अजीब लगा उसे देखकर
स्कूल जाती
10 साल की
छोटी
शिवानी
सोचता रहा
दादी जब उसकी उम्र की थी कैसी होगी?
बहुत लम्बा सफर
तय कर आयी है
शिवानी
अब नहीं ढोती वह
गाय बकरी का चारा
चूल्हे के लिए लकड़ियाँ
नहीं ले जाती नदी तट तक
मैले कपड़ों की मोठरी पर
कमर अपनी सीधी
क्यूँ नहीं रखती शिवानी?
दादी बताती है
चौदह साल की थी
जब तीन किलो का बच्चा अपना
गोद में लिये काम करती थी....
शिवानी के साथ नहीं होगा यह
पर छः किलो का बस्ता
पीठ पर टाँग़े क्यूँ कराहती है
शिवानी
घर गृहस्थी-चिंता
अभी दूर है उसके लिए
दस साल की है
फिर
जीवन भर की सफलता का निर्णय
अगले साल कैसे कर लेगी
शिवानी
मुझे लगता है
हँसना चाहिये था उसको खुलकर
खिलकर
उम्र है यही उसकी अभी
पर जब शाम को आती है
दो दो ट्यूशन के बाद
उदास लगती है
शिवानी
खाना नहीं बनाती
झाड़ू नहीं लगाती
फिर भी अपने कार्टून
नहीं देख पाती शिवानी
सुबह से शाम
अध्यापक से ऊबकर
जब घर आती...माँ ढूंढती
पर यहाँ भी अध्यापक ही पाती है
शिवानी
सोचता हूँ
आगे क्या करेगी
शिवानी
पढ़ पायी तो... नहीं पढ़ पाई तो...
न पढ़ पाई तो ...
सुने.. और सुने कूढ़े
खीजे
सिए, पकाए, पोंछे
नोच-नाच से बचे
खींचे
खिजे चुप रहे
काम करे
शादी करे...
पर कमर शायद ही सीधी कर पाएगी
शिवानी
पढ़े तो.. और पढ़े ...
और पढ़े
फिर दौड़े
फिर कूढ़े
नोच-नाच से बचे
खींचे खिजे चुप रहे
काम करे
शादी करे...
पर यहाँ भी
कमर शायद ही सीधी कर पाएगी
शिवानी
किसी से नहीं पूछ पाता हूँ
अपने फैसले क्या ले पाएगी शिवानी?
अब जब देखता हूँ
दादी से ज़्यादा अलग
नहीं लगती है
शिवानी
यूनिकवि- गुलशन सुखलाल
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)
16 कविताप्रेमियों का कहना है :
Waah ! Gahri baat liye ,Bahut bahut sundar rachna.
"दादी बताती है
चौदह साल की थी
जब तीन किलो का बच्चा अपना
गोद में लिये काम करती थी....
शिवानी के साथ नहीं होगा यह
पर छः किलो का बस्ता
पीठ पर टाँग़े क्यूँ कराहती है
शिवानी "
यह पंक्तियां प्रभावी हैं. धन्यवाद.
यह रचना पद्य है या गद्य ?
कविता में कहीं ना कहीं कविता का पुट होना तो चाहिए ही |
कृपया इसे सकारात्मक ढंग से लीजिये |
आप से हमें और अच्छी रचना की प्रतीक्षा है |
अवनीश
bahut marmik chitran kiya hai. kavi ko badhayi.
गजब का तीर मारा गुलशन जी..........
आलोक सिंह "साहिल"
हमारी भी शुभकामनाएं हैंभाई जी.........
आलोक सिंह "साहिल"
avinaaash ji,
agar pichhli tippaniyan dhyaan se padhi hai to shayd inke liye is se zyaada sakaaratmak aur kyaa hoga....??????????
aap bhi apni kavtaa waali paribhaashaa ko badal leejiye.......
ham ne bhi koshish ki tbi .....safal naa huye ..ye aur baat hai....
khair manaaiye ke aapko kam se kam kavitaa ki ..." shape " mein kuchh padhne ko milaaa....
aane waali peedhee ko to ye bhi naseeb naa hogaa........
manu.........
सुबह से शाम
अध्यापक से ऊबकर
जब घर आती...माँ ढूंढती
पर यहाँ भी अध्यापक ही पाती है
शिवानी
सोचता हूँ
आगे क्या करेगी
शिवानी
बहुत ही मार्मिक चित्रण ! गुलशन जी
bबहुत सुन्दर कवितायें हैं
कविता अच्छी है पर ये ही बात यदि कम शब्दो मे कही जाती तो ज्यादा प्रभावी होती
सुमित भारद्वाज
खाना नहीं बनाती
झाड़ू नहीं लगाती
फिर भी अपने कार्टून
नहीं देख पाती शिवानी
सुबह से शाम
अध्यापक से ऊबकर
जब घर आती...माँ ढूंढती
पर यहाँ भी अध्यापक ही पाती है
शिवानी
सोचता हूँ
आगे क्या करेगी
शिवानी
कविता के भाव सुंदर हैं .ये पंक्तियाँ बहुत प्रभावी रहीं .आप को यदि लगे तो कविता थोडी छोटी कर सकते हैं
सादर
रचना
कविता शानदार है,,प्रभावी है,,,मार्मिक ,,,सुंदर,,,क्या हैye aap log जाने,,
पर चिंता न करे ,,,लम्बी या बड़ी लग रही है...
पर है नहीं,,,,,,,,,
कवता के बजाय ,,,,काहानी या लेख के रूप में पढ़ें,,,तो पता लग जायेग के लम्बी या बड़ी बिल्कुल भी नहीं है..ग़लत फहमी है एपी सबकी...
gushan ji ,
hindyugm par ek kahaani ka section bhi hai ,ise to aap ko wahi preshit karna tha ,koi baat nahi ,
error is human
forgive is divine
हिन्द युग्म के सभी मित्रों को नमस्कार..
आप लोगों को मेरी यह कविता अच्छी लगी इसके लिए धन्यवाद...
आपकी टिप्प्णियाँ पढ़्कर बहुत अच्छा लगा और आपलोगों ने कविता में सुधार की जितनी सम्भावनाएँ दर्शायीं उनकी ओर मैं विशेष ध्यान देने का प्रयास करूँगा ।
एक विशेष बात इस कविता के बारे में जोड़्नी थी जो सम्भवतः परिप्रेक्ष्य समझने में सुविधा दे।
मॉरिशस में 10 य 11 वर्ष की आयु में छ्ठी कक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा होती है जिसके नतीजे बहुत बार शिवानी जैसे छोटे बच्चों के लिए जीवन भर का परिचय बन जाते है और उसमें सफलता प्राप्त करने के लिए माता पिता बच्चों पर अत्यधिक दबाव डालते है। मुझे लगा इससे बच्चों के बचपन का एक अहम हिस्सा ट्यूशन और तनाव में गुज़र जाता है।
आपका गुलशन
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)