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बहुत अच्छी गज़ल है श्यामसखा जी को बधाई आपका धन्यवाद्
हैं लूट राहबर रहेजनता क्यों बेजुबान हैBadhiya Gazal..Sundar bhav...dhanywaad shyam ji is gazal ki prstuti ke liye....
है श्याम बेवफ़ा नहींइतना तो इत्मिनान है इस बात का हमें भी इत्मिनान हैबहुत खूब
इतरा रहे हैं आप यूँक्या वक्त मेहरबान हैkya khoob kaha hai, rachana ji ne, sadhuwad ek umda gazal ke.ek acchi gazal padhane ke liye shyam ji ko bhi badgae
है जान तो जहान हैफिर काहे का गुमान हैबहुत ही अच्छी पंक्तिया श्यामजी को बहुत बहुत बधाईधन्यवाद विमल कुमार हेडा
wah wah.. bahut khoob..
बहुत सुन्दर ग़ज़ल कही है साहब...बधाई..
WAAH...BAHUT KHOOB....SUNDAR RACHNA...
क्या कर्बला के बाद भीएक और इम्तिहान हैइतरा रहे हैं आप यूँक्या वक्त मेहरबान है:)
ek shayar kee soch kee beharatareen baangi hai. shubhkamnayen
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13 कविताप्रेमियों का कहना है :
बहुत अच्छी गज़ल है श्यामसखा जी को बधाई आपका धन्यवाद्
हैं लूट राहबर रहे
जनता क्यों बेजुबान है
Badhiya Gazal..Sundar bhav...dhanywaad shyam ji is gazal ki prstuti ke liye....
है श्याम बेवफ़ा नहीं
इतना तो इत्मिनान है
इस बात का हमें भी इत्मिनान है
बहुत खूब
इतरा रहे हैं आप यूँ
क्या वक्त मेहरबान है
kya khoob kaha hai, rachana ji ne, sadhuwad ek umda gazal ke.ek acchi gazal padhane ke liye shyam ji ko bhi badgae
है जान तो जहान है
फिर काहे का गुमान है
बहुत ही अच्छी पंक्तिया श्यामजी को बहुत बहुत बधाई
धन्यवाद
विमल कुमार हेडा
wah wah.. bahut khoob..
बहुत सुन्दर ग़ज़ल कही है साहब...
बधाई..
WAAH...BAHUT KHOOB....
SUNDAR RACHNA...
क्या कर्बला के बाद भी
एक और इम्तिहान है
इतरा रहे हैं आप यूँ
क्या वक्त मेहरबान है
:)
ek shayar kee soch kee beharatareen baangi hai. shubhkamnayen
ek shayar kee soch kee beharatareen baangi hai. shubhkamnayen
ek shayar kee soch kee beharatareen baangi hai. shubhkamnayen
ek shayar kee soch kee beharatareen baangi hai. shubhkamnayen
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