हिन्द-युग्म पिछले तीन माह से छायाकार मनुज मेहता के द्वारा खिंचे गये चित्रों पर आधारित काव्य-पल्लवन आयोजित करता आया है। इस बार हमें तीन पाठकों से विभिन्न चित्र मिले। शामिख फ़राज़ व विवेक रंजन श्रीवास्तव ने हमें फोटो भेजे तो दिलशेर दिल ने खुद की बनाई पेंटिंग हमें भेजी। तीनों पाठक हिन्द-युग्म की यूनिकवि प्रतियोगिता व काव्य-पल्लवन में नियमित रूप से भाग लेते आये हैं व तीनों के ही चित्र हमें बेहद पसंद आये, किन्तु हम एक ही चित्र प्रयोग में कर सकते थे, इसलिये इस बार हमने शामिख फ़राज़ के चित्र को काव्य-पल्लवन में शामिल करने का निर्णय लिया है। चूँकि अन्य चित्र भी इसी श्रेणी में आते हैं, इसलिये हम उन्हें अगले अंक में शामिल करने का प्रयास करेंगे। आप सभी का भाग लेने के लिये शुक्रिया।
शामिख फ़राज़ द्वारा किसी महानगर का खींचा गया फोटो यहाँ प्रकाशित है।
इस चित्र को ध्यान में रखकर कविता की रचना करें और हमें २३ फरवरी २००९ तक भेज दें। आप हिन्दी में चार पंक्तियाँ भी लिखेंगे तो हमारे प्रयास को बल मिलेगा। इस बात की कोशिश करें कि प्रविष्टि देवनागरी में ही टंकित हो। यह भी स्मरण रहे कि कविता अप्रकाशित होनी चाहिए।
आप अपने फोटो व पेंटिंग भी हमें २८ फरवरी २००९ तक भेज सकते हैं।
हमारा ईमेल पता है : kavyapallavan@gmail.com
नये पाठकों के लिये: हिन्द-युग्म पिछले २ वर्षों से प्रतिमाह काव्य-पल्लवन (समूह लेखन) व यूनिकवि-यूनिपाठक प्रतियोगिता आयोजित कर रहा है। काव्य-पल्लवन संयुक्त काव्य-लेखन होता है जिसमें विभिन्न कवि अपनी कविताओं द्वारा एक ही विषय अथवा चित्र पर काव्यरूप में अपनी राय देते हैं। काव्य-पल्लवन में भाग लेने हेतु kavyapallavan@gmail.com का प्रयोग करें। यूनिकवि प्रतियोगिता में भाग लेने के लिये अपनी कविता माह की १५ तारीख तक hindyugm@gmail.com पर भेजें|
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7 कविताप्रेमियों का कहना है :
शामिख फराज जी ने ये जो भीड़ भाड़ वाले इलाके का फोटो भेजा है, वो काफी अच्छा लगा, उन्हें मेरी बधाई.
=दिलशेर दिल
achchhi foto hai.isse ab bahut kuchh naya aur zindagi se sambandhit baate ujagar hogi.thank u ji
मैं हिन्दयुग्म का बहुत बहुत आभारी हूँ जो हिन्दयुग्म टीम ने मेरे चित्र का चयन किया. धन्यवाद.
www.salaamzindadili.blogspot.com
फोटो अछ्हि है साथ ही हिन्द युग्म का प्रयास बि बधाई
अच्छी फोटो है, लिखने के लिए काफी कुछ है इस चित्र में, कोशिश करूँगा कुछ लिखने की, ये प्रयास बहुत अच्छा लगा,
सुमित भारद्वाज
जन आकांक्षा की ध्वजा,
देती यह संदेश.
जनगण-मन है अविचलित,
डर-भय तनिक न शेष.
आतंकी हममें नहीं,
डाल सकेंगे फूट.
अमन-चैन इस देश का,
शत्रु न सकता लूट.
शीश उठाये हैं भवन,
तरु धारे हैं धैर्य.
पत्ता-पत्ता शान्ति का,
मन्त्र पढ़े निर्वैर्य.
हरियाली सुख-शान्ति का,
देती है संदेश.
चहल-पहल में छिपी है,
ऊर्जा-शक्ति अशेष.
उन्नति-रथ वाहन- कभी,
नहीं रुकेंगे चक्र.
जीतेंगे अवरोध हर,
पथ हो बंकिम-वक्र.
केसरिया बलिदान का,
सबसे ऊपर रंग.
हर सैनिक जांबाज़ है,
देख शत्रु हो दंग.
श्वेत रंग है शान्ति का,
करिए सबसे प्रेम.
'सलिल' मनाये विश्व की,
प्रभु से प्रति पल क्षेम.
पीट पट्टिका सूर्य सी,
तम् हर बाँट उजास.
देती है संदेश यह,
हर पल हो मधु मास.
पर्यावरण बचाइये,
जीवन हो अम्लान,
हरे रंग को जानिए,
'सलिल' यही रसखान.
चिकने-दृढ़ ध्वज दंड सी,
होती जीवन-रेख.
धैर्य-मनोबल से 'सलिल'
कर जय-गाथा लेख.
नील गगन अवलोकता,
किसका-कितना दाय?
कर्म करो फल का नहीं,
खोलो तुम अध्याय.
छिपे हुए हैं चित्र में,
कई सफलता-मन्त्र.
'सलिल' समझकर सुधारें.
हम जीवन का तंत्र.
sanjivsalil.blogspot.com
divyanarmada.blogspot.com
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