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पुरस्कृत कविता- वह तुम्हारा है
क्यों चाहते हो
उसमें सब खूबियाँ
एक अच्छे इंसान की,
सुघड़ आदतें,
व्यवस्थित जीवन।
ताकि .....
उसे मेडल, ट्रॉफी की तरह
आगे कर सको
और कह सको-
देखो मेरा है
और उसे मिली
प्रशंसा को
अपनी टोपी में लगा सको
एक खूबसूरत पंख की तरह।
जीने दो उसे
उसका जीवन
अल्हड़,
बेपरवाह
संकोचहीन।
उसके अपने अनुभव
ढाल देंगे उसे
और तप कर बन जाएगा कुंदन।
जीने दो उसे
क्योंकि.....
वह तुम्हारा है,
बस तुम्हारा।
पुरस्कार- विचार और संस्कृति की मासिक पत्रिका 'समयांतर' की ओर से पुस्तक/पुस्तकें।
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6 कविताप्रेमियों का कहना है :
और उसे मिली
प्रशंसा को
अपनी टोपी में लगा सको
एक खूबसूरत पंख की तरह।
जीने दो उसे
उसका जीवन
अल्हड़,
बेपरवाह
संकोचहीन।
बहुत सुन्दर भाव हैं लेखक इस के लिये बधाई की पात्र हैं। धन्यवाद्
इस छोटी सी कविता में सब कुछ है
पढ़कर बहुत खुशी हुई
बधाई.
अच्छी रचना बधाई।
जीने दो उसे
क्योंकि.....
वह तुम्हारा है,
बस तुम्हारा।
बहुत ही खूबसूरत कविता...बधाई!
अच्छी रचना बधाई।
उसके अपने अनुभव
ढाल देंगे उसे
और तप कर बन जाएगा कुंदन।
जीने दो उसे
क्योंकि.....
वह तुम्हारा है,
बस तुम्हारा।
लाज़वाब भाव...बहुत बढ़िया रचना..भावना की बहुत बहुत बधाई
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