फटाफट (25 नई पोस्ट):

Friday, January 09, 2009

नये साल का पहला काव्यपल्लवन


नये साल के पहले काव्यपल्लवन की उद्घोषणा के साथ हाजिर हैं। काव्यपल्लवन में जो बदलाव हमने किये थे वे काफी सफल रहे। इन दो महीनों में हमने समझा है कि चित्र चित्र ऐसा हो जिस पर कुछ लिखा जा सके। इसलिये पिछले महीने हमने आपसे ही चित्र माँगे। ताकि हम आपकी भी राय ले सके। हमें दिवाकर मिश्रा, मनु ’बेतखल्लुस’ और शामिख फराज़ से चित्र व फोटो प्राप्त हुए। आप तीनों का धन्यवाद। परन्तु बहुत प्रयास करने पर भी हमने पाया कि चित्र पूरी तरह से स्पष्ट नहीं थे। हमें खेद है कि हम वे चित्र इस बार प्रयोग नहीं कर सके। हम चाहेंगे कि आगे भी आप हमें सहयोग दें।

इस बार भी हम कवि और फोटोग्राफर मनुज मेहता का ही एक रोचक चित्र प्रकाशित कर रहे हैं।

Photobucket

बस अब देर कैसी? इस चित्र को देख कर आप पर कुछ पंक्तियाँ लिख भेजें। अपनी रचनायें आप kavyapallavan@gmail.com पर २५ जनवरी २००९ तक भेज सकते हैं। जैसा कि हमने यूनिकवि प्रतियोगिता की उद्घोषणा पर कहा कि हिन्दी में लिखना शुरु करें। कोशिश कीजिये कि देवनागरी लिपि में लिखें।

आवश्यक सूचना - यदि आप चाहते हैं कि आपके चित्र हम काव्यपल्लवन में प्रयोग करें और पाठकगण उस पर कविता लिखें तो कृपया हमारी इस कार्यशाला में आप भी योगदान दें। अपने चित्र व फोटो आप ३० जनवरी २००९ तक kavyapallavan@gmail.com पर भेजें।

आपको हमारा यह प्रयास कैसा लग रहा है, कृपया टिप्पणी कर के बतायें। आपके सुझाव हमारे लिये अमूल्य हैं। आखिर यह मंच आप लोगों का ही है।

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)

10 कविताप्रेमियों का कहना है :

Sajeev का कहना है कि -

photo is simply brilliant

Anonymous का कहना है कि -

laajwab photo hai bhai ji
ALOK SINGH "SAHIL"

manu का कहना है कि -

लिखने में जाने कैसा हो पर देखने में चित्र बहुत ही कलात्मक है ....
मज़ा आ गया

Anonymous का कहना है कि -

bahut gahra arth liye hue he

neelam का कहना है कि -

behtareen photo,i hav never seen a photo like this ,very nice ,manuj ji u r a very gud photographer indeed.

अनिरुद्ध सिंह का कहना है कि -

यह कैसा चित्र उतारा है,
न कोई दारिया न किनारा है,
समय के साथ चलने का इशारा है,
मनुज जी को धन्यवाद हमारा है।

Riya Sharma का कहना है कि -

जितना ज़मीन के ऊपर
उतना जमीन के नीचे..

कितना सरल चित्र
पर फलसफा निराला

मनुज जी अद्भुत
बहुत खूब !!!

आभार

Dilsher Khan का कहना है कि -

मनुज जी कमाल कर दिया, क्या तस्वीर भेजी है, वाह!
-दिलशेर 'दिल'

Manuj Mehta का कहना है कि -

aap sabhi ke pyaar ka main abhari hoon. is kosish ke liye shukriya, aap sabhi ki kavitaoon ka intezaar hai
aapka anuj

MAnuj Mehta

Vivek Ranjan Shrivastava का कहना है कि -

समय चक्र और पद चिन्ह ...
बहुत कुछ है सोचने समझने और लिखने को .

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)