टॉप १० कविताओं से आगे बढ़ते हैं। ११वें और १२वें स्थान की कविताओं का प्राप्तांक भी १०वें स्थान की कविता के लगभग बराबर ही था। इसलिए हमने इन दो कविताओं को भी प्रकाशित करने का निर्णय लिया है। इस स्थान पर अरूण मित्तल अद्भुत की एक ग़ज़ल है। अरूण मित्तल अद्भुत इससे पहले भी पुरस्कृत हो चुके हैं।
पुरस्कृत कविता- ग़ज़ल
वो धोखा दे गया हमको जरा से इक बहाने से
हमे शक उस पे था लेकिन डरे हम आजमाने से।
तेरे चेहरे पे ये मासूमियत भी खूब जमती है
क़यामत आ ही जायेगी जरा सा मुस्कुराने से।
वहां इंसानियत का खून करने वाले ही तो थे
नहीं था आग का रिश्ता किसी का घर जलाने से।
न ही जादूगिरी ना खेल है कोई तिलिस्मों का
यहाँ बनती है किस्मत अपने हाथों से बनाने से।
तुम्हे 'अद्भुत' से ही सारे मिले होंगे मगर हमको
शिकायत थी जमाने से शिकायत है जमाने से।
प्रथम चरण के जजमेंट में मिले अंक- ६॰७, ३
औसत अंक- ४॰८५
स्थान- उन्नीसवाँ
द्वितीय चरण के जजमेंट में मिले अंक- ५, ५, ४, ६॰४, ४॰८५(पिछले चरण का औसत)
औसत अंक- ५॰०५
स्थान- ग्यारहवाँ
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10 कविताप्रेमियों का कहना है :
झक्कास ! टोटल बिंदास ग़ज़ल है, बाप !!
अद्भुत है अद्भुत जी - करण जी ने ठीक ही कहा - झकास.
न ही जादूगिरी ना खेल है कोई तिलिस्मों का
यहाँ बनती है किस्मत अपने हाथों से बनाने से।
क्या बात कही है अद्भुत जी.
न ही जादूगिरी ना खेल है कोई तिलिस्मों का
यहाँ बनती है किस्मत अपने हाथों से बनाने से।
बहुत अच्छा बहुत अच्छा शेर
mujhe poori hi gazal achhi lagi
badhai
saader
rachana
हाँ , बिल्कुल मस्त रचना है |
बधाई |
अवनीश तिवारी
वहां इंसानियत का खून करने वाले ही तो थे
नहीं था आग का रिश्ता किसी का घर जलाने से।
अच्छा लिखा है
११ वे स्थान के लिए बधाई
सुमित भारद्वाज
वहां इंसानियत का खून करने वाले ही तो थे
नहीं था आग का रिश्ता किसी का घर जलाने से।
बहुत अच्छे
अरूण मित्तल अद्भुत जी,
आपने मतले मै कानून बनाया है कि पहले शेर कि दोनों पंक्तियों मै काफिया " आने "
और रदीफ़ है "से "
जिसे आपने पूरी ग़ज़ल मै अच्छे से निभाया है.
अगर भाव के रूप मै जाऊं तो.. ये दिल को छू गयी है... और पढ़ कर बार बार पढने का मन करता है..
इस से ज्यादा मै इस बारे मै क्या कह सकता हूँ...
बधाई इतनी सुन्दर रचना के लिए..
सादर
शैलेश
jabardast boss
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