यूनिकवि प्रतियोगिता की चौथी कविता सुजीत कुमार सुमन की है। कवि सुजीत पहले भी प्रतियोगिता में भाग ले चुके हैं और प्रकाशित भी हो चुके हैं।
पुरस्कृत कविता- कहने भी नहीं देगा
है सच कि वो मुझे चुप रहने भी नहीं देगा
चाहूं जो बोलना सच कहने भी नहीं देगा।
तमाम पाबंदियां लगा देगा वो मेरे मुस्कराने पर
अश्कों को इन आंखों से बहने भी नहीं देगा।
मेरी हर बात समझेगा वो नादानी है बच्चे की
हठ जो करेगा बच्चा तो खिलौने भी नहीं देगा।
समझेगा मेरे दिल को पत्थर का बना यूं तो
पर पत्थर से कोई गंगा निकलने भी नहीं देगा।
बिछाएगा वो कांटे ही हर सिम्त राहों में
दर्द से मुझको वो आह भरने भी नहीं देगा।
सुमन इस शहर की हवा ही कुछ ऐसी है
जो जीने तो नहीं देगा पर मरने भी नही देगा।
प्रथम चरण के जजमेंट में मिले अंक- ८॰७५, ३, ६॰५, ६॰२५
औसत अंक- ६॰१२५
स्थान- तीसरा
द्वितीय चरण के जजमेंट में मिले अंक- ४, ७, ६॰१२५ (पिछले चरण का औसत)
औसत अंक- ५॰७१
स्थान- चौथा
पुरस्कार- कवयित्री पूर्णिमा वर्मन की काव्य-पुस्तक 'वक़्त के साथ' की एक प्रति।
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10 कविताप्रेमियों का कहना है :
शेरों में थोड़ा और वज़न होता तो मज़ा आता....
मेरी हर बात समझेगा वो नादानी है बच्चे की
हठ जो करेगा बच्चा तो खिलौने भी नहीं देगा।
समझेगा मेरे दिल को पत्थर का बना यूं तो
पर पत्थर से कोई गंगा निकलने भी नहीं देगा।
वाह बहुत सुन्दर।
हर शे’र एक सा नहीं था...गज़ल दमदार नहीं बन पाई सुजीत जी...
केवल एक ही में मजा आया..
तमाम पाबंदियां लगा देगा वो मेरे मुस्कराने पर
अश्कों को इन आंखों से बहने भी नहीं देगा।
रचना अच्छी लगी! तमाम पाबंदियां लगा देगा मेरे मुस्कराने पर. अश्कों को इन आंखों से बहने भी नही देगा! बहुत अच्छी लगी!बहुत-२ बधाई!
Awesome!
Bahut achcha prayaas.
God bless
RC
मेरी हर बात समझेगा वो नादानी है बच्चे की
हठ जो करेगा बच्चा तो खिलौने भी नहीं देगा।
समझेगा मेरे दिल को पत्थर का बना यूं तो
पर पत्थर से कोई गंगा निकलने भी नहीं देगा।
मुझे ये दोनों तो नहुत ही अच्छे लगे सच है कुछ असी ही है दुनिया
सादर
रचना
तमाम पाबंदियां लगा देगा वो मेरे मुस्कराने पर
अश्कों को इन आंखों से बहने भी नहीं देगा।
बहोत ही बढ़िया ग़ज़ल ,बहोत खूब ...ढेरो बधाई आपको...
सुमन जी आपकी कविता की हर पंक्ति का भाव अपना ही लगा | बहुत-बहुत बधाई ....सीमा सचदेव
मेरी हर बात समझेगा वो नादानी है बच्चे की
हठ जो करेगा बच्चा तो खिलौने भी नहीं देगा।
यु तो हर शेर अच्छा है पर मुझे भी जुड़े हुए नही लगे..
लाजवाब शेर, ग़ज़ल पड़ कर मजा अ गया
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