हिन्द-युग्म की यूनिकवि प्रतियोगिता में पिछली बार ५२ प्रतिभागियों ने भाग लिया। हम उम्मीद करते हैं कि अगस्त २००८ में यह संख्या और बढ़ेगी। हम यूनिकवि प्रतियोगिता के लिए मौलिक तथा अप्रकाशित कविताएँ आमंत्रित करते हैं, और पाठकों से भी आव्हान करते हैं कि आयें और कविताओं पर समीक्षात्मक टिप्पणियाँ और पुस्तकें, प्रशस्ति-पत्र के साथ-साथ नगद इनाम ले जायें।
यूनिकवि बनने के लिए-
१) अपनी कोई मौलिक तथा अप्रकाशित कविता १५ अगस्त २००८ की मध्यरात्रि तक hindyugm@gmail.com पर भेजें।
(महत्वपूर्ण- मुद्रित पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित रचनाओं के अतिरिक्त गूगल, याहू समूहों में प्रकाशित रचनाएँ, ऑरकुट की विभिन्न कम्न्यूटियों में प्रकाशित रचनाएँ, निजी या सामूहिक ब्लॉगों पर प्रकाशित रचनाएँ भी प्रकाशित रचनाओं की श्रेणी में आती हैं।)
२) कोशिश कीजिए कि आपकी रचना यूनिकोड में टंकित हो।
यदि आप यूनिकोड-टाइपिंग में नये हैं तो आप हमारे निःशुल्क यूनिप्रशिक्षण का लाभ ले सकते हैं।
३) परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, इतना होने पर भी आप यूनिकोड-टंकण नहीं समझ पा रहे हैं तो अपनी रचना को रोमन-हिन्दी ( अंग्रेजी या इंग्लिश की लिपि या स्क्रिप्ट 'रोमन' है, और जब हिन्दी के अक्षर रोमन में लिखे जाते हैं तो उन्हें रोमन-हिन्दी की संज्ञा दी जाती है) में लिखकर या अपनी डायरी के रचना-पृष्ठों को स्कैन करके हमें भेज दें। यूनिकवि बनने पर हिन्दी-टंकण सिखाने की जिम्मेदारी हमारे टीम की।
४) एक माह में एक कवि केवल एक ही प्रविष्टि भेजे।
यूनिपाठक बनने के लिए
चूँकि हमारा सारा प्रयास इंटरनेट पर हिन्दी लिखने-पढ़ने को बढ़ावा देना है, इसलिए पाठकों से हम यूनिकोड ( हिन्दी टायपिंग) में टंकित टिप्पणियों की अपेक्षा रखते हैं। टायपिंग संबंधी सभी मदद यहाँ हैं।
१) १ अगस्त २००८ से ३१ अगस्त २००८ के बीच की हिन्द-युग्म पर प्रकाशित अधिकाधिक प्रविष्टियों पर हिन्दी में टिप्पणी (कमेंट) करें।
२) टिप्पणियों से पठनीयता परिलक्षित हो।
३) हमेशा कमेंट (टिप्पणी) करते वक़्त समान नाम या यूज़रनेम का प्रयोग करें।
४) हिन्द-युग्म पर टिप्पणी कैसे की जाय, इस पर सम्पूर्ण ट्यूटोरियल यहाँ उपलब्ध है।
कवियों और पाठकों को निम्न प्रकार से पुरस्कृत और सम्मानित किया जायेगा-
१) यूनिकवि को रु ६०० का नकद ईनाम, रु १०० की पुस्तकें और एक प्रशस्ति-पत्र।
२) यूनिपाठक को रु ३०० का नकद ईनाम, रु २०० की पुस्तकें और एक प्रशस्ति-पत्र।
३) एक से चौथे स्थान के पाठकों को मसि-कागद और संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमी की ओर से पुस्तकें।
४) पहले से दसवें स्थान के कवियों को कवि संतोष गौड़ राष्ट्रप्रेमी का काव्य-संग्रह 'समर्पण' की एक-एक प्रति, एवम् त्रैमासिक साहित्यिक पत्रिका 'मसि-कागद' की ओर से पुस्तकें।
५) यूनिकवि, दूसरे स्थान के कवि तथा यूनिपाठक को तत्वमीमांसक (मेटाफ़िजिस्ट) डॉ॰ गरिमा तिवारी की ओर से 'यलो पिरामिड' (जो कि दीमागी स्थिरता, मनोबल बढ़ाता है और साहित्य सृजन व पढ़ाई में ध्यान लगाने में मददगार है) भेंट की जायेगी।
६)यूनिकवि और यूनिपाठक को तत्वमीमांसक (मेटाफ़िजिस्ट) डॉ॰ गरिमा तिवारी से ध्यान (मेडिटेशन) पर किसी भी एक पैकेज़ की सम्पूर्ण ऑनलाइन शिक्षा पाने का अधिकार होगा। (लक पैकेज़ को छोड़कर)
७) इस बार जो भी पाठक माह भर में कम से कम १० टिप्पणियाँ करेंगे, उन्हें मसि-कागद का नया अंक भेंट किया जायेगा।
प्रतिभागियों से भी निवेदन है कि वो समय निकालकर यदा-कदा या सदैव हिन्द-युग्म पर आयें और सक्रिय कवियों की रचनाओं को पढ़कर उन्हें सलाह दें, रास्ता दिखायें और प्रोत्साहित करें।
प्रतियोगिता में भाग लेने से पहले सभी 'नियमों और शर्तों' को पढ़ लें।
आप भाग लेंगे तो हमारे प्रयास को बल मिलेगा, तो आइए और हमारा प्रोत्साहन कीजिए।
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4 कविताप्रेमियों का कहना है :
बहुत अच्छा हिंद युग्म का प्रयास सराहनीय है
साथ में जो कवि या और लोग इस प्रयास में अपना अंशदान कर रहे है उनकी भी सराहना करता हूं
मै जानना चाहता हू
कि यदि मै प्रतियोगिता में कोई गजल भेजता हू तो क्या उसका बहर में रहना आवष्यक है ?
यदि गजल बहर में ना हो तो भी उसे प्रतियोगिता में शामिल किया जायेगा अथवा नही ?
यदि गजल बहर में हो तो उस गजल को वरीयता दी जाती है या नही ?
शंका समाधान करने की कृपा करें.......वीनस केशरी
bina bahar ki kavita -kavita hoti hai gazal nahee keshri ji,aap use kavita kah presit karen
आपका यह प्रयास बहुत अच्छा है. कृपया नवोदित लेखको के प्रोत्साहन के लिए भी ऐसा कुछ करें !!
-सुमंत.
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