हिन्द-युग्म के साथ सीखिए ब्लॉग बनाना और हिन्दी में टाइप करना।
मिलिए ख्याति प्राप्त साहित्यकारों से, सुनिए काव्य पाठ
॰॰॰॰ और भी बहुत कुछ
भाषा प्रेमियो,
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तो मित्रो, हम उपस्थित उन चार पाठकों के नाम लेकर जिन्हें आने वाले २८ दिसम्बर के कार्यक्रम 'हिन्द-युग्म वार्षिकोत्सव २००८' में गणमान्य साहित्यकारों के हाथों यह पुरस्कार दिया जाना है। साथ में बहुत सी गतिविधियाँ और होंगी जिसकी रूपरेखा लेकर हम उपस्थित हुये हैं।
वर्ष २००८ में जिन चार पाठकों ने हिन्द-युग्म को सबसे अधिक पढ़ा, वे हैं-
आलोक सिंह 'साहिल'
दीपाली मिश्रा
पूजा अनिल, और
सुमित भारद्वाज
इन चारों पाठकों के हस्ताक्षर हिन्द-युग्म के सभी मंचों की अधिकाधिक प्रविष्टियों पर उपलब्ध हैं। उपर्युक्त चार पाठकों को २८ दिसम्बर २००८ को धर्मवीर संगोष्ठी कक्ष ( तृतीय तल, हिन्दी भवन, आई टी ओ, दिल्ली) में प्रशस्ति-पत्र, स्मृति चिह्न और पाँच-पाँच पुस्तकों का बंडल दिया जायेगा।
((स्मृति चिह्न और पुस्तकों का बंडल प्रयास-ट्रस्ट की ओर से दिया जायेगा)
जिन गणमान्य लोगों के सानिध्य में यह कार्यक्रम होगा, उनके नाम हैं-
मुख्य अतिथि- राजेन्द्र यादव (प्रख्यात साहित्यकार तथा 'हंस' के संपादक)
विवरण देखने के लिए ऊपर के चित्र पर क्लिक करें |
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1. प्रोफेसर भूदेव शर्मा [90 के दशक में अमेरिका और उसके आस-पास हिन्दी साहित्य का प्रचार-प्रसार करने में अग्रणी, विश्वविवेक के पूर्व संपादक, अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त गणितज्ञ (क्लार्क अटलांटा विश्वविद्यालय, अटलांटा में गणित के पूर्व प्राध्यापक), World Assn. for Vedic Studies (WAVES) के संस्थापक तथा भूतपूर्व अध्यक्ष, हिन्दू-यूनिवर्सिटी ऑफ अमेरिका (ऑरलाण्डो) के पूर्व कुलपति, अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी संस्था 'हिन्दी-निधि' के संस्थापक और वर्तमान में जे॰पी॰ सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, नोएडा में गणित के प्रोफेसर]
2. डॉ॰ सुरेश कुमार सिंह [सदस्य कपार्ट, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार, डायरेक्टर-एडमिनिस्ट्रेशनः BBS मैनेजमेंट और फॉर्मेसी संस्थान, ग्रेटर नोएडा, उ॰प्र॰]
3. अनामिका [केदार सम्मान 2007 से सम्मानित स्त्रीवादी लेखिका, समकालीन चार शीर्ष कवयित्रियों में शुमार]
4. अभिषेक कश्यप [प्रसिद्ध युवा कहानीकार, नया-ज्ञानोदय के पूर्व सह संपादक और एक राजनैतिक-पत्रिका राज-सरोकार के मुख्य सह-संपादक]
5. पंकज सुबीर [युवा कथाकार, ग़ज़ल शिक्षक]
कार्यक्रम के संचालकः डॉ॰ श्याम सखा श्याम (हरियाणा के वरिष्ठ साहित्यकार तथा साहित्यिक-त्रैमासिक ‘मसि-कागद’ के संपादक)।
पाठकों को सम्मानित करने के अतिरिक्त एक विशेष आयोजन 'सरल हिन्दी (यूनिकोड) टाइपिंग और ब्लॉग-मेकिंग' का पॉवर पॅवाइंट प्रीजेंटेशन भी होगा, जिसे प्रस्तुत करेंगे हिन्द-युग्म के संपादक-नियंत्रक शैलेश भारतवासी।
इसके अतिरिक्त आप हिन्द-युग्म के निम्नलिखित कवियों के काव्य-पाठ का रस भी ले सकेंगे।
कवि- नाज़िम नक़वी, गौरव सोलंकी, शोभा महेन्द्रू, पावस नीर, रूपम चोपड़ा, निखिल आनंद गिरि, मनुज मेहता
हिन्द-युग्म इससे पहले भी बहुत से सेमिनारों में, विश्वविद्यालय की कक्षाओं में, सम्मेलनों में लोगों को यूनिकोड टाइपिंग और ब्लॉग-मेकिंग का प्रशिक्षण दे चुका है। हर महीने लगभग सैकड़ों लोगों को शैलेश टेलीफोन पर ही इस तरह का परामर्श देते रहते हैं।
तो यदि आपको टाइपिंग में समस्या आती हो, ब्लॉग बनाने को इच्छुक है तो इस आयोजन के हिस्सेदार ज़रूर बनें। चूँकि सभागार में सीटें सीमित हैं, इसलिए इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए अपना पंजीकरण ज़रूर करा लें। ताकि आपके लिए हम हर तरह का इंतज़ाम कर सकें।
