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Friday, August 21, 2009

दहशत से ये फज़ा थी सिहर आई दूर तक


सरहद के पार से थी इधर आई दूर तक
दहशत से ये फज़ा थी सिहर आई दूर तक

खुशहाल से थे यूं तो मनाज़िर वतन के फिर
अफसुर्दगी सी कैसी नज़र आई दूर तक

ज़ुल्मतज़दा सी शब में थे गुल्तान पर तभी
हर सिम्त कैसे सुब्ह निखर आई दूर तक

हैं अब्र आसमाँ में बरसते अभी अभी
फिर नागहाँ है धूप पसर आई दूर तक

मंज़िल का कुछ ख़याल न था ख़्वाब ही कोई
पर पांव गुदगुदाती डगर आई दूर तक

गर्दिश में जब भी दीद मसीहा ने दी मुझे
इक रौशनी सी कैसी बिखर आई दूर तक

जिस लम्हा बाम पर हुए महबूब जलवागर
तब चांदनी ज़मीं पे उतर आई दूर तक

गरकाब थे दीवाने दो गिर्दाबे-इश्क़ में
साहिल पे एक भीड़ उभर आई दूर तक

(अफसुर्दगी = उदासी, मनाज़िर = नज़ारे , ज़ुल्मतज़दा = अँधेरी, शब = रात, सिम्त = तरफ, अब्र = बादल, नागहाँ = अचानक, बाम = छत, गरकाब = गुम, गिर्दाब = भंवर)

--प्रेमचंद सहजवाला

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23 कविताप्रेमियों का कहना है :

Manju Gupta का कहना है कि -

प्रेम में पगी प्रेममय रचना है .नये उर्दू के शब्द सीखने
को मिले .बधाई

विनोद कुमार पांडेय का कहना है कि -

हिन्दी और उर्दू के सुंदर लफ़्ज पिरोकर अद्भुत काव्य लिख डाला आपने.
भाव से परिपूर्ण बेहद उम्दा रचना!!

बधाई!!!

Akhilesh का कहना है कि -

मंज़िल का कुछ ख़याल न था ख़्वाब ही कोई
पर पांव गुदगुदाती डगर आई दूर तक

khayal acche lage. badhayee.

Charanjeet का कहना है कि -

eik hasaas aur khoobsoorat lafzon ke pairaayaa men bandhi ghazal
daad,hazzir hai,janaab!

Asha Joglekar का कहना है कि -

Kamal kee khoobsurat gajal.

manu का कहना है कि -

bahut sahi likhaa hai huzoor.......

गर्दिश में जब भी दीद मसीहा ने दी मुझे
इक रौशनी सी कैसी बिखर आई दूर तक

जिस लम्हा बाम पर हुए महबूब जलवागर
तब चांदनी ज़मीं पे उतर आई दूर तक

गरकाब थे दीवाने दो गिर्दाबे-इश्क़ में
साहिल पे एक भीड़ उभर आई दूर तक

kamaal ka maqta kahaa hai saahib.............


aapke diye shabdaarth dekhne pade.....
aur bas......
majaa aa gayaa......!!!!!

Shanno Aggarwal का कहना है कि -

मैं भी यहाँ सभी से पूरी तरह सहमत हूँ. वाकई में बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल है. उर्दू के नये शब्दों के अर्थ भी समझे और तभी मैं इस ग़ज़ल को इतना appreciate कर पा रही हूँ. हिंदी और उर्दू का कितना अच्छा combination है इस ग़ज़ल में. वधाई!

Shamikh Faraz का कहना है कि -

बहुत ही ख़ूबसूरत ग़ज़ल. भाषा पर बहुत ही अच्छी पकड़ का सुबूत दिया आपने.
यह शे'र बहुत पसंद आया.

जिस लम्हा बाम पर हुए महबूब जलवागर
तब चांदनी ज़मीं पे उतर आई दूर तक

"MIRACLE" का कहना है कि -

जन्म दिन की.......शुभकामना..शब्दों को बहुत ही अच्छे तरीके से पिरोना जानते है आप .....

सदा का कहना है कि -

खुशहाल से थे यूं तो मनाज़िर वतन के फिर
अफसुर्दगी सी कैसी नज़र आई दूर तक

बहुत ही सुन्‍दर रचना, आभार्

anonymous no.2 का कहना है कि -

गुल्तान ?
what is this word?!
it seems to have been copied from somewhere without knowing it's meaning.

other wise a good ghazal.

