हिन्द-युग्म ने २८ दिसम्बर की दोपहर २ बजे से हिन्दी भवन, आईटीओ में अपना वार्षिकोत्सव मनाया। जिसकी विस्तृत रपट आप पढ़ चुके हैं। आइए कैमरे के माध्यम से देखते हैं वहाँ की रूहत और रंगत।
मंच की शोभा प्रदीप शर्मा, प्रो॰ भूदेव शर्मा, राजेन्द्र यादव(मुख्य-अतिथि), डॉ॰ सुरेश कुमार सिंह और डॉ॰ श्याम सखा 'श्याम' (संचालक) |
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सभा को संबोधित करते सेंट्रल बैंक के सहायक महाप्रबंधक श्रीधर मिश्र |
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अतिथियों को ध्यान से सुनते हिन्द-युग्म के नियंत्रक शैलेश भारतवासी |
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काव्य-पाठ करतीं युवा कवयित्री रूपम चोपड़ा |
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हिन्द-युग्म के परिचय की स्लाइड |
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काव्य-पाठ करते यूनिकवि पावस नीर |
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फुरसत के पलों में सुनीता चोटिया और नीलम मिश्रा |
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काव्य-पाठ करते यूनिकवि निखिल आनंद गिरि |
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काव्य-पाठ करते कविहृदयी फोटोग्राफर मनुज मेहता |
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अल्का सेहरावत, शिवानी सिंह |
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काव्य-पाठ करते यूनिकवि गौरव सोलंकी |
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चोखेरबाली की मॉडरेटर सुजाता तेवतिया के साथ सुनीता चोटिया इनके पीछे हैं श्री तथा श्रीमती महेन्द्रू |
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काव्य-पाठ करतीं कवयित्री शोभा महेन्द्रू |
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कार्यक्रम के बाद मुख्य-अतिथि से उनकी प्रतिक्रिया लेते शैलेश भारतवासी |
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कार्यक्रम की शुरूआत से पहले की तस्वीर |
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॰॰॰॰॰और भी तस्वीरे हैं, जिन्हें लेकर हम अगली पोस्ट में उपस्थित होंगे।
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6 कविताप्रेमियों का कहना है :
शैलेश जी, हमारा पहले तो कार्यक्रम था आने का। पर शनिवार से बेटी की तबीयत खराब हो गई। जिसकी वजह से हम नही आ पाए। तनेजा जी ने बताया कि कार्यक्रम अच्छा रहा तो हमें भी अच्छा लगा। खैर अगली बार ही सही।
हिन्द-युग्म वार्षिकोत्सव कार्यक्रम के सफल आयोजन पर बहुत बहुत बधाई.
अनेक शुभकामनाएं |
-- अवनीश तिवारी
हिन्दयुग्म के मंच पर, शोभित हैं गणमान्य.
नमन सलिल का लीजिये, अतिथिवृन्द सम्मान्य.
धुरी बने राजेन्द्र जी, संचालक हैं श्याम.
संग भूदेव सुरेश के, हैं प्रदीप अभिराम.
श्रीधर की श्री देखते, भारतवासी मौन.
रूपम पावस निखिल को, नहीं सराहे कौन.
नीली-पीली सुनीता, नीलम लाल ललाम.
सुनतीं अलका-शिवानी, कवितायें दिल थाम.
शोभा गौरव मनुज ने, कर कविता का पाठ.
श्री महेन्द्रू को मुग्ध कर, सुला दिया बेबात.
सुनें सुजाता बिन कहे, कहें-सुनें शैलेश.
जनवाणी हिन्दी हुई, जगवाणी सलिलेश.
kabhi socha nahi tha ki aisi vyastata aa jayegi ki apne taya karyakram me bhi nahi pahunh paayenge..khair ye na thi hamari kismat..
agli baari ka intezaar hae
Maja to bahut aaya, lekin meri photo to aayi nahi.
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