दर्शकों के लिए एक और अच्छी ख़बर है। जो दर्शक पंजीकरण के साथ उस कार्यक्रम में उपलब्ध होंगे, उन्हें दरवेश भारती (ग़ज़ल के छंदशास्त्री) की ओर से 'ग़ज़ल के बहाने (पुष्प-१)' पुस्तिका निःशुल्क दी जायेगी। इस पुस्तिका में ग़ज़ल के छंद-विधान का आरम्भिक ज्ञान है। पंजीकृत हो चुके पाठकों को इस पुस्तिका की आने वाली सभी कड़िया मुफ्त में डाक द्वारा भेजी जायेगी।
कार्यक्रम के उपरांत जलपान (रिफ्रेशमेंट) की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
ऊपर ले मानचित्र से 'हिन्दी-भवन पहुँचने का रास्ता' न स्पष्ट हो रहा हो, तो यहाँ क्लिक करें।
हमारी मदद करें___
1॰ इस कार्यक्रम की सूचना उन्हें ज़रूर दें, जिन्हें हिन्दी भाषा से अनुराग है, कला से अनुराग, देश से अनुराग है, साहित्य से अनुराग है।
2॰ यदि आप ब्लॉग करते हैं तो आप यह सूचना अपने ब्लॉग पर भी लगा सकते हैं। तरीका बहुत आसान है। इस पोस्ट के नीचे टिप्पणियों (कमेंट) के बाद देखें, लिखा मिलेगा- 'स्थाई कड़ियाँ'॰॰॰॰
उसके ठीक नीचे एक हाइपरलिंक है 'Creat a Link' से। बस उस पर क्लिक करें। एक नई खिड़की (विंडो) खुलेगी, उसमें आपको इसे ब्लॉग करने का विकल्प दिखेगा। एक से अधिक ब्लॉग हैं आपके पास तो ब्लॉग चुनने का विकल्प भी दिखेगा। अपने पसंदीदा ब्लॉग को चुनकर पब्लिश करने (प्रकाशित करने) का बटन दबा दें।
3. अपने ब्लॉग/वेबसाइट/ऑरकुट स्क्रैपबुक/माईस्पैस/फेसबुक में 'हिन्द-युग्म वार्षिकोत्सव २००८' का पोस्टर लगायें। नीचे से कोड कॉपी करें-
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11 कविताप्रेमियों का कहना है :
क्या बात है!!!
२८ तारीख का इंतज़ार है... पाठकों को बधाई...
हा हा हा...
कितना अजीब होता है ना,एकाएक से अगर आपको अपनी आदत में थोड़ा सा भी बदलाव लाना पड़े,
आजतक तमाम कवियों और पाठक साथियों को बधाई देते रहे और आज ख़ुद बधाई स्वीकार करने की जरुरत आन पड़ी.
हम्म...
वैसे मेरा आग्रह है कि मुझे भी वो किताब चाहिए जो अन्य सभी पंजीकृत पाठक साथियों को मिलेगी.
उम्मीद करते हैं,मस्त माहौल में अपना कार्यक्रम मस्ती भरा होगा.
सभी साथियों से वहां उपस्थित होने के अनुरोध के साथ
आलोक सिंह "साहिल"
कार्यक्रम के बारे में जानकारी देने के लिए शुक्रिया. शुभकामनाओ के साथ
Regards
"Hindyugm Paathak Sammaan-2008"
karyakram ka aayojan hetu meri taraf se dhero shubhkaamnaaeiN svikaar kareiN. Bahot hi khushi ki baat hai k ghazal mei dichaspi rakhne wale rachnakaaroN ko Dr.Darvesh Bharti ji duara rachit ghazal.chhand vidhaan par aadharit pustika "ghazal ke bahaane" uphaar swaroop di ja rahi hai. Ye to aap sb ek tarah se punya ka kaam kar rahe haiN jo iss pustak duara ghazalkaaroN ki reh.numaai farmaa rahe haiN.
saadhuvaad !
---MUFLIS---
Kaash ham bhi is kaaryakram me bhaag le sakte .khair usake lie padhenge to jaroor .sabhi vijeta paathako ko badhaaii.....seema sachdev
इस सम्मान के लिए आप सभी का आभारी हूँ
कार्यक्रम के लिए शुभकामनाएं
सुमित भारद्वाज
इस सम्मान के लिए आप सभी का आभारी हूँ
कार्यक्रम के लिए शुभकामनाएं
सुमित भारद्वाज
डा.रमा द्विवेदीsaid...
हिन्द युग्म नित नए सोपानों पर चढ़कर अपना परचम लहराता रहे,यही कामना है।
वार्षिक कार्यक्रम की सफलता के लिए अग्रिम बधाई व ढ़ेर सारी शुभकामनाएं। साहिल जी,दीपाली जी व पूजा जी को हमारी हार्दिक शुभकामनाएं स्वीकार हों।
hidni yugm ko itni unchaiyo pe dekh kar khushi hui...
sumit ji..dipali ji pooja ji aap sabhi ko bahut bahut shubhkamnaye
आपके आमंत्रण के लिये दिल से धन्यवाद.
दिल तो यही चाहता है की आपके इस महती याग में खुद शामिल हो कर प्रेम, साहित्य और स्वरों की इस संगीत सरीता में गोते खाऊं.
मगर यह फ़िर कभी. अभी तो आपके इन महत्प्रयासों से अभिभूत, आपको इस प्रसंग की कामयाबी के लिये शुभकामनायें, और उज्वल भविष्य के लिये भी.
कवियों में सजीव सारथी भी होते तो क्या अच्छा होता.
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