Prem Chand Sahajwala का कहना है कि -

प्रिय Anonymous नं . 2

मेरे पास पास पायनीअर उर्दू Dictionary है. यह उर्दू लिपि में ही है. इस के पृष्ठ 517 पर लिखा है:

गुल्तान (वि.) - लुढ़कता हुआ या लड़खड़ाता हुआ.
(यहाँ वि से तात्पर्य विशेषण से है). मैंने गुल्तान शब्द का अर्थ समझ कर ही लिखा है:

ज़ुल्मात्ज़दा सी शब में थे गुल्तान पर तभी = हम अँधेरी रात में लुढ़के हुए (या डूबे हुए थे) पर तभी...

आशा है आप किसी पुस्तकालय में यह शब्दकोष या कोई और अच्छा शब्दकोष देख कर मेरी बात की पुष्टि कर सकते हैं. वैसे इतनी गौर से एक एक शब्द पढ़ने का धन्यवाद्. - प्रेमचंद सहजवाला

anonumous no. 2 का कहना है कि -

ज़ुल्मात्ज़दा सी शब में थे गुल्तान पर तभी

मेरे विचार से लफ्ज़ ज़ुल्म्त्ज़दः हो गा. गुल्तान भी संभवतः गलतां हो गा gazal wala g

Prem Chand Sahajwala का कहना है कि -

प्रिय anonymous नो. 2 जी, मैंने अपना शेर अब इस तरह लिखना बेहतर समझा है और आप का विचार जानना चाहूँगा. धन्यवाद.

ज़ुल्मतज़दः सी शब में थे ग़ल्तां मगर तभी
हर सिम्त कैसे सुब्ह निखर आई दूर तक

anonymous no.2 का कहना है कि -

sahajwal saheb,
first of all, treat me as one of your admirers.
correct lafz is غلطان with both 'zabars', so it will be pronounced as galtaan, not gultaan as you indicated. while using in poetry they often convert 'nuun' into half 'nuun' for better rhyming.word wd be غلطاں'galtaa(n).
zulmaat ظلمات is plural of zulmat ظلمت, so as i pointed out zulmatzadah is as good as zulmaatzadah while in speaking language 'h' is tenously pronounced as 'a'.
as far as your she'er, you are better judge but personally i like the earlier arrangement.
regards.

शैलेश भारतवासी का कहना है कि -

मेरे पास साहनी (आगरा का एक प्रकाशन) का एक ऊर्दू-हिन्दी शब्दकोश है, हालाँकि यह कोई प्रमाणित शब्दकोश नहीं है, लेकिन इसमें 'गुल्तान' नाम से कोई शब्द नहीं है। हाँ 'ग़लतां' एक शब्द ज़रूर है, जिसका अर्थ है 'लुढ़कना, लोटना'।

हो सकता है कि 'गुल्तान' बोलचाल में इस्तेमाल किया जाता हो।

anonymous no. 2 का कहना है कि -

shailesh,
you are right. gultaan is no word, not even in bolchaal. this is galtaan or galtaa(n).

Prem Chand Sahajwala का कहना है कि -

hi anonymous 2 ,
But यार Dictionary में भी 'गलताँ' तो मिला, 'गलतान' नहीं . क्या आप की dictionary में है? उस का नाम लिख कर भेजो तो आभार.

anonymous no.2 का कहना है कि -

my dictionary is
lughat e kishori ( urdu to urdu) - a famous one.
waise shaaeri needs no dictionary to write but surely to understand.

put in here your phone number .i can talk to you and send you one.

Prem Chand Sahajwala का कहना है कि -

प्रिय anonymous 2,
मेरा फ़ोन nr 09818010272, 011-25923704. e-mail : premuncle@gmail.com पता C 106 डबल स्टोरी रमेश नगर नई दिल्ली 110015. आप से बात करने में एक ख़ुशी होगी कि एक अजनबी nr. 2 सेपरिचय हो जाएगा.

anonymous no 2 का कहना है कि -

sure sir,
pleasure would be mutual.
regards

Akhilesh का कहना है कि -

pure gazal.

itne urdu ke sabdh sikhane ke liye
aabhar.

aap par kya comment kere complement hi de sakte hai. swikaar kare.

saader

दिनेश जोशी का कहना है कि -

खूबसूरत ग़ज़ल।

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