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Thursday, April 16, 2009

दरमियां .................


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अब कोई बात न होगी
हमारे बीच ...

वो अपने गुनाहों से पशेमां
होठों से लफ्ज़ों को भींच
मैं उसकी खताओं से परेशां
उसकी नासमझी पर खीज
अब कोई बात न होगी
हमारे बीच .....

इधर मेरी नाराजगियां
रंजिश से उपजती नफरत
उधर शर्म की खामोशी और
न माफ़ी की कोई गुंजाइश
अब कोई बात न होगी
हमारे बीच ...

वो मेरे रहम के इंतज़ार में
मैं उसी अर्ज़ के इंतज़ार में
शायद अब यूँ ही बीते सदियाँ
इक पहल के इंतज़ार में
ज़िंदगी के धागे अब भागेंगे आगे
कुछ गिरहों को छोड़ पीछ
अब कोई बात न होगी
हमारे बीच ....

फिर एहसास रिश्ते की संजीदगी का
और हर बाक़ी शै के सिफर* होने का
मेरे सामने रक्खा मेरा फोन
और एक पल के फैसले का बीज
और अब
.... कोई बात न होगी
हमारे बीच .....

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RC
सिफर= zero
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12 कविताप्रेमियों का कहना है :

डॉ .अनुराग का कहना है कि -

RC उन लोगो में से एक है ...जिन्हें शायरी ओर लिखने की खासी समझ है ओर मेरे पसंदीदा ब्लोगर्स में एक .....
उन्हें पढना हमेशा अच्छा लगता है ....वे कम लिखती है पर काम का लिखती है

अनिल कान्त का कहना है कि -

वाकई बहुत जानदार और शानदार लेखनी है ....बेहद प्रभावशाली

Shikha Deepak का कहना है कि -

खूबसूरत लेखन........बेहतरीन ख़याल।

मुकेश कुमार तिवारी का कहना है कि -

RC,

डॉ. अनुराग ने बहुत सही कहा है. पूरी कविता जैसे ऐसा लगता है कहीं न कहीं अपनी कहानी ही कह रह है.

मुझे तो विशेष तौर पर निम्न पंक्तियाँ अच्छी लगी :-

इधर मेरी नाराजगियां
रंजिश से उपजती नफरत
उधर शर्म की खामोशी और
न माफ़ी की कोई गुंजाइश
अब कोई बात न होगी
हमारे बीच ...

आज के इस दौर में रिश्तों में आये खालीपन को भी नही ब्ख्शा, उधेड़ कर रख दिया है :-

फिर एहसास रिश्ते की संजीदगी का
और हर बाक़ी शै के सिफर* होने का
मेरे सामने रक्खा मेरा फोन
और एक पल के फैसले का बीज
और अब
.... कोई बात न होगी
हमारे बीच .....

सादर,

मुकेश कुमार तिवारी

तपन शर्मा Tapan Sharma का कहना है कि -

RC... यही नाम फ़ेमस हो गया है आपका..
बहुत लाजवाब कविता है.. एक एक शब्द दिल को छू गया...
आपका लिखना कम तो हो गया है.. पर यही अच्छा है.. :)

गौतम राजऋषि का कहना है कि -

सोचता हूँ तारीफ़ के लिये कुछ पल ठिठक कर चंद रटे-रटाये जुमले लिख डालूँ या मौन रह फिर से यह नज़्म पढ़ डालूँ...?

वैसे भी मेरी फेवरिट पोयेट तमाम तारिफ़ों से परे हैं

"मेरे सामने रक्खा मेरा फोन
और एक पल के फैसले का बीज..."

उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़

विश्व दीपक का कहना है कि -

रूपम जी!
क्या कहूँ।
ऎसा लगा जैसा कि आपने मेरे जैसों की हीं कहानी लिख दी है। बेहतरीन!

बधाई स्वीकारें।
-विश्व दीपक

अवनीश एस तिवारी का कहना है कि -

यह रचना बहुत सुन्दर है | भाव में भी और ले में भी लगी |
बधाई |

अवनीश तिवारी

अवनीश एस तिवारी का कहना है कि -

यह रचना बहुत सुन्दर है | भाव में भी और लय में भी लगी |
बधाई |

अवनीश तिवारी

manu का कहना है कि -

अच्छी कविता लिखी है आपने

Divya Narmada का कहना है कि -

दिल से दिल तक पहुँचनेवाली रचना...

Pritishi का कहना है कि -

Bahut bahut Shukriya aap sabka!
Overwhelmed!!

God Bles
RC

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