फटाफट (25 नई पोस्ट):

Friday, November 14, 2008

....ये कोई और है


कहने लगीं अब बूढ़ी दादियाँ
बच्चों के हाथों में डोर है।

शहरों की आबादी जब बढ़ी
खेतों में पत्थर के घर उगे।
कमरों में सरसों के फूल हैं
चिड़ियों को उड़ने से डर लगे॥

कटने लगीं आमों की डालियाँ
पिंजड़े में कोयल है मोर है।

प्लास्टिक के पौधे हैं, लॉन हैं
अम्बर को छूते मकान हैं।
मिटा दे हमें जो इक पल में
ऐसे भी बनते सामान हैं॥

उड़ने लगीं धरती की चीटियाँ
पंखों में सासों की डोर है।

सूरज पकड़ने की कोशिश ने
इंसाँ को पागल ही कर दिया।
अपनी ही मुट्ठी को बंद कर
कहता है धूप को पकड़ लिया॥

दिखने लगीं जब अपनी झुर्रियाँ
कहता है ये कोई और है।

--देवेन्द्र कुमार पाण्डेय

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)

14 कविताप्रेमियों का कहना है :

Jimmy का कहना है कि -

bouth he pyari baat liki aapne post mein aacha laga nice work sir


Shyari Is Here Visit Plz Ji

http://www.discobhangra.com/shayari/romantic-shayri/

Anonymous का कहना है कि -

अच्छी रचना-कमरों में सरसों के फूल है,चिडियों को उड़ने से डर लगे....बहुत खूब

देवेन्द्र पाण्डेय का कहना है कि -

कृपया अंतिम पंक्ति में ----------
दिखने लगी जब अपन झुर्रियाँ ---में अपन की जगह --अपनी----पढ़ने का कष्ट करें।
--देवेन्द्र पाण्डेय

neelam का कहना है कि -

सूरज पकड़ने की कोशिश ने
इंसाँ को पागल ही कर दिया।
अपनी ही मुट्ठी को बंद कर
कहता है धूप को पकड़ लिया॥
ये इंसान इतना पागल क्योँ है ???????

Unknown का कहना है कि -

सूरज पकड़ने की कोशिश ने
इंसाँ को पागल ही कर दिया।
अपनी ही मुट्ठी को बंद कर
कहता है धूप को पकड़ लिया॥

अच्छा लिखा

सुमित भारद्वाज

तपन शर्मा Tapan Sharma का कहना है कि -

सूरज पकड़ने की कोशिश ने
इंसाँ को पागल ही कर दिया।
अपनी ही मुट्ठी को बंद कर
कहता है धूप को पकड़ लिया॥

पूरी कविता अच्छी है देवेंद्र जी।

दिगम्बर नासवा का कहना है कि -

सूरज पकड़ने की कोशिश ने
इंसाँ को पागल ही कर दिया।
अपनी ही मुट्ठी को बंद कर
कहता है धूप को पकड़ लिया॥

आपके यथार्त लेखन का कायल हो गया
बेहतरीन कविता

Vinaykant Joshi का कहना है कि -

चिड़ियों को उड़ने से डर लगे॥
.
सच कहा !
,
विनय

Nikhil का कहना है कि -

विषय अच्छा है, शिल्प पर और म्हणत की जा सकती थी....
वैसे, आपको मैं क्या समझाऊं.....

Anonymous का कहना है कि -

bahut sundar chitaran hai,devender ji.badhyee shyam.skha shyam

Smart Indian का कहना है कि -

अच्छे भाव हैं, बधाई. निखिल जी से सहमत हूँ, चित्रण को बेहतर किया जा सकता है. इस बार hygene का ध्यान रखने के लिए धन्यवाद!

Anonymous का कहना है कि -

आप की कविता पढ़ के बस वाह निकला मुंह से
अपनी ही मुट्ठी को बंद कर
कहता है धूप को पकड़ लिया
कितना सुंदर लिखा है

चिड़ियों को उड़ने से डर लगे

इस एक लाइन में सारा मर्म है
बहुत सुंदर
सादर
रचना

अवनीश एस तिवारी का कहना है कि -

शिल्प और भाव दोनों को संभाल कर लिखना मुश्किल लगता है कभी कभार |
आपका प्रयास इस दिशा में सराहनीय लगता है |


-- अवनीश तिवारी

caiyan का कहना है कि -

kate spade
prada outlet online
tory burch sale
ralph lauren
burberry outlet online
polo ralph lauren outlet online
toms outlet
polo ralph lauren outlet
polo ralph lauren outlet online
adidas sneakers
0325shizhong

आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)