एक दिन
मार्निंग वॉक के समय
मैने अपने मित्र से कहा--
आजकल बहुत चोरी हो रही है।
उसने कहा--
हाँ, चोरी क्या, सीनाजोरी भी हो रही है।
मैने कहा--
कुछ सलाह दो।
उसने कहा--
एक कुत्ता पाल लो।
मुझे मित्र की सलाह अच्छी लगी
गली में बहुत से कुत्तों के पिल्ले घूम रहे थे
आव देखा न ताव
एक को उठाया
और झट से कर लिया घर के अन्दर
बच्चे देखकर खुश हुए
बोले--
सुन्दर है।
मैने उसका नाम भी रख लिया--
सुन्दर !
दूसरे दिन
मैने अपने मित्र से कहा--
तुमने सलाह दिया
मैने मान लिया
तुमने सुना
मैने एक कुत्ता पाल लिया।
दोस्त को आश्चर्य हुआ
अच्छा !
विलायती है !
मैने गर्व से कहा--
नहीं,
देसी है।
उसने बुरा सा मुंह बनाया
देसी !
कुत्ता वह भी देसी !
मैने पूछा--
क्यों,
देसी स्वामिभक्त नहीं होते ?
उसने कहा--
नहीं यह बात नहीं।
तो ?
देसी स्वामिभक्त होते हैं
मगर विलायती के आगे दुम हिलाने लगते हैं !
दयालू होते हैं
खूंखार नहीं होते।
चोर और पड़ोसी से बचने के लिए
कुत्ता खूंखार होना चाहिए !
खूंखार शब्द सुनकर
मेरी आँखों के सामने
उसकी पत्नी का चेहरा नाच गया।
मैने मासूमियत से पूछा--
तुम्हारी बीबी विलायती है !
सुनकर वह नाराज हो गया।
काफी देर बाद बोला--
बीबी देसी ही ठीक है
मगर कुत्ता विलायती होना चाहिए।
दोगली नस्ल का मिल जाय तो और भी अच्छा।
मैने उलाहना दिया--
तो पहले क्यों नहीं बताया ?
मैने उसे अपने हिस्से का दूध भी पिलाया !
उसने मेरी पीठ थपथपाई
कोई बात नहीं
जब पाल लिया है तो पालो
मगर सुनो,
रैबिश का इंजेक्शन भी लगवा लो।
उसी दिन मैं कुत्तों के डाक्टर के पास गया
उसने मुझे
इंजेक्शन, दवाइयों की लिस्ट थमा दिया।
बोला--
मेरा आदमी आपके पास चला जाएगा
समय-समय पर सारे इंजेक्शन लगाकर आ जाएगा
अभी ये दो बोतल शीरफ और कुछ टेबलेट्स लेते जाइये
सुबह-शाम दूध के साथ मिलाकर रोज पिलाइये।
मैने पूछा--
अच्छा !
कित्ता हुआ ?
डाक्टर बोला--
ज्यादा नहीं अभी तो सिर्फ एक हजार ही हुआ !
दाम सुनकर मेरा माथा ठनका
थोड़ा चीखा थोड़ा झनका
हे राम !
एक कुत्ते की दवाइयों के इत्ते दाम !
डाक्टर बोला--
बोला क्या जबड़े से बंधा शेर खोला--
इब्तिदा-ए-इश्क है रोता है क्या
आगे-आगे देखिए होता है क्या
क्या समझते हैं
कुत्ते का पिल्ला
आदमी के बच्चे से सस्ता होता है ?
जनाब
इसको पालने में ज्यादा खर्च होता है।
मैं बुरी तरह फंस चुका था
चार लोग मुझे इतने उपहास पूर्ण नजरों से घूर रहे थे
मानों मुझे इतनी छोटी सी बात का भी ग्यान नहीं !
मैने कांपते हाथों से पैसा बढ़ाया
दवाइयों से भरा पॉलीथीन का थैला उठाया
और बिना कुछ बोले घर की ओर भारी कदमों से चलने लगा-----।
रास्ते भर
मेरी वणिक बुद्धि
मुझे धिक्कारती रही--
मूर्ख,
क्या करता है ?
विलायती होता तो और बात थी
देसी पर इतना खर्च करता है !
रास्ते भर
मेरी अंतरात्मा
मुझे समझाती रही--
कि दवा-दारू
खान-पान
शिक्षण-प्रशिक्षण का रखा जाय
भरपूर ध्यान
तो देसी भी हो सकते हैं विलायती से अच्छे
फिर चाहे
कुत्तों के पिल्ले हों
या गली में घूमते अनाथ, लावारिस,
आदमी के बच्चे।
--देवेन्द्र कुमार पाण्डेय
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11 कविताप्रेमियों का कहना है :
यह तो अकविता भी नही लगी | इसको रेखाचित्र या सन्स्मरण कहते तो बात कुछ बनती |
हां आखिरी पंक्तियों में दम है -
मेरी अंतरात्मा
मुझे समझाती रही--
कि दवा-दारू
खान-पान
शिक्षण-प्रशिक्षण का रखा जाय
भरपूर ध्यान
तो देसी भी हो सकते हैं विलायती से अच्छे
फिर चाहे
कुत्तों के पिल्ले हों
या गली में घूमते अनाथ, लावारिस,
आदमी के बच्चे।
इस कविता में करारा व्यंग है बस एक चीज जो लगी वो ये की यदि इस को थोड़ा छोटा करदिया जाता तो बस मजा ही आजाता
सादर
रचना
फिर चाहे
कुत्तों के पिल्ले हों
या गली में घूमते अनाथ, लावारिस,
आदमी के बच्चे।
क्या कटाक्ष है ,थोड़े दिन पहले कुछ इसी कटाक्ष का प्रयास मैंने भी किया था ,मगर कुछ
बात बनी नही ,
अनाम जी के लिए यही कहूँगी कि "निंदक नियरे राखिये ,आँगन कुटी छबाय "अनाम जी किस कि पंक्तियाँ हैं ,आप को तो पता होगा ही |
"कि दवा-दारू
खान-पान
शिक्षण-प्रशिक्षण का रखा जाय
भरपूर ध्यान
तो देसी भी हो सकते हैं विलायती से अच्छे
फिर चाहे
कुत्तों के पिल्ले हों
या गली में घूमते अनाथ, लावारिस,
आदमी के बच्चे।"
बेहद ही सटीक एव भावपूर्ण रचना हेतु बधाई स्वीकार करे.
व्यंग्य अच्छा लगा
पर कम शब्दो मे कहा जाता तो ज्यादा अच्छी कविता बनती
सुमित भारद्वाज
क्या बात है!!! बहुत अच्छा व्यंग्य है...
रचना टुकड़ों में प्रभावित करती है। व्यंग्य का मर्म अंतिम पंक्तियों में नज़र आता है बस।
इस पर थोड़ा और काम किया जा सकता था।
kahani ke rup likhi hui
kabita gajab dha gya.
jo kah na saki logon ki juban
apke sabdon ne suna diya.
so nice (sundar kabita)
aapko padhna sukhad raha.
ALOK SINGH "SAHIL"
Priy Devendraji!
Aurat desi achhi
Kutta magar widesi.....
ye bat bilkul thik lagi
magar aadami ka bachcha
wafadar ho
ye jaruri to nanhi
your`s
prem ballabh pandey
Sundar Nahi Hoti Kavita.
Kutta Sundar Ho Sakta Hai.
Raj Sharma
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