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अब कोई बात न होगी
हमारे बीच ...
वो अपने गुनाहों से पशेमां
होठों से लफ्ज़ों को भींच
मैं उसकी खताओं से परेशां
उसकी नासमझी पर खीज
अब कोई बात न होगी
हमारे बीच .....
इधर मेरी नाराजगियां
रंजिश से उपजती नफरत
उधर शर्म की खामोशी और
न माफ़ी की कोई गुंजाइश
अब कोई बात न होगी
हमारे बीच ...
वो मेरे रहम के इंतज़ार में
मैं उसी अर्ज़ के इंतज़ार में
शायद अब यूँ ही बीते सदियाँ
इक पहल के इंतज़ार में
ज़िंदगी के धागे अब भागेंगे आगे
कुछ गिरहों को छोड़ पीछ
अब कोई बात न होगी
हमारे बीच ....
फिर एहसास रिश्ते की संजीदगी का
और हर बाक़ी शै के सिफर* होने का
मेरे सामने रक्खा मेरा फोन
और एक पल के फैसले का बीज
और अब
.... कोई बात न होगी
हमारे बीच .....
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RC
सिफर= zero
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12 कविताप्रेमियों का कहना है :
RC उन लोगो में से एक है ...जिन्हें शायरी ओर लिखने की खासी समझ है ओर मेरे पसंदीदा ब्लोगर्स में एक .....
उन्हें पढना हमेशा अच्छा लगता है ....वे कम लिखती है पर काम का लिखती है
वाकई बहुत जानदार और शानदार लेखनी है ....बेहद प्रभावशाली
खूबसूरत लेखन........बेहतरीन ख़याल।
RC,
डॉ. अनुराग ने बहुत सही कहा है. पूरी कविता जैसे ऐसा लगता है कहीं न कहीं अपनी कहानी ही कह रह है.
मुझे तो विशेष तौर पर निम्न पंक्तियाँ अच्छी लगी :-
इधर मेरी नाराजगियां
रंजिश से उपजती नफरत
उधर शर्म की खामोशी और
न माफ़ी की कोई गुंजाइश
अब कोई बात न होगी
हमारे बीच ...
आज के इस दौर में रिश्तों में आये खालीपन को भी नही ब्ख्शा, उधेड़ कर रख दिया है :-
फिर एहसास रिश्ते की संजीदगी का
और हर बाक़ी शै के सिफर* होने का
मेरे सामने रक्खा मेरा फोन
और एक पल के फैसले का बीज
और अब
.... कोई बात न होगी
हमारे बीच .....
सादर,
मुकेश कुमार तिवारी
RC... यही नाम फ़ेमस हो गया है आपका..
बहुत लाजवाब कविता है.. एक एक शब्द दिल को छू गया...
आपका लिखना कम तो हो गया है.. पर यही अच्छा है.. :)
सोचता हूँ तारीफ़ के लिये कुछ पल ठिठक कर चंद रटे-रटाये जुमले लिख डालूँ या मौन रह फिर से यह नज़्म पढ़ डालूँ...?
वैसे भी मेरी फेवरिट पोयेट तमाम तारिफ़ों से परे हैं
"मेरे सामने रक्खा मेरा फोन
और एक पल के फैसले का बीज..."
उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़
रूपम जी!
क्या कहूँ।
ऎसा लगा जैसा कि आपने मेरे जैसों की हीं कहानी लिख दी है। बेहतरीन!
बधाई स्वीकारें।
-विश्व दीपक
यह रचना बहुत सुन्दर है | भाव में भी और ले में भी लगी |
बधाई |
अवनीश तिवारी
यह रचना बहुत सुन्दर है | भाव में भी और लय में भी लगी |
बधाई |
अवनीश तिवारी
अच्छी कविता लिखी है आपने
दिल से दिल तक पहुँचनेवाली रचना...
Bahut bahut Shukriya aap sabka!
Overwhelmed!!
God Bles
RC
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