नभ-विजयी तिरंगा जो अपने रूबरू है,
जश्न-ए-आज़ादी की रौनक चार-सू है।
कहा आज पूरवा से मैने,
अर्श तक खोलो ये डैने,
काहे का हो आँखों में डर,
खुल के झूमो ओ बवंडर!
रेत पर खुद को उकेरो,
पछिया से न आँखें फेरो,
अब तो तेरा अक्स फैला कू-ब-कू है,
जश्न-ए-आज़ादी की रौनक चार-सू है।
सुन रे माटी ,ताक खुद पे,
इकसठा चढ आया तुझपे,
बरगदों के जड़ तक उखड़े,
सदियों से थे तुझको जकड़े,
अब तो उगल सोने-मोती,
ना कहे कोई -"किम् करोति?"
देख अपनी किस्मत तुझ-सी हू-ब-हू है,
जश्न-ए-आज़ादी की रौनक चार-सू है।
सुन तू भी,ऎ इब्न-ए-हिंद!
आज़ाद लब, आज़ाद जिंद-
आज़ाद लहू तेरी रगों के,
हैं ऋणी उन सब नगों के,
जो मिटे हिंद पे अब तक,
लड़ गए बेधडक-अनथक,
देख यह माहौल यूँ नहीं स्वयंभू है,
जश्न-ए-आज़ादी की रौनक चार-सू है।
-विश्व दीपक ’तन्हा’
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)
10 कविताप्रेमियों का कहना है :
नभ-विजयी तिरंगा जो अपने रूबरू है,
जश्न-ए-आज़ादी की रौनक चार-सू है।
बहुत ही बेहतरीन तन्हा भाई.मन पुलकित हो उठा.
आलोक सिंह "साहिल"
सुन तू भी,ऎ इब्न-ए-हिंद!
आज़ाद लब, आज़ाद जिंद-
आज़ाद लहू तेरी रगों के,
हैं ऋणी उन सब नगों के,
जो मिटे हिंद पे अब तक,
लड़ गए बेधडक-अनथक,
देख यह माहौल यूँ नहीं स्वयंभू है,
जश्न-ए-आज़ादी की रौनक चार-सू है।बहुत अच्छा और प्रासंगिक लिखा है। हार्दिक बधाई
तन्हा जी,
बहुत ही सुंदर गीत लिखा है। इंतज़ार में था कि आज़ादी के उपलक्ष्य में कोई प्यारी कविता आये।
कुछ प्रयोग बहुत पसंद आये-
सुन रे माटी ,ताक खुद पे,
इकसठा चढ आया तुझपे,
बरगदों के जड़ तक उखड़े,
सदियों से थे तुझको जकड़े,
हैं ऋणी उन सब नगों के,
जो मिटे हिंद पे अब तक
अब तो तेरा अक्स फैला कू-ब-कू है
देख यह माहौल यूँ नहीं स्वयंभू है,
बहुत खूब तन्हा जी.... मज़ा आ गया पढ़कर..!
bahut hi achchhi kavita badhai ho
saader
rachana
नभ-विजयी तिरंगा जो अपने रूबरू है,
जश्न-ए-आज़ादी की रौनक चार-सू है।
मजा आ गया तन्हा भाई....
अब तो उगल सोने-मोती,
ना कहे कोई -"किम् करोति?"
देख अपनी किस्मत तुझ-सी हू-ब-हू है,
जश्न-ए-आज़ादी की रौनक चार-सू है।
तन्हा जी ! बहुत अच्छी कविता पढ़ने मिली
सुन तू भी,ऎ इब्न-ए-हिंद!
आज़ाद लब, आज़ाद जिंद-
आज़ाद लहू तेरी रगों के,
हैं ऋणी उन सब नगों के,
जो मिटे हिंद पे अब तक,
लड़ गए बेधडक-अनथक,
देख यह माहौल यूँ नहीं स्वयंभू है,
जश्न-ए-आज़ादी की रौनक चार-सू है
VD कमाल कर दिया भाई इस बार, क्या शब्द चुने हैं, मज़ा आ गया
आज़ाद लहू तेरी रगों के,
हैं ऋणी उन सब नगों के
बहुत ही सुन्दर शब्दों के साथ बेहतरीन प्रस्तुति के लिये बधाई ।
KitKatwords English To Hindi Dictionary Online - Kitkatwords is one of the best online English to Hindi dictionary. It helps you to learn and expand your English vocabulary online. Learn English Vocabulary with Kitkatwords. Visit: http://www.kitkatwords.com
आप क्या कहना चाहेंगे? (post your comment)