिंग संबंधी सभी मदद यहाँ हैं।
1) 1 जून 2010 से 30 जून 2010 के बीच की हिन्द-युग्म पर प्रकाशित अधिकाधिक प्रविष्टियों पर हिन्दी में टिप्पणी (कमेंट) करें।
2) टिप्पणियों से पठनीयता परिलक्षित हो।
3) हमेशा कमेंट (टिप्पणी) करते वक़्त एक समान नाम या यूज़रनेम का प्रयोग करें।
4) हिन्द-युग्म पर टिप्पणी कैसे की जाय, इस पर सम्पूर्ण ट्यूटोरियल यहाँ उपलब्ध है।
कवियों और पाठकों को निम्न प्रकार से पुरस्कृत और सम्मानित किया जायेगा-
1) यूनिकवि को समयांतर की एक वर्ष की मुफ्त सदस्यता। हिन्द-युग्म की ओर से प्रशस्ति-पत्र।
यूनिकवि को हिन्द-युग्म के वर्ष 2010 के वार्षिकोत्सव में प्रतिष्ठित साहित्यकारों के हाथों सम्मानित किया जायेगा।
2) यूनिपाठक को समयांतर की 12 महीने की मुफ्त सदस्यता और हिन्द-युग्म की ओर से प्रशस्ति-पत्र।
3) दूसरे से दसवें स्थान के कवियों को तथा दूसरे से चौथे स्थान के पाठकों को समयांतर की 12 महीनों की निःशुल्क सदस्यता।
कवि-लेखक प्रतिभागियों से भी निवेदन है कि वो समय निकालकर यदा-कदा या सदैव हिन्द-युग्म पर आयें और सक्रिय लेखकों की प्रविष्टियों को पढ़कर उन्हें सलाह दें, रास्ता दिखायें और प्रोत्साहित करें।
प्रतियोगिता में भाग लेने से पहले सभी 'नियमों और शर्तों' को पढ़ लें।
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8 कविताप्रेमियों का कहना है :
jee rachana bhejenge
आईये जाने .... प्रतिभाएं ही ईश्वर हैं !
आचार्य जी
सभी प्रतियोगियों को हार्दिक शुभकामनाये
regards
मेरी इस कविता को भी प्रतियोगिता में शामिल करो, नहीं तो अगली कविता शैलेश भारतवासी को समर्पित करूंगी।
अनूप ले रहे हैं मौज : फुरसत में रहते हैं हर रोज : तितलियां उड़ाते हैं http://pulkitpalak.blogspot.com/2010/06/blog-post.html सर आप भी एक पकड़ लीजिए नीशू तिवारी की विशेष फरमाइश पर।
प्रतियोगिता का स्वागत है।
विमल कुमार हेडा़
अनूप ले रहे हैं मौज : फुरसत में रहते हैं हर रोज : तितलियां उड़ाते हैं
तितलिया उडाते है, कैद तो नही करते
यह प्रसन्नता की बात है, तितलियो की आजादी भी वर्तमान मे देखने को नही मिल पाती.
palak
aapne shayad pratiyogita ke niyam nahi padhe, dobara padhiye
जी आज भेज रहा हूँ.
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