रोला-उल्लाला रचें मिलकर छप्पय छंद.
ग्यारह-पन्द्रह विषम, सम तेरह दें आनंद..
छप्पय छन्द कुण्डली की तरह छह पंक्तियों / पदों का संयुक्त छंद है. इसकी प्रथम चार पंक्तियाँ रोला की तथा अंतिम दो पंक्तियाँ उल्लाला की होती हैं. रोला में ११-१३ पर यति (विराम) होती है जबकि उल्लाला में १५-१३ पर. इस प्रकार चप्पे की प्रथम चार पंक्तियों में विषम चरणों में ११ कलायें / मात्राएँ होती हैं जबकि शेष दो पंक्तियों के विषम चरणों में १५ कलायें होती हैं. सभी ६ पंक्तियों में सम चरणों में १३ कलायें होती हैं.
उदाहरण:
१. नीलाम्बर परिधान, हरित पट पर सुन्दर है.
सूर्य-चन्द्र युग-मुकुट, मेखला रत्नाकर है.
नदियाँ प्रेम-प्रवाह, फूल तारा-मंडल हैं
बंदीजन खगवृन्द, शेष-फन सिंहासन है. - रोला
करते अभिषेक पयोद हैं, बलिहारी इस वेश की.
हे मातृभूमि! तू सत्य ही, सगुण मूर्ति सर्वेश की.. -उल्लाला
२. पा अनंत अमरत्व , कर गए नाम धरा में.
गए जोड़ अपनत्व काव्य की परंपरा में.
किये प्राण उत्सर्ग, लहू को खाद बनाया.
खिलें न्याय-श्रम-सुमन, देश पर शीश चढ़ाया. -रोला
वे राष्ट्र-हितैषी धन्य हैं, निर्वाहा कर्त्तव्य को.
निज जीवन देकर सँवारा, भारत के भवितव्य को. -उल्लाला
३. व्यर्थ न कर अभिमान, एक दिन मिट जाना है.
राजा हो या रंक, न कोई बच पाना है.
आया खाली हाथ, हाथ खाली जाएगा.
तजा न जिसने लोभ, 'सलिल' वह पछतायेगा. -रोला
करते सब ग्रन्थ निषेध हैं, हिंसा लालच क्रोध का.
भव-सागर से तरेगा जब, पथ पकड़ेगा बोध का. -उल्लाला
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)
11 कविताप्रेमियों का कहना है :
आचार्य जी नमस्कार,
रोला और उल्लाला के मेल से बनने वाले छप्पय छंद की रचना के बारे में बहुत ही ज्ञानवर्धक जानकारी, प्रयास करूँगा और लिख पाया तो आपको जरुर भेजूंगा. सादर.
अच्छी जानकारी
kavya rachana ke bare me aapki jaankari bahumuly hai..sarthak post dhanywaad salil ji
zzzzz2018.6.2
christian louboutin sale
moncler outlet
kate spade outlet
nike tn pas cher
polo ralph lauren
ralph lauren outlet
ralph lauren outlet
moncler outlet
nike trainers
skechers shoes
Nice sir ji
Mast hai ji
sarl udahrn pes kro or triks pes kro 12th board h k.b. bhai
Very thank u very much
Nice bhai
आचार्य जी कृपा गुरु अक्षरों की पहचान बताए क्योंकि मुझे कुछ अक्षरों में शंका है।
Nice sir Ji 👌
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)