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Sunday, April 18, 2010

मेरा अपना ही क्रंदन है और अकेला मैं हूँ


मन का गहरा खालीपन है और अकेला मैं हूँ
जैसे कोई निर्जन वन है और अकेला मैं हूँ

जिसको सुनकर रातों को मैं अक्सर जाग गया हूँ
मेरा अपना ही क्रंदन है और अकेला मैं हूँ

मेरे घर के आस पास ही रहना चाँद सितारों
मेरी नींदों से अनबन है और अकेला मैं हूँ

पक्की करके रक्खूं मैं मन की कच्ची दीवारें
मेरी आँखों में सावन है और अकेला मैं हूँ

कुछ आधी पूरी कवितायें कुछ यादें कुछ सपने
मेरे घर में कितना धन है और अकेला मैं हूँ

जीवन के कितने प्रश्नों के उत्तर नहीं मिलें हैं
समय बचा अब कितना कम है और अकेला मैं हूँ

कभी कभी लगता है कोई करे प्यार की बातें
'रवि ' बड़ा नीरस जीवन है और अकेला मैं हूँ

यूनिकवि- रवीन्द्र शर्मा 'रवि'

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9 कविताप्रेमियों का कहना है :

Unknown का कहना है कि -

mera apna hi krandan hai aur akela main hun.......wah wah wah wah ...
is ghazal ki kyaa taareef karun !! ravi ji ne ravivaar kaamyaab kar diyaa.
Hindyugm ka koti koti dhanyavaad.

Unknown का कहना है कि -

कुछ आधी पूरी कवितायें कुछ यादें कुछ सपने
मेरे घर में कितना धन है और अकेला मैं हूँ

बहुत ही सुन्दर रचना, रवि जी को बहुत बहुत बधाई , धन्यवाद
विमल कुमार हेडा

Anonymous का कहना है कि -

जिसको सुनकर रातों को मैं अक्सर जाग गया हूँ
मेरा अपना ही क्रंदन है और अकेला मैं हूँ
वाह क्या लाईने हैं... पूरी रचना ही अपने आप मे बेजोड है ..रवि जी बहुत-बहुत अभार!!

rachana का कहना है कि -

मेरे घर के आस पास ही रहना चाँद सितारों
मेरी नींदों से अनबन है और अकेला मैं हूँ
gahre bhav

पक्की करके रक्खूं मैं मन की कच्ची दीवारें
मेरी आँखों में सावन है और अकेला मैं हूँ
bahut khoob
achchhi gazal ke liye badhai
rachana

himani का कहना है कि -

kabhi lagta hai koi kare pyar ki bate.......bda niras jivan hai akela hun main...hum sab hi yhan bhid bhari dunia mein kahin na kahin akele hai .....very nice words

Guftugu का कहना है कि -

Saral shabdo me sundar abhivyakti.mubarakbad.smita mishra

अपूर्व का कहना है कि -

पूरी ही ग़ज़ल मे किसी उदास हृदय का आत्मराग किसी पखावज सा बजता रहता है..कि हर शेर दिमाग पन मन भर वज्न रख जाता हो...
और मैं इस शे’र को उठा लिये जाता हूँ

पक्की करके रक्खूं मैं मन की कच्ची दीवारें
मेरी आँखों में सावन है और अकेला मैं हूँ

जानलेवा!!

kamlesh का कहना है कि -

रवि जी ने अच्छी रचना प्रस्तुत की है.. उन्हें कोटि..कोटि.. धन्यवाद

Anonymous का कहना है कि -

बस एक ही शब्द कहना है " बेमिसाल "
के.पी.सिंह

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