हिन्द-युग्म ने यूनिकवि एवं यूनिपाठक प्रतियोगिता के आयोजन के २ वर्ष पूरे कर लिये हैं। जनवरी २००९ माह की प्रतियोगिता के लिए हम कविताएँ आमंत्रित करते हैं। नये साल में संकल्प लें कि अब आप रोमन में हिन्दी लिखना छोड़ेंगे और अपनी रचनाओं को देवनागरी (यूनिकोड) में लिखकर भेजेंगे या कहीं प्रकाशित करेंगे। वे पाठक जो अब तक रोमन में टिप्पणी करते रहे हैं, उनसे भी निवेदन है कि कृपया देवनागरी में टिप्पणी देना शुरू करें।
हम उम्मीद करते हैं कि कवि तथा पाठक हमारे इस आयोजन में अपनी रचनाओं और टिप्पणियों से सजाकर इसे सफल बनायेंगे।
यूनिकवि बनने के लिए-
१) अपनी कोई मौलिक तथा अप्रकाशित कविता १९ जनवरी २००९ की मध्यरात्रि तक hindyugm@gmail.com पर भेजें।
(महत्वपूर्ण- मुद्रित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित रचनाओं के अतिरिक्त गूगल, याहू समूहों में प्रकाशित रचनाएँ, ऑरकुट की विभिन्न कम्न्यूटियों में प्रकाशित रचनाएँ, निजी या सामूहिक ब्लॉगों पर प्रकाशित रचनाएँ भी प्रकाशित रचनाओं की श्रेणी में आती हैं।)
२) कोशिश कीजिए कि आपकी रचना यूनिकोड में टंकित हो।
यदि आप यूनिकोड-टाइपिंग में नये हैं तो आप हमारे निःशुल्क यूनिप्रशिक्षण का लाभ ले सकते हैं।
३) परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, इतना होने पर भी आप यूनिकोड-टंकण नहीं समझ पा रहे हैं तो अपनी रचना को रोमन-हिन्दी ( अंग्रेजी या इंग्लिश की लिपि या स्क्रिप्ट 'रोमन' है, और जब हिन्दी के अक्षर रोमन में लिखे जाते हैं तो उन्हें रोमन-हिन्दी की संज्ञा दी जाती है) में लिखकर या अपनी डायरी के रचना-पृष्ठों को स्कैन करके हमें भेज दें। यूनिकवि बनने पर हिन्दी-टंकण सिखाने की जिम्मेदारी हमारे टीम की।
४) एक माह में एक कवि केवल एक ही प्रविष्टि भेजे।
यूनिपाठक बनने के लिए
चूँकि हमारा सारा प्रयास इंटरनेट पर हिन्दी लिखने-पढ़ने को बढ़ावा देना है, इसलिए पाठकों से हम यूनिकोड ( हिन्दी टायपिंग) में टंकित टिप्पणियों की अपेक्षा रखते हैं। टायपिंग संबंधी सभी मदद यहाँ हैं।
१) १ जनवरी २००९ से ३१ जनवरी २०० के बीच की हिन्द-युग्म पर प्रकाशित अधिकाधिक प्रविष्टियों पर हिन्दी में टिप्पणी (कमेंट) करें।
२) टिप्पणियों से पठनीयता परिलक्षित हो।
३) हमेशा कमेंट (टिप्पणी) करते वक़्त समान नाम या यूज़रनेम का प्रयोग करें।
४) हिन्द-युग्म पर टिप्पणी कैसे की जाय, इस पर सम्पूर्ण ट्यूटोरियल यहाँ उपलब्ध है।
कवियों और पाठकों को निम्न प्रकार से पुरस्कृत और सम्मानित किया जायेगा-
१) यूनिकवि को रु ६०० का नकद ईनाम, रु १०० की पुस्तकें और एक प्रशस्ति-पत्र।
२) यूनिपाठक को रु ३०० का नकद ईनाम, रु २०० की पुस्तकें और एक प्रशस्ति-पत्र।
३) एक से चौथे स्थान के पाठकों को कवि द्विजेन्द्र द्विज के ग़ज़ल संग्रह 'जन गण मन' की एक-एक प्रति।
४) दूसरे से दसवें स्थान के कवियों को कवि द्विजेन्द्र द्विज के ग़ज़ल संग्रह 'जन गण मन' की एक-एक प्रति।
प्रतिभागियों से भी निवेदन है कि वो समय निकालकर यदा-कदा या सदैव हिन्द-युग्म पर आयें और सक्रिय लेखकों की प्रविष्टियों को पढ़कर उन्हें सलाह दें, रास्ता दिखायें और प्रोत्साहित करें।
प्रतियोगिता में भाग लेने से पहले सभी 'नियमों और शर्तों' को पढ़ लें।
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4 कविताप्रेमियों का कहना है :
.............!!!!!!!!!!!!!!!!
................????????????/
ha ha ha.............?????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????
क्यों हँसे भाई? हमें भी बताओ.. हम भी हँस लें.. :-)
pahle wle inam de diy kya
हा हा.. :)
हिन्दी में लिखें... हिन्दी का मान बढ़ाये...
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