जीवन में पैबंद नहीं था
फिर भी इसको ब्रान्डेड करने के लिए
पराई धरती पर कदम रखा
लड़खड़ाई घबराई
पर विदेशी आकाश में
एक कदम कोना पा ही लिया
संस्कारों की गठरी थामे
मुख्य धारा में शामिल होने की
मासूम कोशिश की
तेज थी हवा की मार
तेज थी समय की धार
तेज थी जीवन की रफ़्तार भी
इस तेजी में
हुई पकड़ ढीली
फिसल गई गठरी
बनी पांव की ठोकर
और तिनका तिनका बिखर गई
मै उन्मुक्त उड़ने लगी
खुद को उनमे से ही एक समझने लगी
कभी कुछ कटाछ
कुछ उपेछा के शब्द
चोले बदल मुझतक आये
मुख्य धारा से सिमट
मै हाशिये पर आ गई
समझने और होने का फर्क
दंश सा चुभता रहा
इन के बीच हो के भी
मै इनकी न थी
इनके जैसी न थी
कुचले बिखरे संस्कारों को
धुंधली आँखों से चुनती रही
इस पोटली में
आत्मसम्मान की गांठ लगाती रही
तेज थी हवा की धार
तेज थी समय की मार
तेज थी जीवन की रफ़्तार भी
पर अब की पकड़ ढीली न हुई
--रचना श्रीवास्तव
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10 कविताप्रेमियों का कहना है :
सुंदर भाव।
जिसपर हमको है नाज़, उसका जन्मदिवस है आज।
कोमा में पडी़ बलात्कार पीडिता को चाहिए मृत्यु का अधिकार।
दंश सा चुभता रहा
इन के बीच हो के भी
मै इनकी न थी
इनके जैसी न थी
बहुत ही प्यारी रचना...रचना जी ही कर सकती हैं ऐसी रचना...आपकी हर रचनाएं प्रभावित करती हैं हमारी बहुत-बहुत बधाई स्वीकार करें ।
जीवन में पैबंद नहीं था
फिर भी इसको ब्रान्डेड करने के लिए
पराई धरती पर कदम रखा
लड़खड़ाई घबराई
पर विदेशी आकाश में
एक कदम कोना पा ही लिया
संस्कारों की गठरी थामे
मुख्य धारा में शामिल होने की
मासूम कोशिश की ............
क्या खूब लिखा गया है रचना जी की इस रचना में यथार्थ का जो बोध होता है वह सराहनीय है धन्यवाद इस तरह की रचनाओं के लिए
बहुत अच्छी रचना।
सुन्दर |
अवनीश
bahut acchi rachana ,
badhai.
vinay k joshi
आभार रचना जी..सुंदर भाव ..बढ़िया गीत बधाई
शब्द विचार और भाषा सभी उत्तम है
अच्छी कविता
माही
aap sabhi ne samy nikal ke meri kavita ko padha aur apne vichar likhe bhi aap sabhi ka bahut bahut dhnyavad .aap sabhi ka sneh yun hi milta rahe yahi kamna hai
rachana
hamare samay ko rekhankit karti ek sshakt rachna ... lekin yadi aap kavita ki duniya mein hain to desi videsi se oopar uthkar hi sochna hoga ... yah unki bhi ganiteey avdharnayein hain hamari bhi...ek kavi ke liye ULTIMATE VALUE JEEVAN, PYAR, SWATANTRTA AUR IISHWAR HI HAIN.. YE BHI SACH HAI IS RAH MEIN AANE WALE KANTE BEENNE KA DAYITV BHI KAVI KO HI UTHANA PADTA HAI .. shayad aapki yah rachna usi prkriya ke antargat hai..
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