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Wednesday, December 22, 2010

अनवरत



मै मांगती  हूँ 
तुम्हारी सफलता 
सूरज के उगने से बुझने तक 
करती हूँ 
तुम्हारा इंतजार 
परछाइयों के डूबने तक 
दिल के समंदर में 
उठती लहरों को 
 रहती हूँ थामे 
तुम्हारी आहट तक 
खाने में 
परोस के प्यार 
निहारती हूँ मुख 
 महकते शब्दों के आने तक 
समेटती हूँ  घर 
बिखेरती  हूँ  सपने 
दुलारती  हूँ  फूलों  को 
तुम्हारे  सोने  तक 
रात  को  खीच  कर   
खुद  में  भरती  हूँ  
नींद  के शामियाने में 
 सोती हूँ जग-जग के 
तुम्हारे उठने तक 
इस तरह 
पूरी होती है यात्रा 
प्रार्थना  से  चिन्तन  तक।    


कवियत्री- रचना श्रीवास्तव

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12 कविताप्रेमियों का कहना है :

प्रवीण पाण्डेय का कहना है कि -

प्रार्थना और चिन्तन, यही दो किनारे हैं जीवन के। इन्हीं के बीच बँधा रहे मन, बाहर न छलके, यही ईश्वर से प्रार्थना है।

Anonymous का कहना है कि -

समर्पित सुमनों से गुंथी एक पवित्र रचना |
बधाई
विनय के जोशी

ritu का कहना है कि -

"अनवरत"pryas hi istri chetna hai..sundar rachna

शोभा का कहना है कि -

खाने में
परोस के प्यार
निहारती हूँ मुख
महकते शब्दों के आने तक
समेटती हूँ घर
बिखेरती हूँ सपने
दुलारती हूँ फूलों को
तुम्हारे सोने तक
रात को खीच कर
खुद में भरती हूँ
नींद के शामियाने में
सोती हूँ जग-जग के
तुम्हारे उठने तक
bahut dino baad yugm per ayi aur ananad aa gaya. rachnaji bahut sundar likha hai. badhayi sweekaren

ranjana का कहना है कि -

apka prem pooja se kam nahi...subhkamnayen...anvarat badhta rahe apka pyar

www.navincchaturvedi.blogspot.com का कहना है कि -

रचना श्रीवास्तव जी, सचमुच बहुत ही हृदस्पर्शी काव्य प्रस्तुति है ये आपकी तरफ से| बधाई|

रंजना का कहना है कि -

ओह...लाजवाब !!!!

प्रशंशा को शब्द कहाँ से लाऊं...सोच रही हूँ....

प्रेम समर्पण का जो रूप आपने यहाँ दिग्दर्शित किया है....दर्शनीय है...

Akhilesh का कहना है कि -

prem sahaj hota hai par uski abhivyakti utni sahaj nahi hoti.prem prathna se hote huye chintan tak mein aa jaye to vyaktitve ko premmay hone mein kuch bachta hi kaha hai.poori kavita mein prem ki lay dikthi hai.rachna ka silp prabhavit karta hai.

Safarchand का कहना है कि -

तुम्हारी यह "अनवरत" साधना चलती रहे...अपने बच्चों में मानस में ये जज्बा देख कर ही तो कहता हूँ कि "शाबाश" ...
सतीश चाचा

manu का कहना है कि -

Bahut sundar likha hai rachna ji

rachana का कहना है कि -

aap sabh ke sneh shbdon ka dhnyavad
hamesh ki tarah punah yahi asha karti hoon ki aap logon ke shbd isi tarah milte rahemge
dhnyavad
rachana

सदा का कहना है कि -

बेहतरीन अभिव्‍यक्ति ।

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