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Saturday, August 29, 2009

चाँद और आफ़ताब को सालगिरह की मुबारकबाद


प्रतियोगिता की 14वीं कविता के रचनाकार गौरव शर्मा 'लम्स' पहली बार हिन्द-युग्म पर कवि के तौर पर हाज़िरी लगा रहे हैं। पाठक के तौर पर इनकी पदचाप अकसर ही सुनाई पड़ती रहती है। पेशे से सोफ्टवेयर प्रोग्रामर गौरव मूलरूप से आगरा हैं। लम्स का लिखना ज्यादातर ब्लोग्स और सोशल नेट्वर्किंग वेबसाइट्स पर ही होता है। इन्होंने लिखना तो शोकिया शुरू किया था पर आज यह इनकी ज़िन्दगी का अहम हिस्सा बन चुका है। इनकी कोशिश बस इतनी ही है कि लिखने कि कला को नयी पीढ़ी में भी जिंदा रखा जाए और SMS शायरी से बचाया जाए।

कविता- सालगिरह

चाँद और आफताब एक रोज़ मिले थे
बैठे थे कुछ देर बातें की थी,
बड़ा रश्क था जिन सितारों को उनसे,
वो टूटे फलक पे तमन्नाएँ देकर,
एक उल्का को कानों की बाली में जड़कर,
पहना डाला था चाँद को आशना ने,
माह ने भी अपने सितारों से बोसे,
सूरज की ऊँगली में पहना दिए थे,
उन्हें क्या पता था कि एक रोज़ उनकी,
इसी दोस्ती से बहुत नूर होगा,
जब फेरे लिए थे ज़मीं के उन्होंने,
दिन और रातों का आना हुआ था,
कायनात फिर से अब एक जुट हुई है,
हर एक सिम्त याँ आकर है ठहरी,
ज़मीं वालों का आज रौशन हुआ दिन,
रातें भी रौशन हुई चांदनी से,
सभी ने है लेकर दुआओं की थाली,
तमन्नाओं का सुर्ख टीका लगाया,
फलक पर बैठाया बहुत प्यार से और,
जाविदाँ सी खुशियों की मन्नत भी मांगी,
सुना है, वो आज ही का तो दिन था,
दुनिया में जब दिन का आना हुआ था,
अब कितने ही दिन इनकी शादी को बीते,
पर मिलते हैं अब भी खलाओं में जाकर..!!
ज़मीं वालों की ओर से...
चाँद और आफ़ताब को,
सालगिरह की मुबारकबाद||


प्रथम चरण मिला स्थान- ग्यारहवाँ


द्वितीय चरण मिला स्थान- चौदहवाँ

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10 कविताप्रेमियों का कहना है :

वाणी गीत का कहना है कि -

हमारी भी मुबारकबाद ...बेहतरीन कविता ..!!

Akhilesh का कहना है कि -

gaurav sahib ko acchi kavita likhe ke liye bhadhayee.

ik ke ik acchi tarah se piroyee gayee hai kavita.

Shamikh Faraz का कहना है कि -

बहुत ही अच्छी फिलोसफी है आपकी कविता में.

अब कितने ही दिन इनकी शादी को बीते,
पर मिलते हैं अब भी खलाओं में जाकर..!!
ज़मीं वालों की ओर से...
चाँद और आफ़ताब को,
सालगिरह की मुबारकबाद||

Manju Gupta का कहना है कि -

भावों ने कविता में चार चाँद लगा दिए .मुबारकबाद .

दिपाली "आब" का कहना है कि -

@ Gaurav

yaad hai jab pehli baar yeh kavita suni thi to kya kaha tha maine, of course.. i was speechless.. n hatz off. itni khoobsurati se upmaaon aur ehsaason ko piro ke jo khoobsurat ladi banai hai, bahut khoobsurat hai.
.
mubarakbaad is khoobsurat kavita ke liye.


..
Aab

संगीता पुरी का कहना है कि -

चाँद और आफ़ताब को,
सालगिरह की मुबारकबाद||
बहुत बढिया !!

विनोद कुमार पांडेय का कहना है कि -

वाह खूब अच्छी जोड़ी बनाई आपने..
बढ़िया कविता लिखा आपने..अत्यन्त सुंदर भाव से भरा है..

चाँद को हमारी भी मुबारकबाद|

सदा का कहना है कि -

बहुत ही सुन्‍दर रचना, बधाई

Guftugu का कहना है कि -

mubarakbad kubool kare.sundar upmao
se saji sundar kavita.

Lams का कहना है कि -

Aap Sab ka aur HindYugm ka tah e dil se shukrguzaar hun...

Gaurav 'Lams'

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