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Wednesday, July 22, 2009

खामोशी से हमें बांध में डूबोया जायेगा


शीर्ष 10 में अंतिम स्थान पर काबिज कविता के रचनाकार सचिन कुमार जैन हिन्द-युग्म से पहली बार में जुड़ रहे हैं। भोपाल में रहकर संस्थागत प्रयोग के जरिये जनमुद्दों पर हिंदी में ज्यादा से ज्यादा, गुणात्मक और विश्लेषण परक सामग्री तैयार करने का काम कर रहे हैं। इनका काम अंग्रेजी से अनुवाद करके हिंदी के विश्व को हरा-भरा करने से ज्यादा, दुनिया को हिंदी में देखना, समझाना और लिखना है।

पुरस्कृत रचना- बदलाव


सोचिये, जब उठेगा
एक कदम बदलाव का
कैसा तब समाज हमारा नजर आयेगा॥

यह वक्त-वक्त की बात है
गरीब की जंग लड़ने वाला
एक दिन नेता बनाया जायेगा॥

सफेदपोश आये थे नापने
जमीन का रकबा एक दिन
कहते थे विकास किया जायेगा॥

गांव में हो रही है हलचल अजीब सी
फिर मिली चेतावनी एक रात में
खामोशी से हमें बांध में डूबोया जायेगा॥

कोई नासमझ मिटाने भूख को चला है
प्रश्न अब खड़ा है भूखे बच्चे का चित्र
फिर कहाँ से खींचा जायेगा॥

भूखमरी और सूखे से मर रहे हैं कई लोग
यह जानकर सरकार में सब हो गये हैं सक्रिय
कर्ज लेने प्रतिनिधि मण्डल विदेश भेजा जायेगा॥

बंद कर ली थी हमने भी खिड़कियाँ कभी
जब पड़ोस पर छाई खाकी परछाई थी दिखी
सोचा न था एक दिन हमें भी यूं ही उठा लिया जायेगा॥

अमीरों की इमारत पर आतंकियों का आघात
खबर बाजार में अब यह गर्म है
दुनिया से आतंकवाद मिटाया जायेगा॥

हो चुकी हैं कोशिशें शुरू पुरजोर
योजना है एक दिन बम गिरेगा शहर पर
दूसरे दिन गेहूँ गिराया जायेगा॥

नये दौर में पुराना पड़ चुका है
जानवरों के शिकार का शौक
अब इन्सानों को विकल्प बनाया जायेगा॥

क्रांति की बात करते थे वे कभी
विपक्ष में बैठकर, सत्ता में आकर
तय हुआ है अब इतिहास को बदला जायेगा॥

बात जो करेगा यहाँ सरकार की
किसी आयोग की सिफारिश पर
उसे महान बनाया जायेगा॥॥


प्रथम चरण मिला स्थान- बत्तीसवाँ


द्वितीय चरण मिला स्थान- दसवाँ


पुरस्कार- समीर लाल के कविता-संग्रह 'बिखरे मोती' की एक प्रति।

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6 कविताप्रेमियों का कहना है :

Manju Gupta का कहना है कि -

.आज की शासन प्रणाली पर गहराई से व्यंग्य किया है .बधाई

निर्मला कपिला का कहना है कि -

हो चुकी हैं कोशिशें शुरू पुरजोर
योजना है एक दिन बम गिरेगा शहर पर
दूसरे दिन गेहूँ गिराया जायेगा
आज प्रशा्सन् प्रणाली मे जिस तरह से काम हो रहा है उस पर करारी चोट है संजीव जी को बधाई और शुभकामनायें्

Disha का कहना है कि -

हो चुकी हैं कोशिशें शुरू पुरजोर
योजना है एक दिन बम गिरेगा शहर पर
दूसरे दिन गेहूँ गिराया जायेगा॥

नये दौर में पुराना पड़ चुका है
जानवरों के शिकार का शौक
अब इन्सानों को विकल्प बनाया जायेगा॥

सच को उजागर करती हुई सुन्दर रचना

Harihar का कहना है कि -

वाह सचिन जी !

जबर्दस्त कविता है

Shamikh Faraz का कहना है कि -

हो चुकी हैं कोशिशें शुरू पुरजोर
योजना है एक दिन बम गिरेगा शहर पर
दूसरे दिन गेहूँ गिराया जायेगा॥

सबसे अच्छा stanza यह वाला लगा. अच्छे व्यंग किये हैं आपने. बहुत सुन्दर लगा.

सदा का कहना है कि -

भूखमरी और सूखे से मर रहे हैं कई लोग
यह जानकर सरकार में सब हो गये हैं सक्रिय
कर्ज लेने प्रतिनिधि मण्डल विदेश भेजा जायेगा॥


बहुत ही सुन्‍दर प्रस्‍तुति बधाई ।

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