अप्रैल माह की तीसरे स्थान की कविता चैन सिंह शेखावत की है। चैन सिंह जी राजस्थान के माध्यमिक शिक्षा विभाग मैं हिंदी व्याख्याता के पद पर कार्यरत हैं और राजस्थानी तथा हिंदी दोनो मे काव्य-सृजन करते हैं। .विभिन्न समाचार पत्रों तथा पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं। हिंदी कविता की ई-पत्रिकाओं में भी कविताओं का प्रकाशन हो चुका है। इसके अतिरिक्त राजस्थान के शिक्षा विभाग द्वारा प्रकाशित पुस्तकों में भी रचनाएँ संकलित हुई हैं। हिंद-युग्म पर चैन सिंह शेखावत के यह प्रथम कविता है। कविता का प्रबल आशावाद इसकी प्रमुख शक्ति है।
पुरस्कृत कविता: उम्मीद भरा गीत
शब्दों का ही सामर्थ्य है
दिन अभी इतने मैले नहीं हुए हैं
निथर जाएगा सब आकाश
चाँद फिर तुम्हें मनुहारने
झाड़ियों की ओट तक
चला आएगा
एक कविता इतनी उम्मीद भरा गीत है
सत्ता और शोषण की
तमाम नाकेबंदियों में
आदमी आज़ाद है तो
इसी दम पर
कोई पुचकारने या सहलाने नहीं आएगा
हमें अपने अपने हिस्से के पात्र
स्वयं गढ़ने होंगे
कुंद हुए किनारों पर
अंगूठे से धार चखनी है
तुम रहो या ना रहो
तुम्हारे पुराने कपड़ों में कोई और होगा
बीत चुके सावन में लगाए पेड़ों पर
तुम्हारी ही शक्ल के लोग
झूला झूलते होंगे
एक दिन जरूर ऐसा आएगा
धरती का बाँझपन
और युद्धरत मनुष्यता
तुम्हारे सामने बौने नज़र आएँगे
तब तुम समझोगे
मेरे शब्द की ताक़त क्या है।
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पुरस्कार: हिंद-युग्म से पुस्तक।
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19 कविताप्रेमियों का कहना है :
तुम रहो या ना रहो
तुम्हारे पुराने कपड़ों में कोई और होगा
बीत चुके सावन में लगाए पेड़ों पर
तुम्हारी ही शक्ल के लोग
झूला झूलते होंगे
एक दिन जरूर ऐसा आएगा
धरती का बाँझपन
और युद्धरत मनुष्यता
तुम्हारे सामने बौने नज़र आएँगे
तब तुम समझोगे
मेरे शब्द की ताक़त क्या है।
चैन सिंह शेखावत जी Aashavadi kavita है।
हिंद-युग्म पर प्रथम bar कविता prakashan par badhi है। Sabd-sabd desh aur samaj ko sandesh de rahe hai.
बेहद खूबसूरत सच ... कवी मन की ताकत यही तो है ..
सुन्दर !
तुम रहो या ना रहो
तुम्हारे पुराने कपड़ों में कोई और होगा
बीत चुके सावन में लगाए पेड़ों पर
तुम्हारी ही शक्ल के लोग
झूला झूलते होंगे
bahut sunder bhav shbadon ka oprayon bahut sunder tarike se kiya hai
jeevan ka sach bayan karti kavita
rachana
एक दिन जरूर ऐसा आएगा
धरती का बाँझपन
और युद्धरत मनुष्यता
तुम्हारे सामने बौने नज़र आएँगे
तब तुम समझोगे
मेरे शब्द की ताक़त क्या है।
बहुत सुंदर और आशा से ओत-प्रोत शब्द का अद्भुद संयोजन .....कविता प्रकाशन पर बधाई
"एक कविता इतनी उम्मीद भरा गीत है"
वाह .... बेहद सुंदर.
ज़िन्दगी में हज़ारों परेशानियों सही ...पर किसी एक उम्मीद के भरोसे भी जिया जा सकता है.
कोई पुचकारने या सहलाने नहीं आएगा
हमें अपने अपने हिस्से के पात्र
स्वयं गढ़ने होंगे
कुंद हुए किनारों पर
अंगूठे से धार चखनी है
bahut achchhee panktiyan hain. badhai, bahut achchee kavita hai
खूबसूरत रचना ! कोई पुचकारने नहीं आएगा ....अपने हिस्से के पात्र तुम्हे स्वंम गढने होंगे |
Bahut badhiya
क्या खूब लिखा है शेखावत जी बधाई
mera naam kanhai chandra pal. main ek university student hoon. mujhe kavitaa likhne tatha padhne ka bahut shauk hai.
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