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Saturday, January 02, 2010

बहुत अच्छे से


शामिख़ फ़राज़ हिन्द-युग्म के सक्रियतम पाठकों में से एक हैं। और सबसे बड़ी बात है कि उ॰प्र॰ के उस शहर से इंटरनेट पर हिन्दी की वेबसाइटों से जुड़े हैं जहाँ अभी इंटरनेट की पहुँच भी बहुत कम है। नवम्बर माह की प्रतियोगिता में इनकी एक कविता 10वें स्थान पर रही।

पुरस्कृत कविता-बहुत अच्छे से

यूँ तो ज़िन्दगी ने हर लेक्चर समझाया है
बहुत अच्छे से
यूँ तो ज़िन्दगी ने हर सब्जेक्ट पढ़ाया है
बहुत अच्छे से

जाने कितने किस्सों के नोट्स बनवाए हैं
जाने कितने वाक्यात की फोटोकॉपी दी है
यूँ तो ज़िन्दगी ने हर हेडिंग रटाया है
बहुत अच्छे से

कुछ बातों पे टिक लगवाएं हैं
तो कुछ यादों को अंडरलाइन किया है
कुछ सुख के पॉइंट्स बताएं हैं
तो कुछ दुःख के पॉइंट्स लिखाये हैं
यूँ तो ज़िन्दगी ने पॉइंट टू पॉइंट लिखाया है
बहुत अच्छे से

कभी रिश्तों पे शॉर्ट नोट्स लिखाये हैं
तो कहीं झगडे इंपोर्टन्ट बताएं हैं
कभी अतीत के सॉल्वड पेपर कराएँ हैं
कभी भविष्य के मोडल पेपर दिखाएँ हैं
यूँ तो ज़िन्दगी ने वक़्त का मार्कर चलाया है
बहुत अच्छे से

हालाँकि मैं भी ज़िन्दगी के पेपर में
दुनिया के एक्ज़ामिनेशन हाल में
इम्तिहान की कॉपी तो पूरी भर आया हूँ
अब जाने पास हुआ कि फेल हुआ.
अब जाने पास हुआ कि फेल हुआ


पुरस्कार- विचार और संस्कृति की मासिक पत्रिका 'समयांतर' की ओर से पुस्तक/पुस्तकें।

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4 कविताप्रेमियों का कहना है :

Anonymous का कहना है कि -

यही जीवन है, सुंदर विचार और रचना के लिए बधाई लेकिन शामिख जी कॉपी अभी कहाँ भरी है तथा इम्तिहान भी बाकी हैं. विचार ऐसे है तो जरुर पास होंगे - हार्दिक शुभकामनाएं.

विनोद कुमार पांडेय का कहना है कि -

जिंदगी ने जो भी किया बहुत अच्छा ही किया..एक सरल और सहज भाषा में साकार कविता..बहुत अच्छे से..बधाई हो!!

rachana का कहना है कि -

हालाँकि मैं भी ज़िन्दगी के पेपर में
दुनिया के एक्ज़ामिनेशन हाल में
इम्तिहान की कॉपी तो पूरी भर आया हूँ
अब जाने पास हुआ कि फेल हुआ.
अब जाने पास हुआ कि फेल हुआ

bahut sunder mujhe ye naya andaj bahut pasand aaya
aap ko badhai
saader
rachana

neelam का कहना है कि -

हालाँकि मैं भी ज़िन्दगी के पेपर में
दुनिया के एक्ज़ामिनेशन हाल में
इम्तिहान की कॉपी तो पूरी भर आया हूँ
अब जाने पास हुआ कि फेल हुआ.
अब जाने पास हुआ कि फेल हुआ

aap yakeenan paas hue hain ,itne maasoom dil waale log khuda ko bhi achche lagte hain to examiner bhi to wahi hai naa .

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