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Tuesday, June 01, 2010

अन्याय का गणित


हम
अपने समय के
सबसे बेईमान और बेरहम
वक्त के जबड़ों में फँसे हैं
जहाँ हैवानी नस्ल
इंसानी पैदावार की शगल में
मुक्ति के शब्द भुलाकर
ऐय्यास क्रियाएँ खेल रही हैं
इंसान होने की परिभाषा
साहित्य से स्थगित होकर
खद्दरों के मुँह में घुस गयी है
सपनीले नग्मों के होंठ
सिल दिए हैं हैवानी फिजाओं ने
और अब
जिन्दा तस्वीर का रुख बदल चुका है
विद्रोह का सारा व्याकरण
खोलती भाषा का ताप
छद्‍म नारों के साथ
रंगरलियाँ मनाने में लगा है
ऐसे में साथियो
एक रास्ता हम भी चुनें
बेईमान वक्त के जबड़ों में फँसे
अपने वक्त का इतिहास
अपनी भाषा में रचें
और
मेहनत करने की आदत में
हक लेने की आदत को शामिल करके
अन्याय के गणित को
पढना सीखें

सूरज बड़त्या

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9 कविताप्रेमियों का कहना है :

दिलीप का कहना है कि -

sundar ek jalti hui kavita...

M VERMA का कहना है कि -

विद्रोह का सारा व्याकरण
खोलती भाषा का ताप
छद्‍म नारों के साथ
रंगरलियाँ मनाने में लगा है
छद्म आवरण तो अब रोजमर्रा की आदत में शामिल हो चुकी है
सुन्दर रचना

himani का कहना है कि -

मेहनत करने की आदत में
हक लेने की आदत को शामिल करके
अन्याय के गणित को
पढना सीखें
बहुत उम्दा विचार हैं प्रबंधन से जुड़े़ लोग पढे़गें तो कुछ संदेश ले सकेंगे और मजदूर वगॆ के लोग पढे़गें तो कुछ समझ सकेंगे

पवन धीमान का कहना है कि -

सुन्दर रचना

मनोज कुमार का कहना है कि -

सार्थक रचना!

स्वप्निल तिवारी का कहना है कि -

मेहनत करने की आदत में
हक लेने की आदत को शामिल करके
अन्याय के गणित को
पढना सीखें


achi rachna hai ..doordarshan ka ek saksharta mission wala ek song yad aa gaya..

padhna likhna seekho ...o mehnat karne walon... :)

seema gupta का कहना है कि -

मेहनत करने की आदत में
हक लेने की आदत को शामिल करके
अन्याय के गणित को
पढना सीखें
"रचना प्रभावित करती है.."
regards

डा.संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमी का कहना है कि -

मेहनत करने की आदत में
हक लेने की आदत को शामिल करके
अन्याय के गणित को
पढना सीखें
वर्तमान समय मे अन्याय के गणित को न्याय के गणित मे बदलना तो सम्भव नही लगता, हक लेने की आदत बनाकर अपनी कुर्बानी देने का काम कर सकते है किन्तु शहीद का दर्जा नही मिलेगा क्योकि वह चन्द लोगो के लिये आरक्षित हो गया है.
न्याय की बात करने वाले को ही अन्यायी सिद्ध कर देना अन्यायियो के बाये हाथ का खेल है.

शोभा का कहना है कि -

अच्छा लिखा है। बधाई।

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