हिन्द-युग्म पिछले १७ माह से यूनिकवि एवम् यूनिपाठक प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है जिसका उद्देश्य यूनिकोड (हिन्दी) के प्रयोग को प्रोत्साहित करना (बढ़ावा देना) है। प्रतियोगिता के १८वें अंक की ख़ास बात यह है कि विजेताओं को हिन्द-युग्म की ओर से कैश प्राइज़ (नकद ईनाम), पुस्तकें और प्रशस्ति-पत्र तो मिलेंगे ही साथ ही साथ इस बार कवियों और पाठकों को रोहतक (हरियाणा) से प्रकाशित त्रैमासिक हिन्दी साहित्यिक 'मसि-कागद' के संपादक श्याम सखा 'श्याम' और युवा कवि संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमी की ओर से पुस्तकें भेंट की जायेंगी।
तो इस बार तो बिलकुल न चूकें, प्रतिभागी कवि भी बनें और प्रतिभागी पाठक भी बनें और ले जायें ढेरों ईनाम।
यूनिकवि बनने के लिए-
१) अपनी कोई मौलिक तथा अप्रकाशित कविता १५ जून २००८ की मध्यरात्रि तक hindyugm@gmail.com पर भेजें।
(महत्वपूर्ण- मुद्रित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित रचनाओं के अतिरिक्त गूगल, याहू समूहों में प्रकाशित रचनाएँ, ऑरकुट की विभिन्न कम्न्यूटियों में प्रकाशित रचनाएँ, निजी या सामूहिक ब्लॉगों पर प्रकाशित रचनाएँ भी प्रकाशित रचनाओं की श्रेणी में आती हैं।)
२) कोशिश कीजिए कि आपकी रचना यूनिकोड में टंकित हो।
यदि आप यूनिकोड-टाइपिंग में नये हैं तो आप हमारे निःशुल्क यूनिप्रशिक्षण का लाभ ले सकते हैं।
३) परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, इतना होने पर भी आप यूनिकोड-टंकण नहीं समझ पा रहे हैं तो अपनी रचना को रोमन-हिन्दी ( अंग्रेजी या इंग्लिश की लिपि या स्क्रिप्ट 'रोमन' है, और जब हिन्दी के अक्षर रोमन में लिखे जाते हैं तो उन्हें रोमन-हिन्दी की संज्ञा दी जाती है) में लिखकर या अपनी डायरी के रचना-पृष्ठों को स्कैन करके हमें भेज दें। यूनिकवि बनने पर हिन्दी-टंकण सिखाने की जिम्मेदारी हमारे टीम की।
४) एक माह में एक कवि केवल एक ही प्रविष्टि भेजे।
यूनिपाठक बनने के लिए
चूँकि हमारा सारा प्रयास इंटरनेट पर हिन्दी लिखने-पढ़ने को बढ़ावा देना है, इसलिए पाठकों से हम यूनिकोड ( हिन्दी टायपिंग) में टंकित टिप्पणियों की अपेक्षा रखते हैं। टायपिंग संबंधी सभी मदद यहाँ हैं।
१) १ जून २००८ से ३० जून २००८ के बीच की हिन्द-युग्म पर प्रकाशित अधिकाधिक प्रविष्टियों पर हिन्दी में टिप्पणी (कमेंट) करें।
२) टिप्पणियों से पठनीयता परिलक्षित हो।
३) हमेशा कमेंट (टिप्पणी) करते वक़्त समान नाम या यूज़रनेम का प्रयोग करें।
४) हिन्द-युग्म पर टिप्पणी कैसे की जाय, इस पर सम्पूर्ण ट्यूटोरियल यहाँ उपलब्ध है।
कवियों और पाठकों को निम्न प्रकार से पुरस्कृत और सम्मानित किया जायेगा-
१) यूनिकवि को रु ६०० का नकद ईनाम, रु १०० की पुस्तकें और एक प्रशस्ति-पत्र।
२) यूनिपाठक को रु ३०० का नकद ईनाम, रु २०० की पुस्तकें और एक प्रशस्ति-पत्र।
३) क्रमशः दूसरे, तीसरे और चौथे स्थान के पाठकों को मसि-कागद की ओर से पुस्तकें।
४) दूसरे से दसवें स्थान के कवियों को कवि संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमी का काव्य-संग्रह 'मौत से जिजीविषा तक' की एक-एक प्रति, एवम् त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका 'मसि-कागद' की ओर से पुस्तकें।
प्रतिभागियों से भी निवेदन है कि वो समय निकालकर यदा-कदा या सदैव हिन्द-युग्म पर आयें और सक्रिय कवियों की रचनाओं को पढ़कर उन्हें सलाह दें, रास्ता दिखायें और प्रोत्साहित करें।
प्रतियोगिता में भाग लेने से पहले सभी 'नियमों और शर्तों' को पढ़ लें।
आप भाग लेंगे तो हमारे प्रयास को बल मिलेगा, तो आइए और हमारा प्रोत्साहन कीजिए।
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4 कविताप्रेमियों का कहना है :
achchhi suruwat.
सराहनीय शुरुआत है.
इस प्रयोग से आपके उद्देश्य की पूर्णता मे जरुर सफलता मिलेगी.
bahut hi achhi pahal hai,ummid hai is pahal ka sakaratmak prabhav padega hamare kavi sathiyon par
alok singh "sahil"
बहुत अच्छा, हिन्द-युग्म आगे बढे, हम सदैव साथ हैं.
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