आज ही हमने बीसवीं यूनिकवि एवम् यूनिपाठक प्रतियोगिता के परिणाम घोषित किये हैं और संयोग से आज ही सितम्बर माह की यूनिकवि एवम् यूनिपाठक प्रतियोगिता के आयोजन की उद्घोषणा कर रहे हैं। यह २१वाँ आयोजन है। चाहे आप कवि हों या हों पाठक या फिर दोनों, ले सकते हैं इसमें भाग और यूनिकोड हिन्दी के प्रोत्साहन का एक सिरा आप भी पकड़ सकते हैं।
यूनिकवि बनने के लिए-
१) अपनी कोई मौलिक तथा अप्रकाशित कविता १५ सितम्बर २००८ की मध्यरात्रि तक hindyugm@gmail.com पर भेजें।
(महत्वपूर्ण- मुद्रित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित रचनाओं के अतिरिक्त गूगल, याहू समूहों में प्रकाशित रचनाएँ, ऑरकुट की विभिन्न कम्न्यूटियों में प्रकाशित रचनाएँ, निजी या सामूहिक ब्लॉगों पर प्रकाशित रचनाएँ भी प्रकाशित रचनाओं की श्रेणी में आती हैं।)
२) कोशिश कीजिए कि आपकी रचना यूनिकोड में टंकित हो।
यदि आप यूनिकोड-टाइपिंग में नये हैं तो आप हमारे निःशुल्क यूनिप्रशिक्षण का लाभ ले सकते हैं।
३) परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, इतना होने पर भी आप यूनिकोड-टंकण नहीं समझ पा रहे हैं तो अपनी रचना को रोमन-हिन्दी ( अंग्रेजी या इंग्लिश की लिपि या स्क्रिप्ट 'रोमन' है, और जब हिन्दी के अक्षर रोमन में लिखे जाते हैं तो उन्हें रोमन-हिन्दी की संज्ञा दी जाती है) में लिखकर या अपनी डायरी के रचना-पृष्ठों को स्कैन करके हमें भेज दें। यूनिकवि बनने पर हिन्दी-टंकण सिखाने की जिम्मेदारी हमारे टीम की।
४) एक माह में एक कवि केवल एक ही प्रविष्टि भेजे।
यूनिपाठक बनने के लिए
चूँकि हमारा सारा प्रयास इंटरनेट पर हिन्दी लिखने-पढ़ने को बढ़ावा देना है, इसलिए पाठकों से हम यूनिकोड ( हिन्दी टायपिंग) में टंकित टिप्पणियों की अपेक्षा रखते हैं। टायपिंग संबंधी सभी मदद यहाँ हैं।
१) १ सितम्बर २००८ से ३० सितम्बर २००८ के बीच की हिन्द-युग्म पर प्रकाशित अधिकाधिक प्रविष्टियों पर हिन्दी में टिप्पणी (कमेंट) करें।
२) टिप्पणियों से पठनीयता परिलक्षित हो।
३) हमेशा कमेंट (टिप्पणी) करते वक़्त समान नाम या यूज़रनेम का प्रयोग करें।
४) हिन्द-युग्म पर टिप्पणी कैसे की जाय, इस पर सम्पूर्ण ट्यूटोरियल यहाँ उपलब्ध है।
कवियों और पाठकों को निम्न प्रकार से पुरस्कृत और सम्मानित किया जायेगा-
१) यूनिकवि को रु ६०० का नकद ईनाम, रु १०० की पुस्तकें और एक प्रशस्ति-पत्र।
२) यूनिपाठक को रु ३०० का नकद ईनाम, रु २०० की पुस्तकें और एक प्रशस्ति-पत्र।
३) एक से चौथे स्थान के पाठकों को मसि-कागद की ओर से पुस्तकें।
४) दूसरे से दसवें स्थान के कवियों को कवि शशिकांत सदैव का काव्य-संग्रह 'स्त्री की कुछ अनकही' की एक-एक प्रति।
५) यूनिकवि, दूसरे स्थान के कवि तथा यूनिपाठक को तत्वमीमांसक (मेटाफ़िजिस्ट) डॉ॰ गरिमा तिवारी की ओर से 'यलो पिरामिड' (जो कि दीमागी स्थिरता, मनोबल बढ़ाता है और साहित्य सृजन व पढ़ाई में ध्यान लगाने में मददगार है) भेंट की जायेगी।
६)यूनिकवि और यूनिपाठक को तत्वमीमांसक (मेटाफ़िजिस्ट) डॉ॰ गरिमा तिवारी से ध्यान (मेडिटेशन) पर किसी भी एक पैकेज़ की सम्पूर्ण ऑनलाइन शिक्षा पाने का अधिकार होगा। (लक पैकेज़ को छोड़कर)
७) इस बार जो भी पाठक माह भर में कम से कम १० टिप्पणियाँ करेंगे, उन्हें मसि-कागद का नया अंक भेंट किया जायेगा।
प्रतिभागियों से भी निवेदन है कि वो समय निकालकर यदा-कदा या सदैव हिन्द-युग्म पर आयें और सक्रिय कवियों की रचनाओं को पढ़कर उन्हें सलाह दें, रास्ता दिखायें और प्रोत्साहित करें।
प्रतियोगिता में भाग लेने से पहले सभी 'नियमों और शर्तों' को पढ़ लें।
आप भाग लेंगे तो हमारे प्रयास को बल मिलेगा, तो आइए और हमारा प्रोत्साहन कीजिए।
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कविताप्रेमी का कहना है :
हिन्दी युग्म संचालक समिति को सप्रेम धन्यवाद जिन्होंने मुझे अगस्त माह के यूनीकवि और यूनिपाठक दोनों पदों पर शीर्ष द्वितीय स्थान दिया| आप सभी का मै आभार व्यक्त करता हूँ
कत्तई अंदाजा नही था की निर्णायक समूह को मेरी ग़ज़ल इतनी पसंद आएगी|
मै तो सोंचता था की कम से कम ५० रचनाये भेजी जायेगी जिनमे प्रथम १० में भी जगह बड़ी किस्मत की बात है आज जब मेल बॉक्स खोला तो हिन्दी युग्म की मेल मिली
""".............. जिसमें आपकी कविता दूसरे स्थान पर है। आप दूसरे स्थान के पाठक भी है। ........."""
मै तो हैरान रह गया .....
पहली बार जिन्दगी में किसी प्रतियोगिता में अपनी रचना भेजी और द्वितीय स्थान मिला
दिल खुश हो गया..............
और यूनी पाठक प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान मिलना तो और भी अचम्भे की बात है मेरे लिए..........
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