हिन्द-युग्म अगस्त माह के काव्य पल्लवन के लिए विषय आमंत्रित करता है। आपकी नज़र ऐसा कौन सा विषय है जिसपर कवियों का ध्यान नहीं गया और आप उनका ध्यान आकृष्ट कराना चाहते हैं? विषयों को सोचने के विविध काव्यात्मक आयामों से रूबरू होना चाहते हैं? यदि आप चाहते हैं कि आपके दिये गये विषय पर काव्यात्मक विमर्श हो तो अपने विषय kavyapallavan@gmail.com पर रविवार १० अगस्त २००८ तक भेज दीजिए। चुने गये विषय की सूचना सोमवार ११ अगस्त को दे दी जायेगी। ध्यान रहे विषय १-४ शब्दों का हो।
अब हम काव्य-पल्लवन के साथ नया ऑफर जोड़ रहे हैं। जुलाई माह के काव्य-पल्लवन पर एक पाठक की टिप्पणी से प्रेरित होकर हम यह ऑफर पाठकों के समक्ष रख रहे हैं।
यदि कोई व्यक्ति अपने किसी परिजन, राष्ट्र, समाज या मित्र इत्यादि को काव्य-पल्लवन का कोई या कई विशेष अंक समर्पित करना चाहे तो अपने चुने गये संपादक द्वारा संपादित कर तथा प्रकाशित करके कर सकता है। विशेषांक पुस्तक या पुस्तिका रूप में प्रकाशित होगा। हम अपने पाठकों और वरिष्ठ साहित्यकारों तक आपका यह प्रयास पहुँचायेंगे। इसके लिए सहयोग के तौर पर आपको लागत-मूल्य/खर्च वहन करना होगा। अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें- hindyugm@gmail.com पर।
काव्य-पल्लवन के विषय में अधिक जानकारी और पुराने अंक पढ़ने के लिए निम्न लिंक देखें-
पुराने विशेषांक
काव्य-पल्लवन क्या है?
अंक-१
अंक-२
अंक-३
अंक-४
अंक-५
अंक-६
अंक-७
अंक-८
अंक-९
अंक-१०
अंक-११
अंक-१२
अंक-१३
अंक-१४
अंक-१५ (पहली कविता विशेषांक)
अंक-१६ (महँगाई)
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5 कविताप्रेमियों का कहना है :
मेरी पसंद का विषय
"कहाँ तुम चले गए..."
त्योहारों का मौसम है | मुख्य रूप से श्री कृष्ण जन्माष्टमी तो क्यो न इस पावन अवसर पर कान्हा को स्मरण किया जाए |
अगस्त का महीना-राखी का त्यौहार रिश्तों की याद दिलाता है
'रिश्ते' विषय उपयुक्त रहेगा
Mere anusaar Raajniti Aur Bhrstaachaar upayukt vishay hai.
आतंकवाद ने हिन्दुस्तान में दह्शत फैला रखी है, इसकी ओर अभी कवियों का ज्यादा ध्यान नही गया है, तो मेरा सुझाव इसी विषय के ऊपर है.
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