शीर्ष 10 कविताओं से आगे बढ़ते हैं। 11वें स्थान की कविता बहुत छोटी सी कविता है, जिसे जजों ने बहुत पसंद किया। इसके रचनाकार अनिरूद्ध शर्मा मध्यप्रदेश के एक कस्बे बागली के रहने वाले हैं। इंदौर से एमसीए की पढ़ाई करने के बाद पिछले 4 सालों से पुणे में बतौर सॉफ्टवेर इंजिनियर कार्यरत हैं। इनके परिवार में साहित्य का कोई माहौल नहीं था लेकिन बचपन में चम्पक पढ़ते-पढ़ते पढने का ऐसा शौक लगा कि वो जुनून बन गया। फिर इन्होंने सभी तरह की किताबें पढीं- उपन्यास, कहानियां, जीवनी, दर्शन, कविता, गज़लें आदि। पढ़ते-पढ़ते कब इनके अन्दर का कवि जाग गया इन्हें पता ही नहीं चला। शायरों में ग़ालिब इनके लिए पूजनीय हैं और आज के वक़्त में गुलज़ार। हालांकि 100 से ज्यादा गज़लें मैंने लिखी हुई हैं, लेकिन अब तक किसी प्रतियोगिता में भाग नहीं लिये थे। इन्होंने पहली बार प्रतियोगिता के लिए प्रविष्टी भेजी थ। कविता के अलावा हिंद युग्म के लिए लेख भी लिखते हैं जिन्हें बैठक पर पढ़ा जा सकता है।
रचना- काश
कई बार यूँ भी हुआ है कि
बेतरतीब से लफ्जों को समेट कर
तुम्हारे पहलू में रख दिया है मैंने
और पाई है
एक मुक़म्मल नज़्म
काश यूँ भी हो कि
एक बार
खुद को समेटकर
रख दूँ तुम्हारे पहलू में...
प्रथम चरण मिला स्थान- चौथा
द्वितीय चरण मिला स्थान- ग्यारहवाँ
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15 कविताप्रेमियों का कहना है :
kam shabd me bade sundar bhav..
mohak kavita.
badhayi!!!
भाव दर्शाती हुई सुन्दर रचना है.
अनिरुध जी ने तो गागर मे सागर भर दिया है बहुत सुन्दरता से भावनाओं को शब्द दिये है जो खुद ब खुद ज़िन्दगी की सुन्दरता को ब्यान कर रहे हैं कई बार पढ कर इस की गहराई को जाना मुझे तो ये कविता बहुत बहुत अच्छी लगी अनिरुध जी को आशीर्वाद आपका आभार्
बहुत बहुत बहुत खूबसूरत नज़्म. जज़्बात बहुत अच्छे हैं. काश यह नज़्म मैंने लिखी होती.
कई बार यूँ भी हुआ है कि
बेतरतीब से लफ्जों को समेट कर
तुम्हारे पहलू में रख दिया है मैंने
और पाई है
एक मुक़म्मल नज़्म
काश यूँ भी हो कि
एक बार
खुद को समेटकर
रख दूँ तुम्हारे पहलू में...
waah, kya romance hai!!
alfaaz ka umda est'emal aur badi kifaayat shuari se.
mukammal kavita
umda kavita
kavita me saundrya aur shringaar k santulan ko satat pravaahmaan karti is kavita k liye
badhaai !
छोटी ,सुंदर रचना के लिए बधाई .
बहुत कम शब्दों में बहुत कुछ.
कमाल लिखा है ..!!!
हाय रे.........
जीयो...
क्या बोल गए यार........!!!!!!!!!
बेहद खूबसूरत ....
पहली नज़र में बिलकुल गुलज़ार की नज़्म लगी थी मुझे ...
बहुत अच्छा लिखा है आपने ...बधाई
सादर
दिव्य प्रकाश दुबे
A poem comes from Heart....this is that....
Excellent hai bhai...
बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति ।
Bahut Khoob Anirudh Bhai aap toh chupe rustam nikle :) Congrats...Kundan David.
Hi aniruddh ji,
Mujhe pataa nahi thaa ki aap itne talented hai...bus maine aapki awwaz suni thi... aap gatee bhi badhiyaa hai.....
Anirudh = combo pack of talent(Singer+Composer+Lyricist+Actor)
bhai kuch reh gayaa ho to maffi chahta aho mai....
Really happy to have u as my freind...
...........Best of luck for ur future.............
Party banti hai aab to sarkar...
वाह....उसके पहलू से निकलकर एक और मुकम्मल नज़्म....आप भी निकल ही आइए पहलू से....बड़े मुकम्मल हो जाएंगे.....
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