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Sunday, January 18, 2009

एक मधुशाला मेरी भी


युवा कवि संजय सेन सागर की एक कविता हमने पिछले महीने भी पढ़वाई थी। दिसम्बर माह की प्रतियोगिता में भी इनकी एक कविता शीर्ष १० में आई है।

पुरस्कृत रचना

देश की गिरती साख पर, बेगुनाहों की ख़ाक पर
अब एक आंसू धारा मेरी भी,
राजनीतिज्ञों की प्यार बुझाने
अब एक मधुशाला मेरी भी

भूंखे की बासी रोटी पर, नारी की आधी धोती पर
एक सरकार बनाने की, एक मनोकामना मेरी भी
रोटी और कपडे का गम भुलाने
अब एक मधुशाला मेरी भी

आतंकवाद की जीत पर, मासूमों की चीख पर
अब एक सहानभूति मेरी भी
और आतंकवाद का जश्न मनाने
अब एक मधुशाला मेरी भी

नेता की खादी से लेकर, मयखाने की साखी से लेकर
एक हिन्दोस्तां बचाने की,
एक जुस्तजूँ मेरी भी
नेता,मय और खादी को एक करने
अब एक मधुशाला मेरी भी

रहमान और राम से लेकर, बाइबिल और कुरान से लेकर
सबको एक कराने की,
एक ख्वाहिश मेरी भी!
हिन्दू-मुस्लिम को आपस मे लड़ाने
अब एक मधुशाला मेरी भी

हिंदी की ताकत से लेकर, अंग्रेजी की कूवत से लेकर
एक रचना मेरी भी
मासूम दिलों को जेहादी बनाने
अब एक मधुशाला मेरी भी

जूलियट के प्यार पर, हीर के इकरार पर
अब एक दीवानगी मेरी भी,
नाकाम आशिकों का गम मिटाने
अब एक मधुशाला मेरी भी

नर्मदा के कंचन जल से, भारत के पावन थल से
एक संस्कृति बनाने की
एक अभिलाषा मेरी भी और
संस्कृति पर दाग लगाने
अब एक मधुशाला मेरी भी

माँ की प्यारी थाप पर, पिता के अहसास पर
एक संसार बनाने की,
एक कल्पना मेरी भी और
माता पिता पर हाँथ उठाने
अब एक मधुशाला मेरी भी

प्रथम चरण के जजमेंट में मिले अंक- ३, ६, ५॰४
औसत अंक- ४॰८
स्थान- बीसवाँ


द्वितीय चरण के जजमेंट में मिले अंक- ५, ६, ४॰८ (पिछले चरण का औसत
औसत अंक- ५॰२६६६७
स्थान- चौथा


पुरस्कार- कवि गोपाल कृष्ण भट्ट 'आकुल' द्वारा संपादित हाडौती के जनवादी कवियों की प्रतिनिधि कविताओं का संग्रह 'जन जन नाद' की एक प्रति।


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10 कविताप्रेमियों का कहना है :

kashish goswami का कहना है कि -

बहुत खूबसूरत रचना है मेरे पास तारीफ के लिए शब्द नही है लेकिन मुझे ये समझ नही आया की इसे विजेता को नही बनाया गया क्योंकि अगर तुलना की जाए तो यह रचना विजेता बनने की प्रबल दावेदार थी !!
खैर कोई बात नही आपको बधाई हो!!

आलोक साहिल का कहना है कि -

behad khubsurat...
ALOK SINGH "SAHIL"

दिगम्बर नासवा का कहना है कि -

बहुत सुंदर रचना है, ........बधाई

हरकीरत ' हीर' का कहना है कि -

संजय जी, कविता की शुरुआत बहुत ही अच्‍छी हुई थी पर नीचे की पंक्‍तियाँ जैसे मेल नहीं खा रही
शायद ज्‍यादा लंबी करने के एवज में भाव पक्ष गडबडा गया है प्रिंटिग मिस्‍टेक भी है...
आपकी पिछली कवितायें बहुत अच्‍छी थीं....कृपया अन्‍यथा न लें...बधाई!

तपन शर्मा Tapan Sharma का कहना है कि -

बहुत खूब संजय जी...बधाई..

Anonymous का कहना है कि -

जूलियट के प्यार पर, हीर के इकरार पर
अब एक दीवानगी मेरी भी,
नाकाम आशिकों का गम मिटाने
अब एक मधुशाला मेरी भी

सुंदर पंक्तियाँ
बधाई
सादर
रचना

manu का कहना है कि -

अच्छी कविता...
पर हरकीरत जी से भी पूरी तरह सहमत हूँ...

अवनीश एस तिवारी का कहना है कि -

विषय सही चुना है - मधुशाला के साथ और बातों की ओर ध्यान लाया है |
लेकिन संरचना में संतुलन बिगड़ता है |

लिखते रहिये |

बधाई |

अवनीश तिवारी

News4Nation का कहना है कि -

आप सभी लोगों की राय को मैं सर आंखों पर रखता हूँ क्योंकि मुझे ख़ुद यह महसूस हो रहा है की मुझसे गलती हुई है क्योंकि मेरी पिछली कविता पर १६ कमेंट्स थे लेकिन अभी सिर्फ़ ८ है !!
आगे मैं आप सभी लोगों की बातों पर ध्यान दूँगा!!

Machine Translation का कहना है कि -

जीवन में नशा केवल मधु(दारु) से ही नहीं होता। कई ऐसे इन्सान हैं जिन्हें समाज को बदलने का और समाज को बनाने का नशा होता है। आपने जीवन के इस बड़ी खुबी से रखा। इस लिए मैं आपको बधाई देता हूं। इस मधुशाला को और बड़े आकार में लिखने की आशा करता हूं।

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